-
मत्ती 14:24-33पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
-
-
24 अब तक चेलों की नाव किनारे से कुछ किलोमीटर दूर जा चुकी थी। नाव लहरों के थपेड़े खा रही थी क्योंकि हवा का रुख उनके खिलाफ था। 25 मगर रात के चौथे पहर यीशु पानी पर चलता हुआ उनके पास आया। 26 जैसे ही चेलों ने देखा कि वह पानी पर चल रहा है, वे घबराकर कहने लगे, “यह ज़रूर हमारा वहम* है!” और वे डर के मारे ज़ोर से चिल्लाने लगे। 27 मगर तभी यीशु ने उनसे कहा, “हिम्मत रखो, मैं ही हूँ। डरो मत।”+ 28 तब पतरस ने कहा, “प्रभु अगर यह तू है, तो मुझे आज्ञा दे कि मैं पानी पर चलकर तेरे पास आऊँ।” 29 यीशु ने कहा, “आ!” तब पतरस नाव से उतरा और पानी पर चलता हुआ यीशु की तरफ जाने लगा। 30 मगर तूफान को देखकर वह डर गया और डूबने लगा। तब वह चिल्ला उठा, “हे प्रभु, मुझे बचा!” 31 यीशु ने फौरन अपना हाथ बढ़ाकर उसे थाम लिया और उससे कहा, “अरे कम विश्वास रखनेवाले, तूने शक क्यों किया?”+ 32 जब वे दोनों नाव पर चढ़ गए, तो तूफान थम गया। 33 तब जो नाव में थे उन्होंने उसे झुककर प्रणाम किया और कहा, “तू वाकई परमेश्वर का बेटा है।”+
-
-
यूहन्ना 6:16-21पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
-
-
16 जब शाम हुई तो उसके चेले झील के किनारे गए।+ 17 वे एक नाव पर चढ़कर झील के उस पार कफरनहूम के लिए रवाना हो गए। अँधेरा हो गया था और यीशु अब तक उनके पास नहीं पहुँचा था।+ 18 और आँधी की वजह से झील में ऊँची-ऊँची लहरें उठने लगीं।+ 19 लेकिन जब चेले करीब पाँच-छ: किलोमीटर* तक नाव खे चुके थे, तो उन्होंने यीशु को झील पर चलते हुए नाव की तरफ आते देखा और वे डर के मारे थरथराने लगे। 20 मगर यीशु ने उनसे कहा, “डरो मत, मैं ही हूँ!”+ 21 तब वे उसे नाव में चढ़ाने के लिए तैयार हो गए और जल्द ही नाव उस जगह किनारे जा लगी जहाँ वे जा रहे थे।+
-