वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • g98 5/8 पेज 18-19
  • क्या पिशाच अस्तित्त्व में हैं?

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • क्या पिशाच अस्तित्त्व में हैं?
  • सजग होइए!–1998
  • उपशीर्षक
  • मिलते-जुलते लेख
  • निश्‍चिंत मनोवृत्ति
  • अविश्‍वास दुविधा उत्पन्‍न करता है
  • दुष्ट धोखेबाज़
  • स्वर्गदूतों के बारे में सच्चाई
    बाइबल हमें क्या सिखाती है?
  • यीशु, दुष्ट स्वर्गदूतों से ज़्यादा ताकतवर
    महान शिक्षक से सीखिए
  • शैतान का विरोध कीजिए
    परमेश्‍वर के प्यार के लायक बने रहिए
  • स्वर्गदूत कौन हैं और क्या करते हैं?
    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!—ईश्‍वर से जानें
और देखिए
सजग होइए!–1998
g98 5/8 पेज 18-19

बाइबल का दृष्टिकोण

क्या पिशाच अस्तित्त्व में हैं?

सतरहवीं और अठारहवीं शताब्दी के दौरान यूरोप के अधिकतर भागों में ऐसी हवा चली कि लोग जादूगरों को सताने के लिए मानो पागल हो गये। बहुत-से लोगों को जादूगर समझकर घोर यातना दी गयी। जिन पर झूठा आरोप लगा था उनमें से कुछ लोगों ने तो यातना से बचने भर के लिए यह स्वीकार कर लिया कि वे जादूगरी करते हैं। अनगिनत लोगों को अफवाहों या संदेह के आधार पर मार डाला गया।

जादूगरी पिशाचवाद का एक रूप है। जादूगरी के खिलाफ उठाये गये ये कदम प्रत्यक्षतः शास्त्र पर आधारित थे परंतु ऐसा व्यवहार निश्‍चित ही धर्मांधता था। मसीहियों को यह ज़िम्मेदारी नहीं दी गयी है कि जादूगरों या प्रेतात्मवाद का अभ्यास करनेवाले दूसरे लोगों को यातना दें अथवा उन्हें मार डालें। (रोमियों १२:१९) आज कैसी मनोवृत्ति फैली हुई है?

निश्‍चिंत मनोवृत्ति

आज मसीहीजगत में अधिकतर लोग ऐसे प्रेतात्मवादी कामों को गंभीर बात नहीं समझते। जिज्ञासा पूरी करने के लिए कुछ लोग ज्योतिष-विद्या, टोना-टोटका, शकुन-विद्या, और जादूगरी में दिलचस्पी लेते हैं, लेकिन वे इन तंत्रमंत्र के कामों को पिशाचवाद नहीं समझते। कभी-कभी मनोरंजन करानेवाले, खेल महारती, और राजनीतिज्ञ खुलकर स्वीकार करते हैं कि वे तंत्रमंत्र में अंतर्ग्रस्त हैं। एक विश्‍वकोश कहता है, कुछ पुस्तकें और फिल्में जादूगरों और ओझों को “आकर्षक, थोड़े-से असाधारण व्यक्‍तियों” के रूप में चित्रित करती हैं “जिनके अलौकिक काम किसी को नुकसान नहीं पहुँचाते।” बच्चों का मनोरंजन करने और उन्हें शिक्षा देने के उद्देश्‍य से बनायी गयी चीज़ें तंत्रमंत्र की बातों को बढ़ावा दे सकती हैं।

पिशाचवाद के प्रति ऐसी निश्‍चिंत और लापरवाह मनोवृत्ति मन में यह डाल सकती है कि पिशाच अस्तित्त्व में नहीं हैं। क्या आप मानते हैं कि पिशाच अस्तित्त्व में हैं और हमें हानि पहुँचाने की सक्रिय रूप से कोशिश कर रहे हैं? वैसे तो आज अधिकतर लोग यह कहेंगे कि उनका सामना पिशाचों से कभी नहीं हुआ और न ही उन्होंने कभी पिशाचों के काम देखे हैं। क्या पिशाच अस्तित्त्व में हैं?

अविश्‍वास दुविधा उत्पन्‍न करता है

जो बाइबल को स्वीकार करने का दावा करते हैं परंतु पिशाचों के अस्तित्त्व पर संदेह करते हैं वे दुविधा में हैं। यदि वे नहीं मानते कि पिशाच अस्तित्त्व में हैं, तो वे बाइबल में थोड़ा अविश्‍वास जता रहे हैं। क्यों? क्योंकि परमेश्‍वर के वचन, बाइबल में अलौकिक शक्‍तिवाले दुष्ट आत्मिक प्राणियों की धारणा सिखायी गयी है।

बाइबल की पहली पुस्तक, उत्पत्ति बताती है कि कैसे एक बुद्धिमान प्राणी ने हव्वा को बहकाकर परमेश्‍वर के विरुद्ध विद्रोह करवाने के लिए साँप का प्रयोग किया। (उत्पत्ति ३:१-५) बाइबल की आखिरी पुस्तक, प्रकाशितवाक्य उस दुष्ट चालबाज़, ‘उसी पुराने सांप’ की पहचान कराते हुए कहती है कि वह “इब्‌लीस और शैतान कहलाता है, और सारे संसार का भरमानेवाला है।” (प्रकाशितवाक्य १२:९) शैतान विद्रोह करने के लिए दूसरे स्वर्गदूतों को बहकाने में सफल रहा। (यहूदा ६) बाइबल में इन पतित स्वर्गदूतों को पिशाच कहा गया है। वे पृथ्वी के परिवेश में सक्रिय हैं और परमेश्‍वर तथा परमेश्‍वर की सेवा करनेवालों से बहुत गुस्सा हैं।—प्रकाशितवाक्य १२:१२.

