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  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
1 यूहन्‍ना

यूहन्‍ना की पहली चिट्ठी

1 हम तुम्हें उसके बारे में लिख रहे हैं जो जीवन का वचन है। जो शुरूआत से था और जिसकी हमने सुनी, जिसे हमने अपनी आँखों से देखा, जिस पर हमने बहुत ध्यान से गौर किया और जिसे हमने अपने हाथों से छूआ। 2 (हाँ, हमेशा की ज़िंदगी हम पर ज़ाहिर की गयी और हमने इसे देखा है और इसकी गवाही दे रहे हैं और तुम्हारे सामने इसका ऐलान कर रहे हैं। हमेशा की यह ज़िंदगी पिता से है और यह हम पर ज़ाहिर की गयी थी।) 3 और जिसे हमने देखा और सुना है उसी के बारे में हम तुम्हारे सामने भी ऐलान कर रहे हैं, ताकि तुम भी हमारे साथ साझेदार हो सको। इतना ही नहीं, हमारी यह साझेदारी पिता के साथ और उसके बेटे यीशु मसीह के साथ है। 4 और हम तुम्हें ये बातें लिख रहे हैं ताकि हमारी खुशी पूरी हो सके।

5 और जो संदेश हमने उससे सुना है वह यह है कि परमेश्‍वर रौशनी है और उसमें कुछ भी अंधकार नहीं। और यही संदेश हम तुम्हें सुना रहे हैं। 6 अगर हम यह कहें: “हमारी उसके साथ साझेदारी है,” और फिर भी हम अंधकार में चलना जारी रखते हैं, तो हम झूठ बोल रहे हैं और सच्चाई पर नहीं चल रहे। 7 लेकिन अगर हम रौशनी में चल रहे हैं जैसा वह खुद भी रौशनी में है, तो हम ज़रूर एक-दूसरे के साथ साझेदार हैं और उसके बेटे यीशु का लहू हमारे सभी पापों को धोकर हमें शुद्ध करता है।

8 अगर हम यह कहें: “हमारे अंदर पाप नहीं,” तो हम खुद को धोखा दे रहे हैं और सच्चाई हमारे अंदर नहीं है। 9 परमेश्‍वर विश्‍वासयोग्य और सच्चा है। इसलिए अगर हम अपने पाप मान लें, तो वह हमारे पाप माफ करेगा और हमें सभी दुष्ट कामों से शुद्ध करेगा। 10 अगर हम यह कहें: “हमने पाप नहीं किया,” तो हम उसे झूठा ठहराते हैं और उसका वचन हमारे अंदर नहीं है।

2 मेरे प्यारे बच्चो, मैं तुम्हें ये बातें इसलिए लिख रहा हूँ ताकि तुम कोई पाप न करो। और अगर कोई पाप कर बैठे, तो हमारे लिए एक मददगार है जो पिता के पास है, यानी यीशु मसीह जो परमेश्‍वर के स्तरों पर खरा उतरा है। 2 वह हमारे पापों के लिए, प्रायश्‍चित्त का बलिदान है जो परमेश्‍वर के साथ हमारी सुलह कराता है और सिर्फ हमारे ही पापों के लिए नहीं बल्कि सारी दुनिया के पापों के लिए भी। 3 अगर हम उसकी आज्ञाओं को मानते रहें, तो इसी से हमें मालूम होता है कि हम उसे जानते हैं। 4 जो कहता है: “मैं उसे जान गया हूँ,” और फिर भी उसकी आज्ञाओं को नहीं मानता, वह झूठा है और ऐसे इंसान में सच्चाई नहीं है। 5 मगर जो कोई उसकी आज्ञा मानता है, सचमुच उसी इंसान में परमेश्‍वर के लिए प्यार पूरी हद तक दिखायी देता है। और इसी बात से हम जान पाते हैं कि हम उसके साथ एकता में हैं। 6 जो कहता है कि मैं उसके साथ एकता में हूँ उसका यह फर्ज़ बनता है कि वह खुद भी वैसे ही जीए जैसे यीशु जीया था।*

7 मेरे प्यारो, मैं तुम्हें कोई नयी आज्ञा नहीं बल्कि एक पुरानी आज्ञा लिख रहा हूँ जो तुम्हें पहले से मिली हुई है। यह पुरानी आज्ञा वह वचन है जो तुम सुन चुके हो। 8 फिर भी, मैं तुम्हें एक नयी आज्ञा की तरह यही आज्ञा लिख रहा हूँ, जो यीशु ने भी मानी थी और तुम भी मानते हो, क्योंकि अंधकार मिटता जा रहा है और सच्ची रौशनी अभी से चमक रही है।

9 वह जो कहता है कि मैं रौशनी में हूँ, मगर फिर भी अपने भाई से नफरत करता है वह अब तक अंधकार में ही है। 10 जो अपने भाई से प्यार करता है वह रौशनी में बना रहता है और उसके मामले में गिरने की कोई वजह नहीं होती। 11 मगर जो अपने भाई से नफरत करता है वह अंधकार में है और अंधकार में चल रहा है, और नहीं जानता कि कहाँ जा रहा है क्योंकि अंधकार ने उसकी आँखों को अंधा कर दिया है।

12 प्यारे बच्चो, मैं तुम्हें इसलिए लिख रहा हूँ क्योंकि यीशु के नाम की खातिर तुम्हारे पाप माफ किए गए हैं। 13 पिताओ, मैं तुम्हें इसलिए लिख रहा हूँ क्योंकि तुम यीशु को जान गए हो जो शुरूआत से है। नौजवानो, मैं तुम्हें इसलिए लिख रहा हूँ क्योंकि तुमने उस दुष्ट पर जीत हासिल की है। बच्चो, मैं तुम्हें इसलिए लिख रहा हूँ क्योंकि तुम परमेश्‍वर हमारे पिता को जान गए हो। 14 पिताओ, मैं तुम्हें इसलिए लिख रहा हूँ क्योंकि तुम यीशु को जान गए हो जो शुरूआत से है। नौजवानो, मैं तुम्हें इसलिए लिख रहा हूँ क्योंकि तुम बलवान हो और परमेश्‍वर का वचन तुममें बना हुआ है और तुमने उस दुष्ट पर जीत हासिल की है।

15 तुम दुनिया और दुनिया की चीज़ों से प्यार करनेवाले मत बनो। अगर कोई दुनिया से प्यार करता है, तो उसमें पिता के लिए प्यार नहीं है। 16 क्योंकि दुनिया में जो कुछ है, यानी शरीर की ख्वाहिशें, आँखों की ख्वाहिशें और अपनी चीज़ों* का दिखावा, पिता की तरफ से नहीं बल्कि दुनिया की तरफ से है। 17 इतना ही नहीं, यह दुनिया मिटती जा रही है और इसके साथ इसकी ख्वाहिशें भी मिट जाएँगी, मगर जो परमेश्‍वर की मरज़ी पूरी करता है वह हमेशा तक कायम रहेगा।

18 प्यारे बच्चो, यह आखिरी वक्‍त है और जैसे तुम सुन चुके हो मसीह का विरोधी आ रहा है, यहाँ तक कि अभी-भी मसीह के बहुत-से विरोधी आ चुके हैं। और इस हकीकत से हम यह जान पाते हैं कि यह आखिरी वक्‍त है। 19 ये हमारे ही बीच से निकलकर गए हैं, मगर ये हमारे जैसे नहीं थे। क्योंकि अगर होते, तो हमारे साथ बने रहते। मगर ये निकलकर चले गए ताकि यह साफ दिखायी दे कि सारे हमारे जैसे नहीं हैं। 20 और तुम्हारा अभिषेक उस पवित्र परमेश्‍वर ने किया है; इसलिए तुम सबके पास सच्चाई का ज्ञान है। 21 मैं तुम्हें इसलिए नहीं लिख रहा कि तुम सच्चाई नहीं जानते, बल्कि इसलिए कि तुम सच्चाई जानते हो और इसलिए भी कि सच्चाई से कोई झूठ नहीं निकलता।

22 झूठा कौन है? क्या वह नहीं जो इस बात से इनकार करता है कि यीशु ही मसीह* है? यही मसीह का विरोधी है, जो पिता का और बेटे का इनकार करता है। 23 हर कोई जो बेटे का इनकार करता है वह पिता के साथ भी एकता में नहीं है। जो बेटे पर विश्‍वास करने का ऐलान करता है वह पिता के साथ भी एकता में है। 24 जहाँ तक तुम्हारी बात है, जो तुमने शुरू में सुना था वह तुममें बना रहे। तुमने शुरू में जो सुना था अगर वह तुममें बना रहता है, तो तुम बेटे के साथ और पिता के साथ भी एकता में रहोगे। 25 इसके अलावा, उसने खुद हमसे जिस चीज़ का वादा किया है वह है, हमेशा की ज़िंदगी।

26 मैं ये बातें तुम्हें उन लोगों के बारे में लिख रहा हूँ जो तुम्हें गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। 27 जहाँ तक तुम्हारी बात है, परमेश्‍वर ने अपनी पवित्र शक्‍ति से तुम्हारा अभिषेक किया है और यह पवित्र शक्‍ति तुममें बनी रहती है। और तुम्हें इस बात की ज़रूरत नहीं कि कोई तुम्हें सिखाए। मगर परमेश्‍वर तुम्हारा अभिषेक करने के ज़रिए तुम्हें सब बातें सिखा रहा है। तुम्हारा यह अभिषेक सच्चा है, झूठा नहीं। और ठीक जैसा इसने तुम्हें सिखाया है, तुम उसके साथ एकता में बने रहो जिसने तुम्हारा अभिषेक किया है। 28 इसलिए, प्यारे बच्चो, उसके साथ एकता में बने रहो, ताकि जब वह ज़ाहिर किया जाएगा तो हमारे पास बेझिझक बोलने की हिम्मत होगी और उसकी मौजूदगी* के दौरान हमें शर्मिंदा कर दूर नहीं कर दिया जाएगा। 29 अगर तुम जानते हो कि यीशु परमेश्‍वर के स्तरों पर खरा उतरा है, तो तुमने यह भी जान लिया कि हर कोई जो परमेश्‍वर के स्तरों के मुताबिक सही काम करता है वह परमेश्‍वर से पैदा हुआ है।

3 देखो, हमारे परमेश्‍वर, पिता ने हमसे किस कदर प्यार किया है कि हमें अपने बच्चे कहलाने का सम्मान दिया है। दरअसल हम परमेश्‍वर के बच्चे हैं भी। यह दुनिया हमारे बारे में नहीं जानती, क्योंकि दुनिया ने पिता को नहीं जाना है। 2 मेरे प्यारो, हम परमेश्‍वर के बच्चे हैं, मगर अब तक यह ज़ाहिर नहीं हुआ है कि हम भविष्य में कैसे होंगे। हम यह ज़रूर जानते हैं कि जब भी वह ज़ाहिर होगा तो हम उसके जैसे हो जाएँगे क्योंकि हम उसे वाकई देखेंगे। 3 और हर कोई जो उस पर अपनी आशा रखता है वह खुद को वैसे ही शुद्ध करता है जैसे वह शुद्ध है।

4 हर कोई जो पाप करता रहता है, वह कानून को तोड़ता रहता है, इसलिए पाप का मतलब कानून के खिलाफ जाना है। 5 तुम यह भी जानते हो कि यीशु हमारे पाप उठा ले जाने के लिए आया और उसमें कोई पाप नहीं है। 6 हर कोई जो उसके साथ एकता में बना रहता है वह पाप करता नहीं रहता। जो कोई पाप करता रहता है उसने न तो उसे देखा है, न ही उसे जाना है। 7 प्यारे बच्चो, कोई तुम्हें गुमराह न करे। जो सही कामों में लगा रहता है वह नेक है, ठीक जैसे यीशु नेक है। 8 जो पाप करता रहता है वह शैतान* से है क्योंकि शैतान शुरूआत से पाप करता रहा है। परमेश्‍वर के बेटे को इस मकसद से ज़ाहिर किया गया कि वह शैतान के कामों को नष्ट कर दे।

9 हर कोई जो परमेश्‍वर से पैदा हुआ है वह पाप करता नहीं रहता, क्योंकि उसका बीज उसमें बना रहता है और वह पाप में लगा नहीं रह सकता क्योंकि वह परमेश्‍वर से पैदा हुआ है। 10 परमेश्‍वर के बच्चों और शैतान के बच्चों की पहचान इस बात से होती है: हर कोई जो नेकी के काम नहीं करता रहता वह परमेश्‍वर से नहीं है, न ही वह परमेश्‍वर से है जो अपने भाई से प्यार नहीं करता। 11 इसलिए कि शुरूआत से तुमने यही संदेश सुना है कि हममें एक-दूसरे के लिए प्यार होना चाहिए 12 और हमें कैन जैसा नहीं होना चाहिए जो उस दुष्ट* से था और जिसने अपने भाई का बेरहमी से कत्ल कर दिया। आखिर क्यों उसने उसका कत्ल कर दिया? क्योंकि उसके खुद के काम दुष्ट थे मगर उसके भाई के काम नेकी के थे।

13 भाइयो, इस बात पर ताज्जुब मत करो कि दुनिया तुमसे नफरत करती है। 14 हम जानते हैं कि हम मानो मरे हुए थे मगर अब ज़िंदा हो गए हैं, क्योंकि हम भाइयों से प्यार करते हैं। जो प्यार नहीं करता वह अभी-भी मौत की हालत में है। 15 हर कोई जो अपने भाई से नफरत करता है वह हत्यारा है, और तुम जानते हो कि किसी भी हत्यारे के लिए हमेशा की ज़िंदगी नहीं है। 16 प्यार क्या है, यह हमने इस बात से जाना है कि यीशु मसीह ने हमारे लिए अपनी जान न्यौछावर कर दी और हमारा यह फर्ज़ बनता है कि हम अपने भाइयों के लिए अपनी जान न्यौछावर करें। 17 लेकिन अगर किसी के पास गुज़र-बसर करने के लिए दुनिया के साधन हों और वह देखे कि उसका भाई ज़रूरत में है और फिर भी वह उसकी तरफ अपनी दया* के दरवाज़े बंद कर लेता है, तो ऐसे इंसान में परमेश्‍वर के लिए प्यार कैसे बना रह सकता है? 18 प्यारे बच्चो, हम सिर्फ बातों से या ज़ुबान से नहीं बल्कि अपने कामों से और सच्चे दिल से प्यार करें।

19 इसी प्यार से हम जान लेंगे कि हम सच्चाई के हैं, और ऐसी हर बात में हम अपने दिलों को परमेश्‍वर के प्यार का यकीन दिलाएँगे 20 जिसमें हमारा दिल हमें दोषी ठहराता है, क्योंकि परमेश्‍वर हमारे दिलों से बड़ा है और सारी बातें जानता है। 21 मेरे प्यारो, जब हमारा दिल हमें दोषी नहीं ठहराता, तो हम परमेश्‍वर से बेझिझक बात करने की हिम्मत कर सकते हैं। 22 और हम उससे चाहे जो भी माँगें हम पाते हैं क्योंकि हम उसकी आज्ञाओं का पालन कर रहे हैं और वही काम कर रहे हैं जो उसकी नज़रों में अच्छा है। 23 वाकई, यह उसकी आज्ञा है कि हम उसके बेटे यीशु मसीह के नाम पर विश्‍वास रखें और एक-दूसरे से प्यार करते रहें, ठीक जैसे उसने हमें आज्ञा दी है। 24 और जो उसकी आज्ञाओं का पालन करता है वह उसके साथ एकता में बना रहता है और वह भी ऐसे इंसान के साथ एकता में बना रहता है, और इसी से हम जान पाते हैं कि वह हमारे साथ एकता में बना रहता है क्योंकि वह हमें अपनी पवित्र शक्‍ति देता है।

4 मेरे प्यारो, ऐसे हर संदेश पर यकीन न करो जो लगता है कि परमेश्‍वर की तरफ से आया है,* मगर हर संदेश को यह जानने के लिए परखो कि वह सचमुच परमेश्‍वर की तरफ से है या नहीं, क्योंकि दुनिया में बहुत-से झूठे भविष्यवक्‍ता निकल पड़े हैं।

2 कोई संदेश परमेश्‍वर की तरफ से है या नहीं, यह तुम इस तरह जान सकते हो: हर संदेश जो परमेश्‍वर की तरफ से आता है, उसमें यह स्वीकार किया जाता है कि यीशु मसीह हाड़-माँस का इंसान बनकर आया था, 3 मगर ऐसा हर संदेश जिसमें यीशु के बारे में यह स्वीकार नहीं किया जाता, वह परमेश्‍वर की तरफ से नहीं है। बल्कि वह संदेश मसीह के विरोधी की तरफ से है। तुमने सुना है कि यह संदेश आनेवाला है और अब यह दुनिया में आ चुका है।

4 प्यारे बच्चो, तुम परमेश्‍वर से हो और तुमने इन लोगों पर जीत हासिल की है, क्योंकि परमेश्‍वर जो तुम्हारे साथ एकता में है, वह शैतान से बड़ा है जो दुनिया के साथ एकता में है। 5 ये लोग दुनिया से हैं। इसलिए वे वही बातें कहते हैं जो दुनिया की तरफ से हैं और दुनिया उनकी सुनती और मानती है। 6 हम परमेश्‍वर से हैं। जो परमेश्‍वर के बारे में ज्ञान हासिल करता है वह हमारी सुनता है। जो परमेश्‍वर से नहीं है वह हमारी नहीं सुनता। इसी तरह हम समझ पाते हैं कि दिया गया कौन-सा संदेश* सच्चाई से है और कौन-सा झूठ से।

7 मेरे प्यारो, हम एक-दूसरे से प्यार करते रहें, क्योंकि प्यार परमेश्‍वर से है और हर कोई जो प्यार करता है वह परमेश्‍वर से पैदा हुआ है और परमेश्‍वर के बारे में ज्ञान हासिल करता है। 8 जो प्यार नहीं करता वह परमेश्‍वर को नहीं जान पाया है, क्योंकि परमेश्‍वर प्यार है। 9 हमारे मामले में परमेश्‍वर का प्यार इस बात से ज़ाहिर हुआ कि परमेश्‍वर ने अपना इकलौता बेटा दुनिया में भेजा ताकि हम उसके ज़रिए जीवन पा सकें। 10 इस बात में जो प्यार है वह इस मायने में ज़ाहिर नहीं हुआ कि हमने परमेश्‍वर से प्यार किया बल्कि इस मायने में कि परमेश्‍वर ने हमसे प्यार किया और अपने बेटे को हमारे पापों के लिए प्रायश्‍चित्त बलिदान के रूप में भेजा ताकि परमेश्‍वर के साथ हमारी सुलह हो।

11 मेरे प्यारो, जब परमेश्‍वर ने हमसे इस कदर प्यार किया है, तो फिर हमारा यह फर्ज़ बनता है कि हम भी एक-दूसरे से प्यार करें। 12 किसी ने कभी-भी परमेश्‍वर को नहीं देखा है। अगर हम एक-दूसरे से प्यार करते रहें, तो परमेश्‍वर अब भी हमारे साथ है और हमारे अंदर उसका प्यार पूरी हद तक दिखायी देता है। 13 उसने हमें अपनी पवित्र शक्‍ति दी है, इस बात से हम जानते हैं कि हम उसके साथ एकता में बने हुए हैं और वह हमारे साथ एकता में है। 14 इसके अलावा, हमने खुद देखा है और यह गवाही भी दे रहे हैं कि पिता ने अपने बेटे को दुनिया का उद्धारकर्त्ता बनाकर भेजा। 15 जो इंसान यह स्वीकार करता है कि यीशु मसीह, परमेश्‍वर का बेटा है, परमेश्‍वर उसके साथ एकता में बना रहता है और वह परमेश्‍वर के साथ एकता में रहता है। 16 हमारे मामले में परमेश्‍वर ने जो प्यार दिखाया है उसे हम खुद जानते हैं और उस पर यकीन करते हैं।

परमेश्‍वर प्यार है और जो लगातार प्यार दिखाता है वह परमेश्‍वर के साथ एकता में बना रहता है और परमेश्‍वर उसके साथ एकता में बना रहता है। 17 हमारे मामले में प्यार इस मायने में पूरी हद तक दिखाया गया है कि न्याय के दिन हमें बेझिझक होकर बोलने की हिम्मत मिले, क्योंकि इस दुनिया में हम ठीक वैसे ही हैं जैसे मसीह है। 18 प्यार में डर नहीं होता, बल्कि जो प्यार पूरा है वह डर को दूर कर देता है, क्योंकि डर रुकावट का काम करता है। हाँ, जिसमें डर समाया हुआ है उसमें पूरी हद तक प्यार नहीं है। 19 जहाँ तक हमारी बात है, हम इसलिए प्यार करते हैं क्योंकि पहले परमेश्‍वर ने हमसे प्यार किया।

20 अगर कोई यह कहता है: “मैं परमेश्‍वर से प्यार करता हूँ,” और फिर भी अपने भाई से नफरत कर रहा है, तो वह झूठा है। क्योंकि जो अपने भाई से जिसे उसने देखा है प्यार नहीं करता, वह परमेश्‍वर से जिसे उसने नहीं देखा प्यार नहीं कर सकता। 21 और हमने उससे यह आज्ञा पायी है कि जो परमेश्‍वर से प्यार करता है उसे अपने भाई से भी प्यार करना चाहिए।

5 हर कोई जो विश्‍वास करता है कि यीशु ही मसीह है, वह परमेश्‍वर से पैदा हुआ है, और हर कोई जो उस पैदा करनेवाले परमेश्‍वर से प्यार करता है, वह उसके बच्चों से भी प्यार करता है। 2 जब हम परमेश्‍वर से प्यार करते हैं और उसकी आज्ञाओं को मानते हैं तो इसी से हम जानते हैं कि हम परमेश्‍वर के बच्चों से प्यार करते हैं। 3 क्योंकि परमेश्‍वर से प्यार करने का मतलब यही है कि हम उसकी आज्ञाओं पर चलें; और उसकी आज्ञाएँ हम पर बोझ नहीं हैं, 4 क्योंकि हर कोई जो परमेश्‍वर से पैदा हुआ है वह दुनिया पर जीत हासिल करता है। और जिस जीत से हमने दुनिया पर जीत हासिल की है, वह है हमारा विश्‍वास।

5 कौन है जो दुनिया पर जीत हासिल करता है? वही जिसमें यह विश्‍वास है कि यीशु, परमेश्‍वर का बेटा है। 6 यही है जो पानी और लहू के ज़रिए आया, यानी यीशु मसीह; सिर्फ पानी के साथ नहीं मगर पानी और लहू के साथ। और जो गवाही दे रही है वह पवित्र शक्‍ति है, क्योंकि पवित्र शक्‍ति सच्ची गवाही देती है। 7 इसलिए कि गवाही देनेवाले तीन हैं, 8 पवित्र शक्‍ति, पानी और लहू और ये तीनों एक ही बात पर सहमत हैं।

9 अगर हम इंसानों की गवाही को मानते हैं, तो परमेश्‍वर की गवाही तो उससे भी बढ़कर है, क्योंकि परमेश्‍वर इस बात के सच होने की गवाही देता है कि उसने अपने बेटे के बारे में गवाही दी है। 10 जो इंसान परमेश्‍वर के बेटे पर विश्‍वास करता है वह अपने मामले में परमेश्‍वर की इस गवाही पर यकीन करता है। जो इंसान परमेश्‍वर पर विश्‍वास नहीं करता, उसने उसे झूठा ठहराया है क्योंकि उसने उसकी गवाही पर, यानी परमेश्‍वर ने अपने बेटे के बारे में जो गवाही दी है, उस पर विश्‍वास नहीं किया है। 11 और वह गवाही यह है कि परमेश्‍वर ने हमें हमेशा की ज़िंदगी दी है और यह ज़िंदगी उसके बेटे में है। 12 जो बेटे को स्वीकार करता है उसके पास यह ज़िंदगी है। जो परमेश्‍वर के बेटे को स्वीकार नहीं करता, उसके पास यह ज़िंदगी नहीं है।

13 मैं तुम्हें ये बातें इसलिए लिखता हूँ ताकि तुम यह जान सको कि तुम्हारे पास हमेशा की ज़िंदगी है, क्योंकि तुम वे हो जिन्होंने परमेश्‍वर के बेटे के नाम पर अपना विश्‍वास रखा है। 14 हमें परमेश्‍वर के बारे में यह भरोसा है कि हम उसकी मरज़ी के मुताबिक चाहे जो भी माँगें वह हमारी सुनता है। 15 और अगर हम जानते हैं कि हम जो भी माँग रहे हैं वह हमारी सुनता है, तो हम यह भी जानते हैं कि हमने जो कुछ उससे माँगा है वह हमें मिलना ही है, क्योंकि हमने उससे माँगा है।

16 अगर कोई अपने भाई को ऐसा पाप करते हुए देख लेता है जिसका अंजाम मौत नहीं है, तो वह अपने भाई के लिए प्रार्थना करे, और परमेश्‍वर उसे जीवन देगा, हाँ उन्हें जिन्होंने ऐसा पाप नहीं किया जिसका अंजाम मौत है। मगर ऐसा पाप भी है जिसका अंजाम मौत है। मैं ऐसा पाप करनेवाले के बारे में प्रार्थना करने के लिए नहीं कहता। 17 दुष्टता के सारे काम पाप हैं। मगर ऐसा पाप भी है जिसका अंजाम मौत नहीं है।

18 हम जानते हैं कि हरेक इंसान जो परमेश्‍वर से पैदा हुआ है वह पाप करने में लगा नहीं रहता, मगर ऐसे इंसान पर वह* जो परमेश्‍वर से पैदा हुआ है, निगरानी रखता है और ऐसे इंसान पर वह दुष्ट* पकड़ हासिल नहीं कर पाता। 19 हम जानते हैं कि हम परमेश्‍वर से हैं, मगर सारी दुनिया शैतान* के कब्ज़े में पड़ी हुई है। 20 मगर हम जानते हैं कि परमेश्‍वर का बेटा आया है और उसने हमें दिमागी काबिलीयत दी है कि हम सच्चे परमेश्‍वर के बारे में ज्ञान हासिल करें। और हम उस सच्चे परमेश्‍वर के बेटे यीशु मसीह के ज़रिए परमेश्‍वर के साथ एकता में हैं। वही सच्चा परमेश्‍वर है और हमेशा की ज़िंदगी वही देता है। 21 प्यारे बच्चो, खुद को मूरतों से बचाए रखो।

1यूह 2:6 शाब्दिक, “वैसे ही चलता रहे जैसे वह चला।”

1यूह 2:16 या, “जीवन के साधनों।”

1यूह 2:22 या, “अभिषिक्‍त जन, मसीहा।” मत्ती 1:1 फुटनोट देखें।

1यूह 2:28 अतिरिक्‍त लेख 5 देखें।

1यूह 3:8 शाब्दिक, “इब्‌लीस।” यूनानी में “दियाबोलोस,” जिसका मतलब है “निंदा करनेवाला।”

1यूह 3:12 यानी, शैतान।

1यूह 3:17 या, “कोमल करुणा।”

1यूह 4:1 यूनानी नफ्मा। अतिरिक्‍त लेख 7 देखें।

1यूह 4:6 यूनानी में, नफ्मा।

1यूह 5:18 यह यीशु मसीह को दर्शाता है।

1यूह 5:18 यह शैतान को दर्शाता है।

1यूह 5:19 शाब्दिक, “उस दुष्ट।”

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
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