न्यू ज़ीलैंड के नन्हे ज्योति-वाहक
न्यू ज़ीलैंड में हमारे सजग होइए! संवाददाता द्वारा
रात बहुत अंधियारी थी—बिना चाँद की और साफ़। जब कैंप की बिजली चली गई, तो हमें लगा कि हम चमकते तारों के विश्वमंडल में हैं। हम एक खड़ी ढलान के रास्ते से होते हुए एक संकरी तंगघाटी की तलहटी में एक गर्म पानी के सोते पर पहुँचे। भाप निकलते पानी के दोनों किनारों पर पौधे उग रहे थे। हम पानी में उतर गए और यात्रा के एक लम्बे दिन के बाद आराम किया। पानी का यह ताल, जिसमें से प्राकृतिक रूप से गर्म पानी फूट रहा था, हमारे उस मोटर कैंप के पास था जिसमें हमें रात बितानी थी।
तेज़ी-से आसमान में चलते एक तारे को मैंने देखा। मैं इसके बारे में अपनी पत्नी को बताने के लिए मुड़ा, और जैसे ही मैं मुड़ा, मैं डगमगाया और पानी में ज़ोरदार छपाका हुआ। मेरे आश्चर्य का ठिकाना न रहा, जब अनेक तारे बुझ गए—ग़ायब हो गए! और जब मैंने आश्चर्य में कहा, तारों का एक पूरा समूह लुप्त हो गया। मानो मेरी वजह से विश्वमंडल में एक गड्ढा हो गया हो!
जब मैं यह विचार कर ही रहा था कि क्या हुआ था, तारे एक-एक करके फिर निकलने लगे, और अब मैंने देखा कि तारों का एक समूह बाक़ी तारों के झुरमुट की अपेक्षा में मेरे ज़्यादा नज़दीक था। वास्तव में, कुछ इतने पास थे कि उन्हें छुआ जा सकता था। न्यू ज़ीलैंड के जुगनुओं से यह हमारी पहली मुलाक़ात थी। वे हमारे ऊपर हरियाली की अदृश्य दीवारों से लटक रहे थे, और उनकी मंद रोशनी तारों-भरी पृष्ठभूमि के साथ मेल खा रही थी।
न्यू ज़ीलैंड का जुगनू एक कृमि नहीं बल्कि एक कीट है। यह संसार के अन्य भागों के जुगनुओं और दीपकीटों से भिन्न है। इसके नाम अराकनोकाम्पा लूमिनोसा से शायद आपको यह ख़्याल आए कि यह एक प्रकार की चमकीली मकड़ी है। लेकिन यह भी सच नहीं है।
अपनी पहली मुलाक़ात के कुछ समय बाद, न्यू ज़ीलैंड के उत्तरी द्वीप की वाईटोमो गुफ़ाओं में, हम दोबारा जुगनुओं से मिले। आइए मैं आपको जुगनू गुफ़ा की अपनी यात्रा के बारे में समझाता हूँ, जहाँ इन नन्हे प्राणियों को देखने के लिए एक नाव हमें ले गई।
वाईटोमो गुफ़ा
जुगनुओं की गुफ़ा एक अजूबा है, जिसे हज़ारों वर्षों में बनी ऐसी आरोही और निलंबी निक्षेप संरचनाओं की शानदार कलाकारी को दिखाने के लिए सुंदर ढंग से जगमगाया गया है। हरेक क्षेत्र में जब हम पहुँचते तो हमारा गाइड बत्ती जला देता था, और हम रोमांचित कर देनेवाली संरचनाओं और सुरंगों को देखकर अचंभित हो गए थे—भूमि के नीचे चमत्कारों की एक अनपेक्षित और अजनबी दुनिया थी। हमारे पैरों से अलौकिक गूँज हुई जब हम उन सीढ़ियों के ऊपर इकट्ठा हुए जो अंधेरे में जाती थीं। जब हमारी आँखें अंधेरे की आदी हुईं, तो हमें बहुत ऊँचाई पर हरी रोशनी की नन्ही-नन्ही झलकें दिखने लगीं। जुगनू!
हम एक घाट पर पहुँचे और एक नाव में चढ़ गए। घाट से दूर जाते हुए, हम अंधेरे में रवाना हुए। फिर, जब हम एक किनारे पर आए, जो मैंने देखा उसके लिए मैं बस यही कहूँगा कि पूरी आकाश गंगा सिकुड़कर हमारे ठीक ऊपर आ गई थी—गुफ़ा की छत पूरी तरह जुगनुओं से ढकी हुई थी। लेखक जॉर्ज बर्नाड शॉ ने इस जगह को “दुनिया का आठवाँ अजूबा” कहा था।
रोमांचित कर देनेवाले जुगनू
जब टूर ख़त्म हुआ, तो जुगनू के बारे में हमारी जिज्ञासा ने हमें उसके बारे में और अधिक जानने के लिए प्रोत्साहित किया। और जो हमने सीखा वह उतना ही रोमांचित कर देनेवाला था जितना हमने देखा था। एक नन्हे लारवा के रूप में, जीवन की शुरूआत करते हुए, दुमची पर पहले से रोशनी के साथ, न्यू ज़ीलैंड का जुगनू अपने मुँह की अलग-अलग ग्रंथियों से शलेष्मा और रेशम निकालकर एक झूला बनाता है और एक गुफ़ा की छत से उसे चिपका देता है। यह झूला वास्तव में एक सुरंग होती है जिसमें लारवा आगे पीछे जा सकता है।
जुगनू को जीवित रहने के लिए भोजन की ज़रूरत होती है, सो छः से नौ महीने तक वह मछुवाही करता है। लेकिन उसका शिकार हवा में है, हालाँकि वह पानी से होता हुआ आता है। अत्यावश्यक जल-धारा उन मशकाभों, मच्छरों, प्रस्तर कीटों, और अल्पायु मक्षियों की सप्लाई लेकर आती है, जो रोशनी को देखकर आकर्षित होते हैं। इन्हें पकड़ने के लिए, जुगनू अपने झूले से रेशमी धागों (कई बार ७० तक) की लड़ी लटकाता है। हर धागे में बराबर दूरी पर श्लेष्मा की चिपचिपी बूँदें होती हैं, सो धागे सीधी लटकी हुईं मोतियों की छोटी मालाओं के समान दिखते हैं।
जुगनू की सबसे रोमांचित कर देनेवाली बात वह रोशनी है जिससे वह इन मछुवाही के धागों को रोशन करता है। न्यू ज़ीलैंड का जुगनू उस प्रकार के कीटों की श्रेणी का है जिनकी रोशनी उनके स्नायु-तंत्रों से जुड़ी हुई नहीं होती। फिर भी, यह अपनी इच्छा से कभी-भी रोशनी बुझा सकता है। रोशनी का यह अंग इसकी मलोत्सर्ग नलिकाओं के छोर पर होता है, लारवा के श्वसन-तंत्र का कुछ भाग एक रिफ़्लेक्टर की तरह कार्य करता है, जो रोशनी को नीचे भेजता है। यह रोशनी को उत्पन्न करने के लिए ज़रूरी ऑक्सीजन या रसायनों को बंद करने के द्वारा रोशनी बंद करता है।
लेकिन, जुगनू गुफ़ा के छोर पर की रोशनी एक आशा का चिन्ह नहीं है जैसी एक कीट अपेक्षा करता है। वह एक मौत के परदे की ओर उड़ता है, जहाँ एक रसायन, जैसा कि कुछ लोगों ने बताया है, उसे बेहोश कर सकता है। जूझते शिकार के कंपन को भाँपते हुए, लारवा ख़तरनाक ढंग से झूले से बाहर लटकता है और अपने शरीर के संकुचन का इस्तेमाल करते हुए धागे को अपने मुँह में वापस खींच लेता है।
छः से नौ महीने मछुवाही करने और खाने के बाद, लारवा प्यूपा बनता है और एक वयस्क के तौर पर जीवन का आनंद लेता है। क्या यह वयस्क कीट जीवन का सचमुच आनंद लेता है इस बात में संदेह है। यह केवल दो या तीन दिन ही जीवित रहेगा, क्योंकि वयस्क कीट के पास मुँह नहीं होता और इस तरह यह खा नहीं सकता। इसका बाक़ी जीवन प्रजनन के लिए होता है। अपने कोकून से निकलते ही नर कीट मादा कीट का निषेचन करते हैं। एक मादा एक-एक करके अपने अण्डे देने में पूरा दिन ले सकती है, जिसके बाद वह मर जाती है। एक चमकदार मंदाकिनी में योगदान देने के बाद जिससे मनुष्यों को गहरा आनंद मिलता है, न्यू ज़ीलैंड के नन्हे ज्योति-वाहक का, १० से ११ महीने का जीवन चक्र समाप्त हो जाता है।
[पेज 17 पर तसवीर]
सामनेवाला पृष्ठ: जुगनू गुफ़ा में प्रवेश करते हुए
[पेज 17 पर तसवीर]
ऊपर: जुगनुओं द्वारा दिखाई गई रोशनी के साथ गुफ़ा की छत
[पेज 17 पर तसवीर]
दाएँ: जुगनुओं के मछुवाही करने के धागे
[पेज 16 पर चित्र का श्रेय]
पृष्ठ १६-१७ पर चित्र: Waitomo Caves Museum Society Inc.