हमारे पाठकों से
डाउन अंडर ज़िंदगी ऑस्ट्रेलिया के बारे में स्नेहिल और सजीव लेख “डाउन अंडर ज़िंदगी फ़र्क है” (नवंबर ८, १९९७) के लिए मैं आपको बहुत-बहुत शुक्रिया कहना चाहती हूँ। हालाँकि मैंने इस रोमांचक और रंगीले देश के बारे में काफी कुछ पढ़ा है, लेकिन आपके लेख ने मुझे यह देखने में मदद दी कि हमें यहोवा की अद्भुत सृष्टि के लिए उसका कितना आभारी होना चाहिए।
एल. के., जर्मनी
कष्ट से मुक्त परादीस “कष्ट से मुक्त परादीस—कब?” (नवंबर ८, १९९७) श्रृंखला के लिए मैं बहुत आभारी हूँ। मेरी दादी मेरे पैदा होने से पहले ही मर गयी थीं। उन्हें कैंसर था। लेकिन परादीस में कोई बीमारी नहीं होगी। इस लेख ने मुझे वफादार रहने का प्रोत्साहन दिया ताकि मैं परादीस में उन्हें देख सकूँ।
एम. जे., ट्रिनिडैड
पशुओं की नींद लेख “पशुओं की नींद के रहस्य” (नवंबर ८, १९९७) के लिए मैं अपनी कदरदानी दिखाना चाहती हूँ। लेख बहुत मज़ेदार था —और मैंने सृष्टि के बारे में कुछ शानदार बातें सीखीं।
जे. जी., पोर्टो रीको
मैंने एक मछली पाली है और हमेशा से यह जानना चाहा है कि क्या मछलियाँ सोती हैं। सो मुझे यह जानकर खुशी हुई कि जब वह एकदम निश्चल-सी दिखती है तो इसका मतलब है कि वह आराम कर रही है।
ए. पी. एल. एम., ब्राज़ील
दुखते पाँव लगता है कि आपका लेख “दुखते पाँवों के लिए मदद” (नवंबर ८, १९९७) खासकर स्त्रियों को ध्यान में रखकर लिखा गया था। लेकिन, इस लेख को पढ़ने के कुछ ही दिन बाद मेरे पति ने शिकायत की कि उनके पाँव दुख रहे हैं—पिछले सात साल से वह यही शिकायत कर रहे हैं। इस लेख में पढ़ी बातों को याद करते हुए हम जूतों की दुकान पर गये। क्या आप मानेंगे—वह ८ नंबर का जूता पहने हुए थे जबकि उन्हें ९ नंबर का जूता पहनना चाहिए था! अब जाकर उन्हें राहत मिली है, शुक्रिया सजग होइए!
एस. जे., अमरीका
काम पर मुझे सारा दिन खड़ा रहना पड़ता है और ऊँची एड़ी की जूती पहनने के कारण मुझे परेशानी होने लगी थी। इस महीने मैंने सहयोगी पायनियर (अंश-कालिक सुसमाचारक) का काम किया और इस लेख के कारण मैं तीन जोड़ी आरामदेह जूतियाँ लेकर आयी। हमारे स्वास्थ्य में दिलचस्पी लेने और हमें जानकारी देते रहने के लिए शुक्रिया।
सी. एल., जर्मनी
भाई-बहनों की समस्याएँ लेख “युवा लोग पूछते हैं . . . मेरे भाई की तरफ़ ही हमेशा क्यों ध्यान दिया जाता है?” (नवंबर ८, १९९७) ठीक उस समय आया जब हमें उसकी सख्त ज़रूरत थी। इसने हमें यह समझने में मदद दी कि असमान व्यवहार करने का मतलब ज़रूरी नहीं कि नाइंसाफी की जा रही है। अब हमें समझ आया है कि हमारे माता-पिता के पास हमारे भाई-बहनों को ज़्यादा ध्यान देने के ठोस कारण हैं। हम सचमुच इस लेख से सहमत हैं।
बी. के., एच. के., और जी. यू. ओ., नाइजीरिया
ध्वनि प्रदूषण मैं कई सालों से एक बड़ी फैक्ट्री में काम कर रहा हूँ। मुझे और मेरे कुछ सहकर्मियों को वहाँ की तेज़ ध्वनि से नुकसान हुआ है। मैं दिसंबर ८, १९९७ का अंक कार्यस्थल पर ले गया (“ध्वनि—हमारी सबसे अनर्थकारी प्रदूषक?”) और प्रबंधन ने फैसला किया है कि सभी मज़दूरों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए ज़रूरी कदम उठाए जाएँगे।
आर. पी., इटली
मैं अपने पड़ोसी के शोर-शराबे से कई सालों से परेशान हूँ। वह देर रात तक अपना कारोबार चलाता है। मैं कभी-कभी बहुत गुस्सा हो जाता हूँ। लेकिन मुझे यह जानकर शक्ति मिली कि दूसरे मसीही भाई-बहन भी हैं जो शोर-शराबे से परेशान होते हैं लेकिन आत्म-संयम से स्थिति का सामना कर रहे हैं।
टी. ओ., जापान
मेरा एक पड़ोसी है जो सुबह-सुबह उठकर फोन करता है जिससे मुझे परेशानी होती है। इन लेखों ने मुझे बढ़िया सुझाव दिये हैं कि मैं इस समस्या से शांतिपूर्ण और मसीही ढंग से कैसे निपट सकता हूँ।
जे. आर., इंग्लॆंड