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मरकुस 6:47-51पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
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47 अब शाम ढल चुकी थी और नाव झील के बीच थी, मगर वह अकेला पहाड़ पर था।+ 48 उसने देखा कि तेज़ आँधी चल रही है और उसके चेलों को नाव खेने में बड़ी मुश्किल हो रही है क्योंकि हवा का रुख उनके खिलाफ था। तब रात के करीब चौथे पहर वह झील पर चलते हुए उनकी तरफ आया। मगर ऐसा लग रहा था जैसे वह उनसे आगे जाना चाहता है। 49 जैसे ही चेलों ने देखा कि वह पानी पर चल रहा है, उन्होंने सोचा, “यह ज़रूर हमारा वहम* है!”+ और वे ज़ोर से चिल्ला उठे। 50 क्योंकि वह उन सबको नज़र आ रहा था और वे घबरा गए। मगर उसने फौरन उनसे बात की और कहा, “हिम्मत रखो, मैं ही हूँ। डरो मत।”+ 51 फिर यीशु भी उनके पास नाव पर चढ़ गया और आँधी थम गयी।+ वे मन-ही-मन बहुत हैरान थे
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