शैतान और पिशाचों के पास मनुष्यों को प्रभावित करने, नुकसान पहुँचाने और उनके साथ संचार करने की शक्‍ति है। (लूका ८:२७-३३) उन्होंने हज़ारों सालों से मनुष्य के स्वभाव को देखा-परखा है। वे मनुष्यों की कमज़ोरियों का फायदा उठाना जानते हैं। बाइबल ऐसे किस्सों के बारे में बताती है जब वे पुरुषों, स्त्रियों, और बच्चों में समा गये या उन्हें पूरी तरह अपने वश में कर लिया। (मत्ती १५:२२; मरकुस ५:२) वे रोग या शारीरिक अपंगता उत्पन्‍न कर सकते हैं जैसे अंधापन। (अय्यूब २:६, ७; मत्ती ९:३२, ३३; १२:२२; १७:१४-१८) वे लोगों के मन को भी अंधा कर सकते हैं। (२ कुरिन्थियों ४:४) अपने अगुवे शैतान की तरह पिशाच निरंतर सक्रिय रहते हैं। शैतान “गर्जनेवाले सिंह की नाईं इस खोज में रहता है, कि किस को फाड़ खाए।” (१ पतरस ५:८) बाइबल में पिशाचों के अस्तित्त्व के अनेक वृत्तांत दिये गये हैं। यदि आपको बाइबल में विश्‍वास है, तो आप अदृश्‍य दुष्ट प्राणियों के अस्तित्त्व को स्वीकार करेंगे।

दुष्ट धोखेबाज़

लेकिन संसार में हरदम दहशत की दशा उत्पन्‍न किये बिना आज शक्‍तिशाली पिशाच कैसे अस्तित्त्व में हो सकते हैं? ऐसा क्यों है कि उनकी उपस्थिति और काम ज़्यादा स्पष्ट रूप से नहीं दिखते? इसका उत्तर बाइबल देती है: “शैतान आप भी ज्योतिर्मय स्वर्गदूत का रूप धारण करता है।” (२ कुरिन्थियों ११:१४) इब्‌लीस धोखेबाज़ है। पिशाचों के काम अकसर ऐसे रूप में होते हैं जो हानिरहित और यहाँ तक कि अच्छे दिखते हैं। इसलिए, उन्हें पहचानना मुश्‍किल होता है।

शैतान और उसके पिशाच जैसे बाइबल समय में करते थे वैसे ही आज भी लोगों को तरह-तरह से कष्ट पहुँचाते हैं। कुछ लोग जो आज सच्चे मसीही हैं पहले तंत्रमंत्र में अंतर्ग्रस्त थे; वे पिशाच हमलों के आतंक की गवाही दे सकते हैं। आज, शायद पहले से कहीं बड़े पैमाने पर पिशाच अपनी अलौकिक शक्‍तियों का प्रयोग करके लोगों को स्पष्ट रूप से तंत्रमंत्र के कामों में फँसा रहे हैं। उनकी शक्‍ति को कम नहीं समझा जाना चाहिए। लेकिन, वे लोगों को दहशत में डालने के द्वारा जितना अनर्थ करते हैं उससे ज़्यादा अनर्थ वे उन्हें लुभाकर परमेश्‍वर से दूर करने के द्वारा करते हैं। शैतान और उसके पिशाच ‘सारे संसार को भरमा’ रहे हैं, बाइबल कहती है। (प्रकाशितवाक्य १२:९) वे धूर्त और कपटी तरीकों से आध्यात्मिकता को नाश करने पर उतारू हैं।

पिशाच अस्तित्त्व में हैं। आज लोगों के बीच खून-खराबे की जो अमिट भूख इतनी साफ नज़र आती है उसका कारण और क्या हो सकता है? स्वाभाविक रूप से मनुष्य सुख-शांति से जीना चाहते हैं। लेकिन पिशाच बुराई को बढ़ावा देते हैं। उनके पास मनुष्य के मन को प्रभावित और भ्रष्ट करने की शक्‍ति है।

लेकिन यहोवा सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर है—वह पिशाचों से ज़्यादा शक्‍तिशाली है। वह “शैतान की युक्‍तियों” से बचने के लिए अपनी शक्‍ति और सुरक्षा देता है। (इफिसियों ६:११-१८) हमें पिशाचों की दहशत में रहने की ज़रूरत नहीं, क्योंकि परमेश्‍वर प्रतिज्ञा करता है: “इसलिये परमेश्‍वर के आधीन हो जाओ; और शैतान का साम्हना करो, तो वह तुम्हारे पास से भाग निकलेगा।”—याकूब ४:७.

[पेज 18 पर चित्र का श्रेय]

Sipa Icono

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें