गीत 19
बच्चे—परमेश्वर की अनमोल देन
1. वरदान हैं बच्चे ईश्वर के,
ये हमारे लिए हैं अनमोल,
करें परवरिश इनकी अच्छी,
चाहे नन्हें हो या हो किशोर।
कहता यहोवा,
“दे इन्हें शिक्षा।”
मानों तीर निशाने पे लगाएँ,
जब हम बच्चों को रास्ता दिखाएँ।
2. बचपन ही से सच्चाई को
हम अगर उनके दिल में बिठाएँ,
बनें याह के सच्चे सेवक वो,
मेहनत अपनी रंग लाए।
बचपन ही से हम
जीतें उनका मन।
गर भरोसा हम याह पे रखें
तो मिलेंगी आशीषें हमें।
3. गर करेंगे बात हम दिल खोलके
ना छिपाएँगे वो मन की बात,
हम बनेंगे उनके पक्के दोस्त,
हम पे वो करेंगे एतबार।
रिस ना दें उन्हें,
प्यार से बात करें।
गर हम रखें ख़ुद अच्छी मिसाल तो
चलेंगे वो भी सीधी चाल।
4. है यहोवा की अमानत ये
तो हिफ़ाज़त हम इनकी करें;
हम यहोवा की मदद से ही,
बुद्धिमान बनाएँगे इन्हें।
अपना है अरमान,
बच्चे पाए ज्ञान।
आओमिलके हम बच्चों के साथ
महिमा करें याह की दिनरात।