‘इनसे हमारा नज़रिया बढ़ता है’
किरगीस्तान सोवियत संघ का भूतपूर्व गणराज्य है। वहाँ काराकुल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनॆजमॆंट में विदेशी भाषा विभाग के अध्यक्ष ने यहोवा के साक्षियों के प्रकाशनों की प्रशंसा की। उसने रूस में यहोवा के साक्षियों के शाखा दफ्तर को यह लिखा:
“वर्तमान सामाजिक और आर्थिक उथल-पुथल की स्थिति में आपकी पुस्तकें और ब्रोशर अंग्रेज़ी, जर्मन, रूसी, किरगीज़ और तुर्की भाषाएँ सिखाने में हमारी बहुत मदद करते हैं। . . . जो प्रायोगिक अनुवाद का अध्ययन कर रहे हैं उनके बीच आपके ब्रोशरों की बहुत माँग है . . . जीवन—यह यहाँ कैसे आया? क्रमविकास से या सृष्टि से?, पारिवारिक सुख का रहस्य और युवाओं के प्रश्न—व्यावहारिक उत्तर पुस्तकों के लिए शुक्रिया।
“हमारे बहुत-से छात्र यहोवा के साक्षी हैं। वे दिलचस्पी के साथ सजग होइए! के लेख पढ़ते हैं और जब गृह-कार्य दिया जाता है तो उसमें उनका इस्तेमाल करते हैं।”
लेखक ने खासकर सजग होइए! की प्रशंसा की: “दिलचस्प और ज्ञानवर्धक लेखों के लिए शुक्रिया। . . . ये हममें आशा जगाते हैं और इनसे हमारा आम नज़रिया बढ़ता है। . . . हम सब सजग होइए! में ‘विश्व-दर्शन’ भाग को आनंद के साथ पढ़ते हैं।”
यदि आप सजग होइए! की एक प्रति पाना चाहते हैं या चाहते हैं कि एक यहोवा का साक्षी आपके घर आकर आपके साथ बाइबल से चर्चा करे, तो कृपया Praharidurg Prakashan Society, Plot A/35 Nr Industrial Estate, Nangargaon, Lonavla 410 401, Mah., India को या पृष्ठ ५ पर दिए गए उपयुक्त पते पर लिखिए।