विषय-सूची
पेज अध्याय
4 परिचय
9 1. ‘हालाँकि वह मर चुका है, मगर वह आज भी बोलता है’—हाबिल
17 2. वह “सच्चे परमेश्वर के साथ-साथ चलता रहा”—नूह
25 3. ‘उन सबका पिता जो विश्वास करते हैं’—अब्राम
33 4. “जहाँ तू जाएगी, वहाँ मैं भी जाऊँगी”—रूत
42 5. “एक नेक औरत”—रूत
51 6. उसने दिल खोलकर परमेश्वर से प्रार्थना की—हन्ना
59 7. वह “यहोवा के सामने बढ़ने लगा”—शमूएल
67 8. निराशा के बावजूद उसने धीरज रखा—शमूएल
76 9. उसने समझ-बूझ से काम लिया—अबीगैल
84 10. वह सच्ची उपासना के पक्ष में खड़ा हुआ—एलियाह
92 11. वह चौकन्ना रहा और इंतज़ार करता रहा—एलियाह
99 12. उसने अपने परमेश्वर से दिलासा पाया—एलियाह
108 13. उसने अपनी गलतियों से सबक सीखा—योना
116 14. उसने दया दिखाना सीखा—योना
125 15. उसने अपने लोगों को बचाने के लिए कदम उठाया—एस्तेर
135 16. उसने हिम्मत और बुद्धि से काम लिया—एस्तेर
145 17. “देख! मैं तो यहोवा की दासी हूँ!”—मरियम
153 18. “वह इनके मतलब के बारे में गहराई से सोचने लगी”—मरियम
162 19. एक अच्छा पिता—यूसुफ
172 20. “मुझे यकीन है”—मारथा
180 21. उसने डरने और शक करने की कमज़ोरी पर काबू पाया—पतरस
188 22. वह परीक्षाओं में भी वफादार रहा—पतरस
196 23. उसने प्रभु से माफ करना सीखा—पतरस
206 समाप्ति