वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • jy पेज 2-5
  • विषय-सूची

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • विषय-सूची
  • यीशु—राह, सच्चाई, जीवन
  • उपशीर्षक
  • भाग 1​—यीशु के जन्म से सेवा शुरू करने तक
  • भाग 2​—यीशु सेवा शुरू करता है
  • भाग 3​—यीशु गलील में दूर-दूर तक सेवा करता है
  • भाग 4​—आखिरी छः महीनों में यहूदिया में सेवा
  • भाग 5​—आखिरी महीनों में यरदन के पूरब में सेवा
  • भाग 6​—धरती पर यीशु के आखिरी दिन
यीशु—राह, सच्चाई, जीवन
jy पेज 2-5

विषय-सूची

पेज अध्याय

भाग 1​—यीशु के जन्म से सेवा शुरू करने तक

10 1 परमेश्‍वर की तरफ से दो संदेश

12 2 यीशु के जन्म से पहले उसका सम्मान

14 3 रास्ता तैयार करनेवाला पैदा होता है

16 4 मरियम​—शादी से पहले गर्भवती

18 5 यीशु का जन्म​—कहाँ और कब?

20 6 परमेश्‍वर का वादा पूरा हुआ

22 7 यीशु को देखने ज्योतिषी आते हैं

24 8 वे एक दुष्ट राजा से बच निकलते हैं

26 9 यीशु नासरत में बड़ा होता है

28 10 यीशु का परिवार यरूशलेम जाता है

30 11 यूहन्‍ना बपतिस्मा देनेवाला रास्ता तैयार करता है

भाग 2​—यीशु सेवा शुरू करता है

34 12 यीशु का बपतिस्मा

36 13 जब शैतान लुभाए, तो यीशु की तरह ठुकराइए

38 14 यीशु चेले बनाने का काम शुरू करता है

40 15 यीशु का पहला चमत्कार

42 16 सच्ची उपासना के लिए यीशु का जोश

44 17 यीशु नीकुदेमुस को रात को सिखाता है

46 18 यीशु बढ़ता है, यूहन्‍ना घटता है

48 19 यीशु एक सामरी औरत को सिखाता है

भाग 3​—यीशु गलील में दूर-दूर तक सेवा करता है

54 20 काना में यीशु का दूसरा चमत्कार

56 21 नासरत के सभा-घर में यीशु

58 22 चार चेले एक और तरह की मछुवाई करेंगे

60 23 कफरनहूम में बड़े-बड़े चमत्कार

62 24 गलील के कई इलाकों में सेवा

64 25 यीशु एक कोढ़ी पर करुणा करता है

66 26 “तेरे पाप माफ किए गए”

68 27 यीशु मत्ती को बुलाता है

70 28 यीशु के चेले उपवास क्यों नहीं करते?

72 29 क्या सब्त के दिन भले काम करना सही है?

74 30 परमेश्‍वर यीशु का पिता है

76 31 चेले सब्त के दिन अनाज की बालें तोड़कर खाते हैं

78 32 सब्त के दिन क्या करना सही है?

80 33 यशायाह की भविष्यवाणी पूरी होती है

82 34 यीशु बारह प्रेषित चुनता है

84 35 यीशु का मशहूर पहाड़ी उपदेश

92 36 एक सेनापति कमाल का विश्‍वास दिखाता है

94 37 यीशु एक विधवा के बेटे को ज़िंदा करता है

96 38 यूहन्‍ना यीशु से कुछ जानना चाहता है

98 39 विश्‍वास न करनेवालों का बुरा होगा

100 40 माफी के बारे में सीख

102 41 यीशु किसकी शक्‍ति से चमत्कार करता है?

104 42 यीशु फरीसियों को फटकारता है

106 43 परमेश्‍वर के राज के बारे में मिसालें

112 44 यीशु एक तूफान को शांत करता है

114 45 यीशु बहुत-से दुष्ट स्वर्गदूतों को निकालता है

116 46 यीशु के कपड़े छूने से बीमारी दूर

118 47 एक छोटी लड़की ज़िंदा होती है

120 48 नासरत के लोगों का रवैया

122 49 यीशु प्रेषितों को प्रचार करना सिखाता है

124 50 ज़ुल्मों के बावजूद प्रचार करने को तैयार

126 51 किसी के जन्मदिन पर किसी की मौत

128 52 यीशु चमत्कार से हज़ारों को खिलाता है

130 53 ऐसा राजा जो आँधी को शांत कर सकता है

132 54 यीशु​—“जीवन देनेवाली रोटी”

134 55 यीशु की बातें कई लोगों को घिनौनी लगती हैं

136 56 इंसान को दूषित करनेवाली बातें

138 57 एक लड़की और एक बधिर आदमी चंगे हुए

140 58 रोटियों का चमत्कार, खमीर के बारे में चेतावनी

142 59 इंसान का बेटा कौन है?

144 60 मसीह की महिमा की एक झलक

146 61 यीशु एक लड़के में से दुष्ट स्वर्गदूत को निकालता है

148 62 नम्रता के बारे में एक अहम सीख

150 63 पाप न करने और ठोकर न खिलाने की सलाह

152 64 हमें दूसरों को माफ क्यों करना चाहिए?

154 65 यीशु यरूशलेम जाते समय सिखाता है

भाग 4​—आखिरी छः महीनों में यहूदिया में सेवा

158 66 यीशु छप्परों के त्योहार के लिए यरूशलेम में है

160 67 ‘आज तक किसी ने उसकी तरह बात नहीं की’

162 68 परमेश्‍वर का बेटा “दुनिया की रौशनी” है

164 69 उनका पिता अब्राहम है या शैतान?

166 70 जन्म का अंधा आदमी देखने लगा

168 71 उस आदमी से पूछताछ जो पहले अंधा था

170 72 यीशु 70 चेलों को प्रचार करने भेजता है

172 73 एक सामरी सच्चा पड़ोसी साबित हुआ

174 74 मेहमान-नवाज़ी और प्रार्थना के बारे में सलाह

176 75 सच्ची खुशी किस बात से मिलती है?

178 76 एक फरीसी के यहाँ दावत

180 77 यीशु दौलत न बटोरने की सलाह देता है

182 78 विश्‍वासयोग्य प्रबंधक, तैयार रहो!

184 79 विश्‍वास न करनेवालों का नाश क्यों होगा?

186 80 अच्छा चरवाहा और भेड़शालाएँ

188 81 यीशु, पिता एक हैं, लेकिन यीशु परमेश्‍वर नहीं है

भाग 5​—आखिरी महीनों में यरदन के पूरब में सेवा

192 82 पेरिया में सेवा

194 83 दावत का न्यौता

196 84 यीशु का चेला होना एक बड़ी ज़िम्मेदारी है

198 85 पश्‍चाताप करनेवाले पापी के लिए खुशियाँ 198

200 86 खोया हुआ बेटा लौट आया

204 87 पहले से सोचिए​—होशियारी से काम लीजिए

206 88 अमीर आदमी और लाज़र

210 89 यीशु पेरिया में सिखाता है

212 90 “मरे हुओं को ज़िंदा करनेवाला”

214 91 यीशु लाज़र को ज़िंदा करता है

216 92 दस कोढ़ी ठीक हुए, एक ने धन्यवाद किया

218 93 इंसान का बेटा प्रकट होगा

220 94 प्रार्थना और नम्रता की अहमियत

222 95 तलाक की सही वजह और बच्चों से प्यार

224 96 एक अमीर अधिकारी के सवाल का जवाब

226 97 अंगूरों के बाग में काम करनेवालों की मिसाल

228 98 प्रेषित एक बार फिर बड़ा बनना चाहते हैं

230 99 दो अंधे आदमी चंगे हुए, जक्कई ने पश्‍चाताप किया

232 100 चाँदी के सिक्कों की मिसाल

भाग 6​—धरती पर यीशु के आखिरी दिन

236 101 बैतनियाह में शमौन के घर दावत

238 102 यरूशलेम में राजा यीशु का स्वागत

240 103 यीशु दोबारा मंदिर को शुद्ध करता है

242 104 क्या परमेश्‍वर की आवाज़ सुननेवाले विश्‍वास करेंगे?

244 105 अंजीर के पेड़ से विश्‍वास की सीख

246 106 अंगूरों के बाग की दो मिसालें

248 107 शादी की दावत के लिए राजा का न्यौता

250 108 यीशु को फँसाने की कोशिश नाकाम

252 109 यीशु विरोधियों को धिक्कारता है

254 110 मंदिर में यीशु का आखिरी दिन

256 111 प्रेषित निशानी पूछते हैं

260 112 दस कुँवारियाँ​—जागते रहने का सबक

262 113 तोड़ों की मिसाल​—मेहनत करने की सीख

264 114 भेड़ों और बकरियों का फैसला

266 115 यीशु का आखिरी फसह आनेवाला है

268 116 आखिरी फसह के वक्‍त नम्रता की सीख

270 117 प्रभु का संध्या भोज

272 118 इस बात पर बहस कि कौन बड़ा है

274 119 यीशु​—राह, सच्चाई, जीवन

276 120 फल पैदा करें, यीशु के दोस्त बने रहें

278 121 “हिम्मत रखो! मैंने इस दुनिया पर जीत हासिल कर ली है”

280 122 ऊपरी कमरे में यीशु की आखिरी प्रार्थना

282 123 यीशु बहुत दुखी है और प्रार्थना करता है

284 124 मसीह के साथ विश्‍वासघात

286 125 पहले हन्‍ना के पास, फिर कैफा के पास

288 126 पतरस यीशु को जानने से इनकार करता है

290 127 मुकद्दमे के बाद पीलातुस के पास

292 128 पीलातुस और हेरोदेस यीशु को निर्दोष पाते हैं

294 129 पीलातुस कहता है, “देखो इस आदमी को!”

296 130 यीशु को मार डालने के लिए सौंप दिया जाता है

298 131 एक निर्दोष राजा काठ पर दुख झेलता है

300 132 “वाकई यह इंसान, परमेश्‍वर का बेटा था”

302 133 यीशु को दफनाया जाता है

304 134 कब्र खाली है, यीशु ज़िंदा हो गया है!

306 135 यीशु बहुत लोगों को दिखायी देता है

308 136 गलील झील के किनारे

310 137 पिन्तेकुस्त से पहले सैकड़ों चेले यीशु को देखते हैं

312 138 मसीह​—परमेश्‍वर की दायीं तरफ

314 139 यीशु अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करेगा

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें