वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • मत्ती 6:25
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
    • 25 इसलिए मैं तुमसे कहता हूँ, अपने जीवन के लिए चिंता करना छोड़ दो+ कि तुम क्या खाओगे या क्या पीओगे, न ही अपने शरीर के लिए चिंता करो कि तुम क्या पहनोगे।+ क्या जीवन भोजन से और शरीर कपड़े से अनमोल नहीं?+

  • मत्ती 24:38, 39
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
    • 38 इसलिए कि जैसे जलप्रलय से पहले के दिनों में, जिस दिन तक नूह जहाज़ के अंदर न गया, उस दिन तक लोग खा-पी रहे थे और शादी-ब्याह कर रहे थे+ 39 और जब तक जलप्रलय आकर उन सबको बहा न ले गया, तब तक उन्होंने कोई ध्यान न दिया।+ इंसान के बेटे की मौजूदगी भी ऐसी ही होगी।

  • लूका 21:34
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
    • 34 मगर तुम खुद पर ध्यान दो कि हद-से-ज़्यादा खाने और पीने+ से और ज़िंदगी* की चिंताओं+ के भारी बोझ से कहीं तुम्हारे दिल दब न जाएँ और वह दिन तुम पर पलक झपकते ही अचानक

  • फिलिप्पियों 4:6, 7
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
    • 6 किसी भी बात को लेकर चिंता मत करो,+ मगर हर बात के बारे में प्रार्थना और मिन्‍नतों और धन्यवाद के साथ परमेश्‍वर से बिनतियाँ करो।+ 7 तब परमेश्‍वर की वह शांति+ जो समझ से परे है, मसीह यीशु के ज़रिए तुम्हारे दिल की+ और तुम्हारे दिमाग के सोचने की ताकत* की हिफाज़त करेगी।

  • 1 पतरस 5:6, 7
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
    • 6 इसलिए परमेश्‍वर के शक्‍तिशाली हाथ के नीचे खुद को नम्र करो ताकि वह सही वक्‍त पर तुम्हें ऊँचा करे।+ 7 और इस दौरान तुम अपनी सारी चिंताओं* का बोझ उसी पर डाल दो+ क्योंकि उसे तुम्हारी परवाह है।+

हिंदी साहित्य (1972-2025)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • गोपनीयता सेटिंग्स
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें