टूटते विवाह को बचाने के लिए मदद
न्यू जीलैंड के नॉर्थ आइलॆंड की एक स्त्री ने पुस्तक पारिवारिक सुख का रहस्य के बारे में लिखा: “जब मैं पहली बार इस प्रकाशन को पढ़ने बैठी, तब मुझे ऐसा लगा कि मेरा विवाह उस मुकाम पर है जहाँ मैं या तो ‘इसे बना लूँ या बिगाड़ दूँ।’”
उसने अपनी पृष्ठभूमि बतायी। “मेरी माँ ने अपने दो विवाहों में बहुत दुर्व्यवहार सहा था। फलस्वरूप, हमें हमेशा सिखाया गया था कि पुरुष बेकार होते हैं और स्त्रियों का दमन करने पर तुले होते हैं। सो मैं बड़ी होकर बहुत ही ज़िद्दी और हठीली बन गयी और किसी बहस में हार नहीं मानती थी।”
इस स्त्री ने बदलाव करने की ज़रूरत देखी। “मुझे एहसास हुआ कि अपने पति की अधीनता में न रहने के कारण और बहुत अभिमानी होने के कारण, मैं पारिवारिक सुख की संभावना को हाथ से निकलने दे रही थी।” सो उसने बड़े बदलाव किये। वह बताती है: “मैं और मेरा पति अब एक परिवार के रूप में इस पुस्तक का अध्ययन कर रहे हैं, और मैं अभी भी सीख रही हूँ कि एक मसीही पत्नी कैसे बनूँ। आज हम जहाँ तक पहुँचे हैं उसमें हम बहुत सुखी हैं लेकिन अभी हमें लंबा सफर तय करना है।
“हमारा घर पहले कभी इतना प्रेममय और शांतिमय नहीं था जितना आज है।”
परमेश्वर हमसे क्या माँग करता है? ३२ पृष्ठ का ब्रोशर है। उसमें ८वें पाठ का विषय है “पारिवारिक जीवन जो परमेश्वर को प्रसन्न करता है।” यदि आप उसकी एक प्रति ६ रुपये में मँगवाना चाहते हैं, तो कृपया Watch Tower, H-58 Old Khandala Road, Lonavla 410 401, Mah., India को या पृष्ठ ५ पर दिए गए उपयुक्त पते पर लिखिए। यदि आप यह भी चाहते हैं कि कोई आकर आपके साथ मुफ्त गृह बाइबल अध्ययन संचालित करे तो कृपया बताइए।