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  • 1 कुरिंथियों 2:9, 10
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
    • 9 मगर ठीक जैसा लिखा है, “जो बातें आँखों ने नहीं देखीं और कानों ने नहीं सुनीं, न ही जिनका खयाल इंसान के दिल में आया, वही बातें परमेश्‍वर ने उनके लिए तैयार की हैं जो उससे प्यार करते हैं।”+ 10 इसलिए कि परमेश्‍वर ने ये बातें हम पर ज़ाहिर की हैं।+ उसने अपनी पवित्र शक्‍ति के ज़रिए हमें बताया है+ जो सब बातों की खोज करती है, यहाँ तक कि परमेश्‍वर की गहरी बातों की भी।+

  • इफिसियों 1:9-12
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
    • 9 यानी अपनी मरज़ी के बारे में पवित्र रहस्य हम पर ज़ाहिर किया।+ उसने यह रहस्य अपनी मरज़ी के मुताबिक खुद ठहराया था 10 कि तय वक्‍त के पूरा होने पर वह एक इंतज़ाम की शुरूआत करे* ताकि सबकुछ फिर से मसीह में इकट्ठा करे, चाहे स्वर्ग की चीज़ें हों या धरती की।+ हाँ, मसीह में इकट्ठा करे 11 जिसके साथ हम एकता में हैं और वारिस भी ठहराए गए हैं।+ क्योंकि परमेश्‍वर ने अपने मकसद के मुताबिक पहले से तय किया था कि वह हमें चुनेगा, हाँ उसी परमेश्‍वर ने जो अपनी मरज़ी के मुताबिक सब बातों को अंजाम देता है। 12 परमेश्‍वर ने हमें इसलिए चुना ताकि हम जो मसीह में आशा रखनेवालों में सबसे पहले हैं, हमारे ज़रिए परमेश्‍वर का गुणगान और उसकी महिमा हो।

  • इफिसियों 3:4
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
    • 4 इसलिए जब तुम यह पढ़ोगे तो जान लोगे कि मैं मसीह के पवित्र रहस्य+ की कैसी समझ रखता हूँ।

  • कुलुस्सियों 1:26, 27
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
    • 26 उस पवित्र रहस्य+ का, जिसे गुज़रे ज़मानों* और पिछली पीढ़ियों से छिपाकर रखा गया था।+ मगर अब इसे परमेश्‍वर के पवित्र जनों पर प्रकट किया गया है।+ 27 परमेश्‍वर को उन पर यह भी प्रकट करना अच्छा लगा कि इस पवित्र रहस्य की शानदार दौलत क्या है जो दूसरे राष्ट्रों में बतायी जा रही है।+ यह मसीह है जो तुम्हारे साथ एकता में है और जिसके साथ तुम महिमा पाने की आशा रखते हो।+

  • कुलुस्सियों 2:2
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
    • 2 मैं यह इसलिए कर रहा हूँ ताकि उनके दिलों को दिलासा मिले+ और वे पूरे तालमेल के साथ प्यार के बंधन में एक-दूसरे से जुड़े रहें+ और वे उस दौलत को हासिल करें जो इस बात का पूरा यकीन होने पर मिलती है कि उनकी समझ बिलकुल सही है। तब वे परमेश्‍वर के पवित्र रहस्य का यानी मसीह का सही ज्ञान हासिल कर सकेंगे।+

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