28 हे कड़ी मज़दूरी करनेवालो* और बोझ से दबे लोगो, तुम सब मेरे पास आओ, मैं तुम्हें तरो-ताज़ा करूँगा। 29 मेरा जुआ उठाओ और मुझसे सीखो* क्योंकि मैं कोमल स्वभाव का+ और दिल से दीन हूँ+ और तुम ताज़गी पाओगे।
6 मैंने तेरा नाम उन लोगों पर ज़ाहिर किया* है जिन्हें तूने दुनिया में से मुझे दिया है।+ वे तेरे थे और तूने उन्हें मुझे दिया है और उन्होंने तेरा वचन माना है।