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मत्ती 6:25नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
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25 इसलिए मैं तुमसे कहता हूँ: अपनी जान के लिए चिंता करना बंद करो कि तुम क्या खाओगे या क्या पीओगे, न ही अपने शरीर के लिए चिंता करो कि तुम क्या पहनोगे। क्या जीवन, भोजन से और शरीर कपड़े से बढ़कर नहीं?
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मत्ती अध्ययन नोट—अध्याय 6पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
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जीवन: यूनानी शब्द साइखी। यहाँ जब यीशु ने जीवन और शरीर का ज़िक्र किया तो उसका मतलब था, जीता-जागता इंसान।
चिंता करना छोड़ दो: यहाँ यूनानी क्रिया जिस काल में लिखी है उससे पता चलता है कि एक व्यक्ति जो कर रहा है उसे रोकने की आज्ञा दी गयी है। ‘चिंता करने’ के लिए जो यूनानी शब्द है उसका मतलब ऐसी चिंता हो सकता है जिसकी वजह से एक इंसान एक बात पर ध्यान नहीं दे पाता बल्कि कई बातों के बारे में सोचता रहता है और उसकी खुशी छिन जाती है। यही शब्द मत 6:27, 28, 31, 34 में इस्तेमाल हुआ है।
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