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सजग होइए!–1999
g99 11/8 पेज 31

बरबादी का अंत

ब्रिटेन के सजग होइए! संवाददाता द्वारा

“पिछले २५ सालों में इंसान ने प्रकृति का एक तिहाई हिस्सा बरबाद कर दिया है।”

वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर ने यूँ रिपोर्ट दी। यह चौंका देनेवाला आँकड़ा हमें तब पता चला जब पृथ्वी के वातावरण पर किया गया लिविंग प्लैनॆट इंडॆक्स नाम का एक अध्ययन रिलीज़ हुआ।

वातावरण की रक्षा करनेवालों ने रिपोर्ट दी है कि पृथ्वी के १० प्रतिशत जंगल कट चुके हैं। मगर इस १० प्रतिशत नुकसान से वह नुकसान नहीं दिखता है जो दुनिया भर के गर्म इलाके के वर्षा-प्रचुर जंगलों और शुष्क प्रदेश के जंगलों में हो रहा है, साथ ही इन जंगलों में रहनेवाले अलग-अलग जातियों के पशु-पक्षी भी लुप्त हो रहे हैं। और यह नुकसान, पेड़ों के कटने से होनेवाले नुकसान से भी ज़्यादा है, यह खबर लंदन के दी इंडिपॆनडेंट अखबार ने दी। अटलांटिक में ब्लूफिन टूना मछली और एशिया के समुद्र में लैदरबैक टर्टल की जातियाँ बहुत तेज़ी से लुप्त हो रही हैं, जिससे साफ पता चलता है कि समुद्री-जीवन में भी ३० प्रतिशत नुकसान हुआ है। सबसे बुरी खबर तो यह है कि पूरी दुनिया का ५० प्रतिशत साफ पानी बरबाद हो चुका है और इसका दोष खेतों में इस्तेमाल होनेवाले रसायनों से और कारखानों से निकलनेवाली गंदगी से होनेवाले प्रदूषण पर लगाया जाता है। इतना ही नहीं, पानी की खपत भी बहुत ज़्यादा बढ़ गयी है।

लंदन के क्यु शहर के रॉयल बोटानिकल गार्डन्स का अध्यक्ष, सर गिलयॆन प्रांस कहता है, “ऐसी बात नहीं है कि प्रकृति की रक्षा करने का काम इतना महँगा है कि इसे सिर्फ अमीर लोग ही कर पाएँगे। इसे हर कोई कर सकता है और करना भी चाहिए। सभी को इस बात का ख्याल रखना बेहद ज़रूरी है कि हमारी पृथ्वी के प्राकृतिक चक्र ठीक-ठाक चलते रहें, यानी वातावरण का संतुलन बना रहे क्योंकि इसी पर हम सबकी ज़िंदगी टिकी हुई है।” तो हम देख सकते हैं कि इसका असर पृथ्वी पर रहनेवाले हर व्यक्‍ति पर पड़ता है। लेकिन इस समस्या को जड़ से कौन मिटा सकता है?

दिलचस्पी की बात है कि बाइबल की आखरी किताब, प्रकाशितवाक्य में भी पृथ्वी के बरबाद करनेवालों का ज़िक्र किया गया है। यह बताती कि पृथ्वी को बरबाद करनेवाले लोगों को नाश कर दिया जाएगा। (प्रकाशितवाक्य ११:१८) लेकिन जब यह नाश होगा, तो क्या इसमें सभी लोग खत्म हो जाएँगे? जी नहीं। क्योंकि यह नाश “सर्वशक्‍तिमान प्रभु [यहोवा] परमेश्‍वर” लानेवाला है और सिर्फ वही इस पृथ्वी के वातावरण की समस्याओं को मिटा सकता है और वह ऐसा करने की ताकत भी रखता है। (प्रकाशितवाक्य ११:१७) प्रकाशितवाक्य २१:३ बताता है कि एक ऐसा समय आएगा जब परमेश्‍वर मनुष्यों “के साथ डेरा करेगा और वे उसके लोग होंगे।”

आप भी “उसके लोग” कैसे बन सकते हैं? और पृथ्वी के वातावरण को सुधरते हुए देखने का सुअवसर आपको कैसे मिल सकता है? यह जानने के लिए अपने इलाके के यहोवा के साक्षियों से संपर्क कीजिए। उनका पता पेज ५ पर दिया गया है। या फिर जब वे अगली बार आपके घर आते हैं तो इस बारे में उनसे बात कीजिए। आपको इसके बारे में बताने में उन्हें बहुत खुशी होगी कि जल्द ही जब परमेश्‍वर नाश लाएगा तब तैयार रहने के लिए आप अभी क्या कर सकते हैं।

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