दुनिया पर नज़र रखना
यूरोपीय अदालत यूनानी गवाहों के पक्ष में निर्णय लेती है
मई २५, १९९३ के दिन, यहोवा के गवाहों ने मानव अधिकारों की यूरोपीय अदालत जो स्ट्रैस्बर्ग, फ्रान्स में बैठती है, के द्वारा दिए गए निर्णय में एक मुख्य क़ानूनी विजय प्राप्त की। मुक़द्दमे में एक ८३-वर्षीय गवाह, मीनोस कोकीनाकीस शामिल था, जिस पर ग़ैरकानूनी धर्मप्रचार का इलज़ाम लगाया गया था। क्रेत में लसीथी फ़ौजदारी अदालत द्वारा उसे मार्च २०, १९८६ के दिन चार महीनों के लिए जेल की सज़ा दी गयी। लेकिन, यूरोपीय अदालत के आदेश ने छः के विरुद्ध तीन न्यायाधीशों के निर्णय से उसकी दोषसिद्धि को पलट दिया। दशाब्दियों से यूनान की सरकार ने, यूनानी ऑरथोडॉक्स गिरजे द्वारा अत्यधिक प्रभावित होकर, हज़ारों यहोवा के गवाहों को ग़ैरक़ानूनी धर्मप्रचार के इलज़ामों के तहत गिरफ़्तार किया है। इस मुक़द्दमे में यूरोपीय अदालत ने पाया कि यूनान सरकार ने यूरोपीय समझौते के तहत श्री. कोकीनाकीस के अधिकारों का उल्लंघन किया है। यूनान में २६,००० से भी अधिक गवाह आशा करते हैं कि यह निर्णय उनकी सताहट को ख़त्म करेगा और उनकी वैध सेवा को शान्ति से करने की अनुमति देगा।
नींद का कर्ज़
वेज़ा पत्रिका कहती है: “कम नींद करनेवाले लोग बाक़ी सभी लोगों की तरह चल, सुन, और देख सकते हैं। तथापि, अनुसंधान दिखाता है कि उनकी तर्क करने की क्षमता, निर्णय करने और सतर्क रहने की शक्ति कमज़ोर हो जाती हैं।” यह लेख उन विशेषज्ञों को उद्धृत करता है जो ज़रूरी नींद न करने के ख़तरों के बारे में चेतावनी देते हैं। ब्राज़ील की निद्रा संस्था के अध्यक्ष डॉ. डनिस मारटीनेज़ द्वारा लिया गया एक सर्वेक्षण दिखाता है कि “काम के वक़्त होनेवाली १० में से २ दुर्घटनाएँ रात को कम नींद लेने की वजह से होती हैं।” डॉ. मारटीनेज़ चेतावनी देता है कि जो कम नींद करते हैं, “उदाहरण के लिए, जो तीन नौकरियाँ करते हैं, . . . सिर्फ़ अपने स्वास्थ्य को नौकरी के बाज़ार में बेच रहे हैं।”
कभी भी बहुत बूढ़े नहीं
‘आप सीखने के लिए कभी भी बहुत बूढ़े नहीं होते।’ इस पुरानी कहावत को उदाहरण देकर समझाने के लिए, प्रसन्नचित्त ९३-वर्षीय, बरनाबे एवोनहेलिस्टा, दो सालों में अपने विश्वविद्यालय अध्ययन की समाप्ति की अपेक्षा कर रहा है। वह स्पेन में, वेलनसिया विश्वविद्यालय में कला का अध्ययन कर रहा है और अपने अध्ययन के प्रति समर्पण ने उसे पहले ही उल्लेखनीय विद्वत्तापूर्ण उपलब्धि के लिए पुरस्कार प्राप्त कराया है। “पढ़ाई सबसे सुंदर काम है,” बरनाबे समझाता है, जो विश्वविद्यालय में हर सुबह आठ बजे आता है और अकसर उसकी शाम की क्लास रात नौ बजे तक समाप्त नहीं होतीं। बरनाबे विश्वास करता है कि वृद्ध लोगों को अध्ययन करने का एक सुवर्ण अवसर है। “यह जीवन का वह समय है जब इसे करने के लिए आपके पास समय है,” वह कहता है। उसकी पत्नी कहती है कि सक्रिय रहना उसके जीवन को एक उद्देश्य देता है।
महिला कर्मचारियों का सताया जाना
टोरोन्टो अस्पताल, टोरोन्टो, कनाडा, में लिए गए हाल ही के एक सर्वेक्षण ने प्रकट किया कि वहाँ ७० प्रतिशत महिला कर्मचारियों ने काम के वक़्त लैंगिक रूप से सताए जाने की शिकायत की। द टोरोन्टो स्टार के अनुसार, २ प्रतिशत स्त्रियों ने लैंगिक आक्रमण किए जाने की रिपोर्ट की और १ प्रतिशत ने संभोग करने के लिए धमकाए जाने की रिपोर्ट की। कई स्त्रियाँ कहती हैं कि उन्हें “अनादर के साथ और अनुचित रूप से अनौपचारिक तरीके से सम्बोधित किया गया है” और एक बड़ी मात्रा ने “लैंगिक मज़ाकों की शिकायत की।” स्टार रिपोर्ट करता है कि लगभग ६० प्रतिशत महिला कर्मचारी “अकसर” अस्पताल “के कुछ क्षेत्रों में असुरक्षित महसूस करती हैं।”
जापानी विश्वविद्यालय में बाइबल के क्लास
द डेलि योमियुरि रिपोर्ट करती है कि जापान के सुप्रसिद्ध वासेडा विश्वविद्यालय में, साहित्य विभाग के विद्यार्थियों के हाल ही में लिए गए एक सर्वेक्षण ने ज़ाहिर किया कि “अनेक विद्यार्थी गौरवग्रन्थों और विशेषकर बाइबल के बारे में ज़्यादा सीखने के लिए उत्सुक हैं, जिसे विदेशी संस्कृतियों को समझने के लिए अनिवार्य महसूस किया गया।” इस विश्वविद्यालय ने, जो पहले ही साहित्य के क्षेत्र में प्रतिष्ठा हासिल कर चुका है, १९९३ के ग्रीष्मकालीन सत्र की शुरूआत से अपने पाठ्यक्रम में बाइबल क्लास जोड़ दिए हैं। जब से शिक्षा मंत्रालय ने दो वर्ष पहले विश्वविद्यालयों को अपने शिक्षा कार्यक्रमों का समंजन करने की आज़ादी दी है, यह जापान में पहला ऐसा किस्सा है जिसमें विद्यार्थियों को स्कूल के पाठ्यक्रम को बनाने में भाग लेने के लिए अनुमति दी गई है।
क्या एडस् नियंत्रण के बाहर है?
क्या एडस् का संसारव्याप्त फैलाव नियंत्रण के बाहर है? शायद है, अमरीका में हार्वर्ड विश्वविद्यालय में स्थित विश्वव्याप्त एडस् कार्यनीति संघ (Global Aids Policy Coalition) द्वारा संकलित १,०००-पृष्ठ की रिपोर्ट ने कहा। द गार्डियन वीकली (The Guardian Weekly) के अनुसार, रिपोर्ट दिखाती है कि कोई भी राष्ट्र एडस् के फैलाव को रोक नहीं सका है और जो कहते हैं कि यह रोग यूरोप में अपने शिखर पर पहुँचा है ग़लत हो सकते हैं। रिपोर्ट कहती है: “एच.आइ.वी/एडस् महामारी एक नए, और ज़्यादा खतरनाक़ दौर में प्रवेश कर रही है। जैसे-जैसे यह विश्वव्यापी ख़तरा बढ़ता जाता है, बढ़ते हुए आत्मसन्तोष, निरन्तर इनकार, और भेदभाव में फिर से उत्थान के बहुत से चिह्न नज़र आ रहे हैं।”
बाल-वेश्यावृत्ति एशिया में फल-फूल रही है
“दस वर्ष की उम्र में तुम एक युवा वयस्क हो, बीस वर्ष में एक वृद्ध स्त्री हो, और तीस वर्ष में तुम मर जाती हो।” नैशनल जियोग्रैफिक ट्रैव्लर (National Geographic Traveler) पत्रिका के अनुसार, यह बैङ्गकॉक, थाईलैन्ड, की बाल वेश्याओं के बारे में एक सामान्य कहावत है। एशिया में लगभग १० लाख बाल वेश्याएँ हैं, जिनमें से अधिकतर १० वर्ष से भी छोटी हैं। पत्रिका नोट करती है कि पर्यटन इस फलते-फूलते ग़ैर-कानूनी उद्योग को पोषण दे रहा है। आस्ट्रेलिया, जापान, अमरीका, और पश्चिम यूरोप में कई बाल-वेश्यावृत्ति संस्थाएँ एशिया के देशों में ‘मैथुन यात्राओं’ को बढ़ावा देती हैं। लंडन की द टाइमस् (The Times) ने हाल ही में रिपोर्ट किया कि प्रति वर्ष कुछ ५,००० लड़कियों को नेपाल के पहाड़ों से लाकर बम्बई, भारत, के वेश्यालयों में वेश्याएँ बनने के लिए “भरती” किया जाता है। वहाँ अब क़रीबन २,००,००० लड़कियाँ हैं, और उनमें से लगभग आधी एच.आइ.वी जीवाणु से संक्रमित हैं, जो एडस् का कारण है। एक अत्यधिक सुव्यवस्थित व्यापार तो पश्चिम यूरोप और अमरीका को लड़कियाँ निर्यात भी करता है।
मिनटों में भक्ति
“चर्च सेवा को सुबह ११ बजे से लेकर एक घंटे या उससे ज़्यादा देर तक चलने की क्या ज़रूरत है?” टाइमस्-वेस्ट वर्जीनियन (Times-West Virginian) में प्रकाशित असोसिएटिड प्रेस रिपोर्ट के अनुसार, बैपटिस्ट पादरी द्वारा फ्लोरिडा, यू.एस्.ए. में उठाए गए इस सवाल ने एक पूर्वानुमेय हल संभव किया है। पादरी एक “संहत छोटी २२-मिनट की आराधना” प्रस्तुत करता है जो, वह दावा करता है, उसे “उपदेश देने, स्तोत्र गान का नेतृत्व करने, शास्त्रवचन पढ़ने, प्रार्थना करने और कलीसिया को गिरजे से निकलने” का समय देगी। असोसिएटिड प्रेस के अनुसार, उपदेश तो सिर्फ़ आठ मिनटों तक सीमित होगा, जिससे पादरी को “गिरजे के लिए वो करने का वक़्त मिलेगा जो [मिनटों में नाश्ता बनानेवाला भोजनालय] मैकडॉनल्डस् भोजन के लिए करते हैं।” लेकिन, रिपोर्ट आगे कहती है, “चंदा इकट्ठा करने की प्लेट को घुमाने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा।”
पशुओं के लिए मिस्सा
ऐसा लगता है कि हाल ही में इटली के पादरियों द्वारा पशुओं को विशिष्ट ध्यान दिया जा रहा है। फ्रैंनसिसकन्स् की धार्मिक व्यवस्था ने हाल ही में जेस्युइट्स् पर “विधर्मी” और “सृष्टि के शत्रु” होने का इलज़ाम लगाया क्योंकि उन्होंने कहा कि पशु “प्रेम करने के योग्य नहीं हैं।” कैथोलिक धर्माधिकारी मारियो कॉनचॉनी ने गिरजे के नज़रिए को इस प्रकार ज़ाहिर किया: “यह [कैथोलिक] गिरजा सभी जीवित प्राणियों के लिए खुला है।” सो, इटली के समाचारपत्र ला रेपूबब्लिका (La Repubblica) के अनुसार, रोम में गिरजा जानेवाले अपने “छोटे पालतू दोस्तों” के लिए काफ़ी अर्से से आशिषें हासिल करते आए हैं। ऐसे ही अवसर की घोषणा करते हुए, समाचार पत्र विवरण करता है कि “उनके साथ जिन्हें ज़्यादा बेहतर रूप से ईसाई कहा जा सकता है, बिल्लियाँ, कुत्ते, तोते, खरगोश और वे सभी प्रकार के जन्तु भी उपस्थित हो सकते हैं जिनके लिए आशिष की इच्छा की जाती है।”
नेत्र आयास कम करना
यदि टेलिविज़न या कम्प्यूटर स्क्रीन देखते-देखते आप नेत्र आयास से पीड़ित हैं, तो सिर्फ़ उसे थोड़ा नीचे रखकर ऊपर की ओर उसे अभिमुख करने से आपको आराम मिल सकता है। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन (New England Journal of Medicine) से यह सलाह इस पूर्वानुमान पर आधारित है कि लोग सामने देखते वक़्त अपनी आँखें बड़ी करते हैं और अपनी पलकें कम झपकते हैं बजाय तब जब वह नीचे की तरफ़ देखते हैं। पलकें कम झपकने का अर्थ है आँखों की नमी कम होना, और आँखों को बड़ी करने से आँखों की नमी की रक्षात्मक परत का वाष्पीकरण बढ़ता है।
बिक्री के लिए गिरजे
इटली में रोमन कैथोलिक गिरजे को निश्चित रूप से पता नहीं कि वह कितनी धार्मिक इमारतों का मालिक है, लेकिन एक बात निश्चित है: वह इन सबको सँभाल नहीं सकता है। धीरे-धीरे खराब होनेवाली त्यागी हुई गिरजा इमारतों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसलिए, काऊन्सिल फॉर द कल्चरल हेरिटेज ऑफ द इटैलियन चर्च के अध्यक्ष, पीट्रो आनटोन्यो गॉरलॉटो, ने कहा कि गिरजा इस बात का अवलोकन कर रहा है कि धार्मिक उद्देश्यों के लिए उपयोग नहीं की जा रहीं कुछेक इमारतों को बेचा जाए या नहीं। कितने गिरजे बिक्री के लिए प्रस्तुत किए जाएँगे? ईल मेस्साजेरो (Il Messaggero) में बिशप विवरण देता है कि इटली में ९५,००० से अधिक गिरजों में से “एक अंदाज़न प्रारम्भिक अनुमान १० प्रतिशत का आँकड़ा सूचित करता है।”
धीरे-धीरे दौड़ने का आयास
बर्लिन, जर्मनी में विकलाँग-चिकित्सा विश्वविद्यालय निदान-गृह (Orthopedic University Clinic) के अध्ययन के अनुसार, धीरे-धीरे दौड़ना शरीर के जोड़ों को साइकिल चलाने से दस गुना ज़्यादा आयास पहुँचाता है। इस उद्देश्य के लिए खास बनाए गए एक नकली नितम्ब का इस्तेमाल करते हुए, विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने पहली बार विभिन्न कार्यों के दौरान जोड़ों पर होनेवाले आयास को मापने में सफलता प्राप्त की। सूइटडोइचे सीतुंग (Suddeutsche Zeitung) रिपोर्ट करता है, “हालाँकि सामान्य तौर से यह अनुमान लगाया गया है कि साइकिल चलाने वालों से दौड़ने वाले अपने जोड़ों और नसों पर ज़्यादा आयास डालते हैं, इतनी बड़ी भिन्नता से खुद अनुसंधायक भी चकित थे।”