यशायाह का बड़ा खर्रा
तसवीर में यशायाह के खर्रे (1QIsa) का एक हिस्सा दिखाया गया है जो 1947 में मृत सागर के पास कुमरान की एक गुफा में मिला था। माना जाता है कि यह खर्रा ईसा पूर्व 125 से 100 का है। यहाँ जो हिस्सा उभारकर दिखाया गया है, वह यशायाह 61:1, 2 की आयत है और यीशु ने नासरत की एक सभा-घर में यही अध्याय पढ़कर सुनाया था। यह खर्रा चर्मपत्र की 17 पट्टियों को जोड़कर बनाया गया है और हर पट्टी को सन के धागे से सिला गया है। हर पट्टी की औसत ऊँचाई 10.3 इंच (26.4 सें.मी.) है। इसकी लंबाई करीब 10 इंच (करीब 25.2 सें.मी.) से लेकर करीब 25 इंच (करीब 62.8 सें.मी.) तक है। अब जो खर्रा उपलब्ध है, उसकी कुल लंबाई 24 फुट (7.3 मी.) है। यीशु ने शायद ऐसा ही एक खर्रा खोलकर वह ‘जगह ढूँढ़ निकाली’ होगी जहाँ मसीहा के बारे में भविष्यवाणी की गयी थी। (लूक 4:17) इस हिस्से में उन तीन जगहों पर घेरे बनाए गए हैं जहाँ परमेश्वर का नाम इब्रानी के चार अक्षरों में लिखा है।
चित्र का श्रेय:
Shrine of the Book, Photo © The Israel Museum, Jerusalem, by Ardon Bar-Hama
आयतें: