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  • 5. क्या हमारे दुखों का कभी अंत होगा?

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  • 5. क्या हमारे दुखों का कभी अंत होगा?
  • सजग होइए!—2020
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सजग होइए!—2020
g20 अंक 2 पेज 14-15
एक परिवार समुंदर किनारे पिकनिक मना रहा है। सब हँस रहे हैं और एक-दूसरे के साथ बातचीत कर रहे हैं।

5. क्या हमारे दुखों का कभी अंत होगा?

यह जानना क्यों ज़रूरी है?

अगर सच में दुखों का अंत होगा, तो जीवन और ईश्‍वर के बारे में हमारा नज़रिया बदल सकता है।

ज़रा सोचिए

बहुत-से लोग दुख-तकलीफों को मिटाना तो चाहते हैं, मगर उन्हें पूरी तरह मिटाना उनके बस में नहीं है। आगे बतायी कुछ बातों पर ध्यान दीजिए:

चिकित्सा-क्षेत्र में बहुत तरक्की हुई है, फिर भी . . .

  • इंसान की मौत की सबसे बड़ी वजह दिल की बीमारी है।

  • हर साल लाखों लोगों की मौत कैंसर से होती है।

  • फ्रंटियर्स इन इम्यूनोलॉजी  पत्रिका में डॉक्टर डेविड ब्लूम कहते हैं, “अब भी लोगों को कई संक्रामक बीमारियों से खतरा है। आज तक इन बीमारियों का इलाज नहीं ढूँढ़ा गया है। इसके अलावा, नयी-नयी बीमारियाँ पैदा हो रही हैं और कुछ पुरानी बीमारियाँ भी वापस आ रही हैं।”

कुछ देशों में पैसों की कोई कमी नहीं, फिर भी . . .

  • हर साल लाखों बच्चों की मौत होती है, खासकर उन बच्चों की जो गरीब देशों में रहते हैं।

  • अरबों लोगों के यहाँ कूड़ा-कचरा साफ करने और शौचालय की सुविधा नहीं है।

  • लाखों-करोड़ों लोगों के पीने के लिए साफ पानी नहीं है।

आज लोगों को पहले से कहीं ज़्यादा मानव अधिकारों के बारे में जानकारी है, फिर भी . . .

  • बहुत-से देशों में अब भी इंसानों को खरीदा-बेचा जा रहा है और जो इस अपराध के लिए ज़िम्मेदार हैं, उन्हें सज़ा नहीं मिल रही। ऐसा क्यों है? संयुक्‍त राष्ट्र की एक रिपोर्ट बताती है कि अधिकारी “इस समस्या से या तो बेखबर हैं या वे इसे रोकने में नाकाम हैं।”

    ज़्यादा जानने के लिए

    jw.org पर परमेश्‍वर का राज क्या है?  वीडियो देखें।

बाइबल क्या बताती है?

ईश्‍वर को हमारी परवाह है।

वह हमारे दुख-दर्द से अनजान नहीं।

“[परमेश्‍वर ने] ज़ुल्म सहनेवाले का दुख नज़रअंदाज़ नहीं किया, उससे घिन नहीं की, परमेश्‍वर ने उससे अपना मुँह नहीं फेरा। जब उसने मदद के लिए उसे पुकारा तो उसने सुना।”—भजन 22:24.

“तुम अपनी सारी चिंताओं का बोझ उसी पर डाल दो क्योंकि उसे तुम्हारी परवाह है।”—1 पतरस 5:7.

दुख-तकलीफें हमेशा तक नहीं रहेंगी।

बाइबल वादा करती है कि ईश्‍वर ने हमारे लिए जो सोचा है, उसे वह ज़रूर पूरा करेगा।

“परमेश्‍वर . . . उनकी आँखों से हर आँसू पोंछ देगा और न मौत रहेगी, न मातम, न रोना-बिलखना, न ही दर्द रहेगा।”—प्रकाशितवाक्य 21:3, 4.

ईश्‍वर इंसानों की दुख-तकलीफों की हर वजह मिटा देगा।

वह अपने राज यानी अपनी सरकार के ज़रिए ऐसा करेगा।

“स्वर्ग का परमेश्‍वर एक ऐसा राज कायम करेगा जो कभी नाश नहीं किया जाएगा। वह राज किसी और के हाथ में नहीं किया जाएगा . . . और सिर्फ वही हमेशा तक कायम रहेगा।”—दानियेल 2:44.

क्या हमारे दुखों का कभी अंत होगा?

बेशक होगा! लेकिन यह इंसानों के हाथों नहीं होगा। इंसानी सरकारें चाहे कितनी भी कोशिश कर लें, वे सिर्फ कुछ हद तक हमारी तकलीफें कम कर सकती हैं। लेकिन सिर्फ ईश्‍वर अपनी सरकार के ज़रिए उन तकलीफों को पूरी तरह मिटा सकता है।

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