वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • lfb पाठ 67 पेज 158-पेज 159 पैरा. 1
  • यरूशलेम की दीवारें

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • यरूशलेम की दीवारें
  • बाइबल से सीखें अनमोल सबक
  • मिलते-जुलते लेख
  • यरूशलेम की दीवार
    बाइबल कहानियों की मेरी मनपसंद किताब
  • नहेमायाह किताब की झलकियाँ
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2006
  • “भलाई से बुराई को जीत लो”
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2007
  • यरूशलेम—क्या आप इसे “अपने बड़े से बड़े आनन्द से श्रेष्ठ” मानते हैं?
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1998
और देखिए
बाइबल से सीखें अनमोल सबक
lfb पाठ 67 पेज 158-पेज 159 पैरा. 1
नहेमायाह यरूशलेम की दीवारें दोबारा बनाने की हिदायतें दे रहा है और पहरेदारों को तैनात कर रहा है

पाठ 67

यरूशलेम की दीवारें

आइए हम कुछ साल पहले हुई घटनाओं पर गौर करें। नहेमायाह नाम का एक इसराएली, राजा अर्तक्षत्र का सेवक था और फारस के शहर शूशन में रहता था। एक दिन उसका भाई यहूदा से आया और उसने उसे यह बुरी खबर दी, ‘जो लोग यरूशलेम लौट गए हैं वे सुरक्षित नहीं हैं। बैबिलोन के लोगों ने शहर की जो दीवारें और फाटक तोड़ दिए थे, वे अब तक नहीं बनाए गए हैं।’ यह सुनकर नहेमायाह उदास हो गया। वह यरूशलेम जाकर उनकी मदद करना चाहता था। इसलिए उसने प्रार्थना की कि परमेश्‍वर कुछ ऐसा करे कि राजा उसे जाने दे।

बाद में राजा ने देखा कि नहेमायाह बहुत उदास है। राजा ने उससे कहा, ‘मैंने तुझे कभी इतना उदास नहीं देखा। क्या बात है?’ नहेमायाह ने कहा, ‘मेरा शहर यरूशलेम अभी-भी टूटा पड़ा है, इसलिए मैं उदास हूँ।’ राजा ने उससे पूछा, ‘क्या मैं तेरी कुछ मदद कर सकता हूँ?’ नहेमायाह ने फौरन प्रार्थना की और फिर राजा से गुज़ारिश की, ‘मुझे यरूशलेम जाने दे ताकि मैं उसकी दीवारें दोबारा बना सकूँ।’ राजा अर्तक्षत्र ने नहेमायाह से कहा कि वह जा सकता है। राजा ने उसके लिए सारे इंतज़ाम किए ताकि उस लंबे सफर में उसे कोई खतरा न हो। उसने नहेमायाह को यहूदा का राज्यपाल भी बनाया और शहर के फाटक बनाने के लिए लकड़ियाँ दीं।

जब नहेमायाह यरूशलेम पहुँचा तो उसने दीवारों की जाँच की। फिर उसने याजकों और अधिकारियों को इकट्ठा किया और उनसे कहा, ‘हालत बहुत खराब है। हमें फौरन काम पर लगना होगा।’ लोग भी राज़ी हो गए और उन्होंने दीवारें बनाना शुरू कर दिया।

मगर इसराएलियों के कुछ दुश्‍मन यह कहकर उनका मज़ाक उड़ाने लगे, ‘तुम जो दीवारें बना रहे हो वे इतनी कमज़ोर हैं कि अगर एक लोमड़ी भी उन पर चढ़ जाए तो वे गिर जाएँगी।’ दीवार बनानेवालों ने उनकी बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया और अपने काम में लगे रहे। धीरे-धीरे दीवारें ऊँची और मज़बूत बनती गयीं।

अब दुश्‍मनों ने फैसला किया कि वे अलग-अलग दिशा से आएँगे और अचानक यरूशलेम पर हमला कर देंगे। जब यहूदियों को यह बात पता चली तो वे डर गए। मगर नहेमायाह ने उनसे कहा, ‘मत डरो, यहोवा हमारे साथ है।’ उसने काम करनेवालों की रक्षा के लिए पहरेदार खड़े किए, इसलिए दुश्‍मन हमला नहीं कर पाए।

सिर्फ 52 दिनों के अंदर दीवारें और फाटक बनकर तैयार हो गए। इनके उद्‌घाटन के लिए नहेमायाह सभी लेवियों को यरूशलेम ले आया। उसने उन्हें गायकों के दो दल में बाँटा। वे सोता फाटक के पास सीढ़ियाँ चढ़कर दीवार पर गए। वहाँ से एक दल एक तरफ गया और दूसरा दल दूसरी तरफ गया। एक दल के साथ एज्रा था और दूसरे के साथ नहेमायाह। वे तुरहियाँ फूँकते, झाँझ और सुरमंडल बजाते और यहोवा की तारीफ में गीत गाते हुए दीवारों पर चलते गए। फिर दोनों दल मंदिर में मिले। इसके बाद सभी आदमियों, औरतों और बच्चों ने यहोवा के लिए बलिदान चढ़ाए और जश्‍न मनाया। उन्होंने इतनी खुशियाँ मनायीं कि उनकी आवाज़ दूर-दूर तक सुनायी दे रही थी।

“तुम्हारे खिलाफ उठनेवाला कोई भी हथियार कामयाब नहीं होगा।”—यशायाह 54:17

सवाल: नहेमायाह यरूशलेम क्यों गया? यरूशलेम की दीवारें दोबारा बनाने में कितना समय लगा?

नहेमायाह 1:1-11; 2:1-20; 4:1-23; 5:14; 6:1-19; 12:27-43

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें