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सजग होइए!–1999
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दिखाइए कि आप परवाह करते हैं

कनाडा में सजग होइए! संवाददाता द्वारा

कनाडा में बहुत से बुज़ुर्ग अकेलेपन से तंग आकर आत्महत्या कर रहे हैं। वैनकूवर सन अखबार में यह बताया गया कि आत्महत्या की कोशिश करनेवाले २०० युवाओं में से १ की मौत होती है जबकि ऐसी कोशिश करनेवाले ६५ साल से ऊपर के ४ बुज़ुर्गों में से १ की मौत होती है। और यह माना जाता है कि “इससे भी ज़्यादा बुज़ुर्ग आत्महत्या करते हैं लेकिन सही संख्या नहीं मालूम पड़ती क्योंकि यह अंतर बताना मुश्‍किल होता है कि उन्होंने आत्महत्या की है या वे बुढ़ापे में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के कारण मरे हैं।”

ऐसा क्यों है कि बहुत से बुज़ुर्गों में जीने की चाह नहीं रहती? बुज़ुर्ग आत्महत्या क्यों करते हैं, इस विषय पर यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया का मनश्‍चिकित्सक ओलूवाफॆमी आग्बायेवा कहता है कि इसमें हताशा, समाज से अलगाव और अकेलेपन का हाथ है। कैलगरी, अल्बर्टा में आत्महत्या सूचना एवं शिक्षा केंद्र का निदेशक, गॆरी हैरिंगटन कहता है कि जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, “उनका सम्मान, उनका रोब, उनका अधिकार घट जाता है। . . . अचानक ही, अब कोई उनसे उनकी राय नहीं माँगता। बहुत से बुज़ुर्गों को नर्सिंग होम में डाल दिया जाता है जहाँ उनके पास बैठे-बैठे ताश खेलने और टीवी देखने के अलावा दूसरा कोई काम नहीं होता।” यह भावना और भी बढ़ जाती है क्योंकि समाज में जवानी को और साथ ही आज़ादी, उत्पादकता और फुरती को बहुत महत्त्व दिया जाता है—और बढ़ती उम्र के साथ-साथ यही चीज़ें कम होने लगती हैं।

लेकिन यहोवा की नज़रों में बुज़ुर्गों का बहुत मोल है। वह उनकी भावात्मक ज़रूरतों को बहुत अच्छी तरह समझता है। इसका सबूत उसकी इस आज्ञा से देखा जा सकता है जो उसने प्राचीन इस्राएल के लोगों को दी: “पक्के बालवाले के साम्हने उठ खड़े होना, और बूढ़े का आदरमान करना, और अपने परमेश्‍वर का भय निरन्तर मानना।”—लैव्यव्यवस्था १९:३२.

तो फिर, हम बुज़ुर्गों का “आदरमान” कैसे कर सकते हैं? हालाँकि वे हमेशा बुद्धिमानी की बातें नहीं करते और बुढ़ापे के कारण उनकी कमियाँ और ज़्यादा दिखने लगती हैं, फिर भी वे हमारे आदर के योग्य हैं। दिखाइए कि आप परवाह करते हैं। उनकी समझदारी और बुद्धि का लाभ उठाइए और इस प्रकार उन्हें गरिमा, आदर और सम्मान दीजिए, खासकर यदि उन्होंने परमेश्‍वर की आत्मा और उसके वचन की सही समझ के अनुसार अपना जीवन बिताया है।

परमेश्‍वर का वचन बुज़ुर्गों की परवाह करने और उनको आदर देने के बारे में और भी बहुत-सी बातें सिखाता है। अधिक जानकारी के लिए, कृपया इस पत्रिका के प्रकाशकों को लिखिए और पारिवारिक सुख का रहस्य नामक पुस्तक मँगवाइए।

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