कौवा
बाइबल में जिस पक्षी का ज़िक्र सबसे पहले आया है, वह है कौवा। (उत 8:7) यह काफी देर तक उड़ान भर सकता है और माना जाता है कि बाकी पक्षियों की तुलना में होशियार है और मुश्किल-से-मुश्किल हालात में भी ज़िंदा रह सकता है। यहोवा जब अय्यूब को सृष्टि में पायी जानेवाली बुद्धि के बारे में सिखा रहा था, तो उसने कहा कि वह ‘कौवे को खिलाता है।’ (अय 38:41) भजन के लेखक ने कहा कि कौवा जब अपने भूखे बच्चों को खिलाता है, तो दरअसल यहोवा उनके खाने का इंतज़ाम करता है। (भज 147:9) यीशु ने भी कौवों के बारे में इससे मिलती-जुलती बात कही और अपने चेलों को भरोसा दिलाया कि जब यहोवा ऐसे पक्षियों का पेट भर सकता है तो अपने सेवकों की ज़रूरतें भी पूरी कर सकता है। कानून के करार के मुताबिक कौवा अशुद्ध पक्षी था और इसे खाना मना था। (लैव 11:13, 15) तो अगर परमेश्वर अशुद्ध कौवों को खिला सकता है, तो हम यकीन रख सकते हैं कि वह ऐसे लोगों को कभी नहीं छोड़ेगा जो उस पर भरोसा रखते हैं।
चित्र का श्रेय:
Lior Kislev
आयतें: