विषय-सूची
पेज अध्याय
5 1 “मेरा चेला बन जा और मेरे पीछे हो ले”—यीशु के कहने का क्या मतलब था?
भाग 1—“आ” और मसीह को “देख ले”
25 3 “मैं . . . दिल से दीन हूँ”
35 4 “देख! यह यहूदा के गोत्र का . . . शेर है”
46 5 “बुद्धि . . . का सारा खज़ाना”
56 6 “उसने . . . आज्ञा माननी सीखी”
66 7 धीरज धरने में यीशु की मिसाल पर गौर कीजिए
भाग 2—‘सिखाता और खुशखबरी का प्रचार करता रहा’
77 8 “मुझे इसीलिए भेजा गया है”
87 9 “जाओ और . . . लोगों को मेरा चेला बनना सिखाओ”
108 11 “आज तक किसी भी इंसान ने इस तरह बात नहीं की”
118 12 “वह बगैर मिसाल के उनसे बात नहीं करता था”
भाग 3—“मसीह का प्यार हमें मजबूर करता है”
129 13 “मैं पिता से प्यार करता हूँ”
139 14 “भारी तादाद में लोग उसके पास आए”
150 15 “उन्हें देखकर तड़प उठा”
161 16 ‘यीशु उनसे आखिर तक प्यार करता रहा’