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अध्याय 19

बाइबल खोलकर पढ़ने का बढ़ावा देना

आपको क्या करने की ज़रूरत है?

सुननेवालों को बढ़ावा दीजिए कि जब आयतें पढ़ी जाती हैं, तो वे भी साथ-साथ अपनी बाइबलों में देखें।

इसकी क्या अहमियत है?

एक इंसान अपनी आँखों से जो देखता है, खासकर अपनी बाइबल में, इसका उसके दिल पर बहुत गहरा असर होता है।

हमारी इच्छा है कि हर किसी का ध्यान परमेश्‍वर के वचन, बाइबल की तरफ दिलाएँ। यही पवित्र ग्रंथ उस संदेश का आधार है जिसका हम प्रचार करते हैं, और हम लोगों को यह एहसास दिलाना चाहते हैं कि हम जो कुछ कहते हैं, वह हमारा नहीं बल्कि परमेश्‍वर का संदेश है। इसलिए ज़रूरी है कि हम बाइबल पर लोगों का विश्‍वास बिठाने में उनकी मदद करें।

प्रचार के दौरान। जब आप प्रचार में जाने की तैयारी करते हैं, तब एक या दो आयतें चुनकर रखिए ताकि आप इन्हें उन लोगों को पढ़कर सुना सकें जो सुनना चाहते हैं। अगर आप बाइबल की समझ देनेवाली किताबें-पत्रिकाएँ देने की छोटी-सी पेशकश तैयार कर रहे हैं, तो ऐसे में भी अकसर विषय के मुताबिक बाइबल की एक आयत पढ़ना फायदेमंद होता है। भेड़ समान लोगों को सच्चाई में लाने की जो ज़बरदस्त ताकत बाइबल में है, वैसी ताकत हमारी कही किसी बात में शायद ही हो। जहाँ बाइबल निकालकर पढ़ना नामुमकिन हो, वहाँ आप आयत को मुँह-ज़बानी बता सकते हैं। पहली सदी में, सभी लोगों के पास शास्त्र के चर्मपत्रों की कॉपियाँ नहीं थीं। फिर भी, यीशु और उसके प्रेरितों ने बारंबार शास्त्र से हवाले दे-देकर बात की। उसी तरह हमें भी आयतों को मुँह-ज़बानी याद करने और प्रचार में मौका मिलने पर इनका इस्तेमाल करने की कोशिश करनी चाहिए। अगर कुछ नहीं तो कम-से-कम उनका हवाला ही देना बेहतर होगा।

जब आपको बाइबल से कोई आयत पढ़ने का मौका मिलता है, तो उसे हाथ में ऐसे पकड़िए कि घर-मालिक आपके साथ-साथ देख सके। अगर उसके पास बाइबल है और वह आपके साथ-साथ उसमें से देखता है, तो इसका और भी अच्छा असर हो सकता है।

लेकिन याद रखिए कि बाइबल के कुछ अनुवादकों ने परमेश्‍वर के वचन का अनुवाद करते वक्‍त अपनी मरज़ी से उसमें फेरबदल की है। इसलिए उन्होंने जो कुछ लिखा, वह बाइबल की मूल भाषाओं के पाठ से शायद पूरी तरह मेल न खाए। हमारे ज़माने के बाइबल के कई अनुवादों में से परमेश्‍वर का नाम निकाल दिया गया है, मरे हुओं की दशा के बारे में बाइबल का मूल पाठ जो कहता है, उसे छिपाने की कोशिश की गयी है, धरती के लिए बाइबल में बताए गए परमेश्‍वर के मकसद को गुप्त रखा गया है। किसी को यह दिखाने के लिए कि बाइबल में कितनी फेरबदल की गयी है, आप खास-खास आयतों को अलग-अलग बाइबलों से या एक ही भाषा के पुराने अनुवादों से तुलना करके दिखा सकते हैं। रीज़निंग फ्रॉम द स्क्रिप्चर्स्‌ किताब में ऐसे कई विषयों पर आयतें दी गयी हैं जो अकसर प्रचार में इस्तेमाल होते हैं। इन आयतों के खास भागों का अलग-अलग बाइबलों में कैसे अनुवाद किया गया है, इसकी तुलना इस किताब में दी गयी है। जिस किसी को सच्चाई से प्यार है, वह इस जानकारी को पाकर एहसानमंद होगा।

कलीसिया की सभाओं में। कलीसिया की सभाओं में सबको अपनी-अपनी बाइबल खोलकर पढ़ने का बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इसके बहुत-से फायदे हैं। इससे सुननेवालों का ध्यान चर्चा पर लगा रहता है। जो वे सुन रहे हैं, उसे अपनी आँखों से बाइबल में देखकर उन पर गहरा असर होता है। और दिलचस्पी दिखानेवाले नए लोगों के मन में यह बात घर कर लेती है कि हम जो कुछ विश्‍वास करते हैं, वह बाइबल से है।

जब आप बाइबल से पढ़ते हैं, तो सुननेवाले अपनी बाइबल खोलकर देखेंगे या नहीं, यह काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि आप उन्हें ऐसा करने का कितना बढ़ावा देते हैं। ऐसा करने का सबसे उम्दा तरीका है, सीधे-सीधे उन्हें अपनी बाइबल खोलकर देखने के लिए कहना।

एक वक्‍ता होने के नाते, आपको यह तय करना है कि आप किस आयत पर ज़ोर देना चाहते हैं यानी सुननेवालों को बाइबल से कौन-सी आयतें देखने के लिए कहना चाहते हैं। जिन आयतों की मदद से आप मुख्य मुद्दों को खोलकर समझा सकते हैं, उन्हीं को पढ़ना अच्छा रहता है। और अगर वक्‍त हो, तो आप अपनी दलीलों का समर्थन करनेवाली और भी आयतें पढ़ सकते हैं।

बेशक, कोई आयत खोलने के लिए अध्याय और आयत का नंबर बोलना या सुननेवालों को अपनी बाइबल खोलकर देखने के लिए कहना ही काफी नहीं है। अगर आप एक आयत पढ़कर दूसरी आयत पर जाते हैं और सभा में बैठे लोगों को पहली आयत खोलकर देखने की मोहलत तक नहीं देते, तो वे बहुत जल्द निराश हो जाएँगे और बाइबल बंद कर देंगे। इसलिए ध्यान से देखिए। जब ज़्यादातर लोगों ने आयत निकाल ली हो, तब पढ़ना शुरू कीजिए।

पहले से सोचकर रखिए। पढ़ने के काफी समय पहले बताइए कि आप कौन-सी आयत पढ़ने जा रहे हैं। इससे आयत ढूँढ़ने में सुननेवालों का बहुत कम वक्‍त ज़ाया होगा। हालाँकि सुननेवालों को आयत ढूँढ़ने की मोहलत देने की वजह से आप ज़्यादा जानकारी पेश नहीं कर पाएँगे, मगर ऐसा करने के बहुत-से लाभ होंगे।

यह कैसे करें

  • बाइबल पढ़ते वक्‍त, घर-मालिक को आयत दिखाइए, या उसे अपनी बाइबल खोलकर देखने के लिए कहिए।

  • कलीसिया के सामने बात करते वक्‍त, सुननेवालों से सीधे कहिए कि खास आयतों को खोलकर देखें और फिर उन्हें बाइबल खोलने की मोहलत दीजिए।

अभ्यास: वापसी भेंट में इन सुझावों को आज़माइए: (1) अपनी बाइबल में आयत खोलकर घर-मालिक को दीजिए और उससे कहिए कि क्या वह इस आयत को पढ़ सकता है। (2) घर-मालिक से कहिए कि क्या वह अपनी बाइबल निकालकर एक आयत पढ़ सकता है।

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