“सुनो कि पवित्र शक्ति मंडलियों से क्या कहती है”
सुबह का कार्यक्रम
9:40 संगीत
9:50 गीत नं. 1 और प्रार्थना
10:00 ‘सुनो कि पवित्र शक्ति क्या कहती है’—कैसे?
10:15 “तू दुख उठाते-उठाते थका नहीं”
10:30 “मत डर”
10:55 गीत नं. 73 और घोषणाएँ
11:05 “तूने ... मुझ पर विश्वास करने से इनकार नहीं किया”
11:35 समर्पण: एक खास फैसला जिसके मायने भी हैं खास
12:05 गीत नं. 79
दोपहर का कार्यक्रम
1:20 संगीत
1:30 गीत नं. 126
1:35 अनुभव
1:45 प्रहरीदुर्ग का सारांश
2:15 परिचर्चा: यह सलाह कैसे मानें
• ‘तुम्हारे पास जो है उसे मज़बूती से थामे रहना’
• ‘चौकन्ना हो जा और जो बची हुई चीज़ें हैं उन्हें मज़बूत कर’
• “मैंने तेरे सामने एक दरवाज़ा खोल रखा है”
3:00 गीत नं. 76 और घोषणाएँ
3:10 “जोशीले हों”
3:55 गीत नं. 129 और प्रार्थना