सजग होइए! ने १९९० में बताया
हाल ही में, “पागल-गाय बीमारी” का फैलाव, यूरोप में बड़े भय का कारण हुआ है। बहुत लोग डरते हैं कि यह बीमारी मनुष्यों में संचारित हो सकती है। कुछ ऐसा भी विश्वास करते हैं कि क्रोइट्सफॆल्ट-यॉकोप बीमारी के बढ़ने का संबंध संदूषित पशुओं के मांस के उपभोग से है। यह मनुष्य के केंद्रीय स्नायुतंत्र की बढ़नेवाली और निश्चित रूप से एक घातक बीमारी है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं, जैसे ही पागल-गाय बीमारी की ख़बर फैली, गोमांस का उपभोग घट गया।
दिलचस्पी की बात है, स्टेफान्या फरॉरी ने इटालियन पत्रिका टुटोरेद्जो के मई १९९६ के अंक में लिखा: “हमने एक ऐसी पत्रिका पायी है जो पहले से ही १९९० में इस विनाशक महामारी के विषय में कह रही थी—यहोवा के साक्षियों द्वारा प्रकाशित सजग होइए!” इस स्त्री ने जिस लेख का ज़िक्र किया उसका शीर्षक है “ब्रिटेन की ‘पागल गाय’ दुविधा” और यह नवंबर ८, १९९० (अंग्रेज़ी) के अंक में प्रकाशित हुआ था। शुरू के चार अनुच्छेदों को उद्धृत करने के पश्चात्, फरॉरी ने अपनी हैरानी प्रकट की कि “सारा मामला विश्वव्यापी जनसमुदाय के ध्यान में लाने के छः साल पहले ही” यह लेख छप चुका था। उसने आगे कहा: “१९९० का यह अविश्वसनीय सटीक जानकारीवाला लेख देखकर, कुछ लोगों ने कहा है: ‘यदि यहोवा के साक्षी इतने गंभीर और महत्त्वपूर्ण मामले के बारे में जानते थे, तो यह बात वे सभी लोगों के ध्यान में क्यों नहीं लाए, उनके भी जो उनकी कलीसियाओं से न थे?’ सच कहें तो, यदि १९९० में एक यहोवा के साक्षी ने हमारे दरवाज़े को खटखटाया होता और हमें बाइबल और अपनी पत्रिका में प्रकाशित वह लेख दिखाया होता, तो हम में से कितनों ने जो दूसरे धर्म का अनुकरण करते हैं उसे गंभीरता से लिया होता?”
वर्ष १९९० में, जब “ब्रिटेन की ‘पागल गाय’ दुविधा” यह लेख प्रकाशित हुआ था, तब सजग होइए! की ६२ भाषाओं में लगभग १.२ करोड़ प्रतियाँ औसतन छापी गई थीं। यहोवा के साक्षी संसार-भर में २०० से भी अधिक देशों में यह समयोचित पत्रिका वितरित करने में व्यस्त थे। आज, सजग होइए! की औसतन १,८३,५०,००० प्रतियाँ ८१ भाषाओं में छापी जाती हैं। यह पत्रिका सटीक एवं जानकारीयुक्त लेखों को लगातार प्रकाशित करती आ रही है। यदि आप सजग होइए! के भावी लेख प्राप्त करना चाहते हैं, तो कृपया स्थानीय यहोवा के साक्षियों से संपर्क करें या पृष्ठ ५ पर दिए गए निकटतम पते पर लिखें।