वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • w90 12/1 पेज 3-4
  • क्यों इतना अपराध?

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • क्यों इतना अपराध?
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1990
  • मिलते-जुलते लेख
  • अपराध का अन्त अब निकट है!
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1990
  • जुर्म क्या इसकी जड़ काटना मुमकिन है?
    सजग होइए!–2008
  • पुलिस—इनका भविष्य क्या होगा?
    सजग होइए!–2002
  • एक अव्यवस्थित दुनिया में अपराध से निपटना
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1992
प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1990
w90 12/1 पेज 3-4

क्यों इतना अपराध?

“अधिकांश अपराध धन-सम्पत्ति के विषय में होते हैं,” अँग्रेज़ सरकार की एक विवरणिका ज़ोर देते हुए बताती है। फिर भी, कहा जाता है कि उस देश में लोगों के ख़िलाफ़ होनेवाले हिंसक अपराध, “अपराध का सब से ज़्यादा तेज़ी से बढ़नेवाला प्रकार है,” हालाँकि ये सभी अपराधों का सिर्फ़ ५ प्रतिशत हिस्सा बनते हैं।

यह स्थिति अपराध की विश्‍वव्यापी वृद्धि को प्रतिबिम्बित करती है। विमान-अपहरण, सशस्त्र डकैती, बलात्कार, और अन्य हिंसक कार्य दुनिया के संचार माध्यम के कालमों में नियमित रूप से मुख्य स्थान पाते हैं, और अकसर ये रिपोर्ट अहिंसक अपराध की रिपोर्टों से ज़्यादा ध्यान आकर्षित करते हैं। तो फिर ज़ाहिर है कि शायद आप और आपकी सम्पत्ति, दोनों अपराध का निशाना हो सकते हैं। पर क्यों? लोग किस बात से अपराधी बनने तक उकसाए जाते हैं?

कई अपराधी अवसरवादी होते हैं। इसके परिणामस्वरूप, अधिकारी-वर्ग अपराध के इस बहाव को प्रभावहीन कर देने की कोशिश में लोगों को अपने पड़ोस में क्या-क्या हो रहा है, इसके विषय ज़्यादा अवगत रहने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। जबकि ऐसी योजनाओं का प्रयोग अपराधक कार्यों को रोकने की कोशिश में होता है, क्या वे लोगों को अपराधी बनने से रोकती हैं? नहीं।

अपराधी का व्यक्‍तित्व अत्याधिक परिशीलन का विषय है। दिलचस्प रूप से, परमेश्‍वर का वचन, बाइबल, अपराधी की विचारधारा की एक झलक देती है, जब यह नौजवानों को उन लोगों के ख़िलाफ़ चेतावनी देती है, जो कहते हैं: “चलो, हम हत्या करने के लिए किसी को ढूँढ़ें! मज़ाक़ के लिए कुछ निर्दोष लोगों पर हमला करें! जब हम उन्हें ढूँढ़ निकालेंगे, तब वे शायद जीवित और भलेचंगे होंगे, पर जब उन के साथ ख़त्म करेंगे, तब वे मुरदा होंगे! हमें हर तरह की अनमोल चीज़ें मिलेंगी और हम अपने घरों को लूट से भर लेंगे! आओ, हमारे साथ मिल जाओ, और जो कुछ लूटेंगे, उसका हम सब भाग करेंगे।” (नीतिवचन १:११-१४, टुडेज़ इंग्लिश वर्शन) जी हाँ, लोभ, लोलुपता, और एक भौतिकवादी दृष्टिकोण अपराध को विकसित करते हैं।

नशीली पदार्थों का दुरुपयोग और सुखवाद भी इस २०वीं शताब्दी में अनेकों की विचारधारा पर छा गए हैं। आवश्‍यकता से अधिक ख़र्च चुकाने के लिए पैसे चाहिए, तब भी अगर पैसा हासिल करने के लिए किसी दूसरे को कष्ट देना या उसकी जान लेना पड़े। इन ‘निपटने-में-मुश्‍किल कठिन समय’ में, यह कई लोगों के बारे में सच है कि वे “तेज़ क़दमों से अपराध करने के लिए जाते हैं और खून बहाने के लिए अधीर हैं।”—२ तीमुथियुस ३:१, ३, ४; नीतिवचन १:१६, द न्यू इंग्लिश बाइबल.

अपराध “एक गंभीर पाप है, ख़ास तौर से नैतिकता के ख़िलाफ़,” वेब्‌स्टर्स नाइन्थ न्यू कॉल्लीजिएट डिक्शनरी कहती है। हम नैतिक बिगाड़ के युग में जी रहे हैं। प्रेरित पौलुस ने इफिसुस के मसीहियों को उन लोगों के बारे में चिताया जो “अपने मन की अनर्थ रीति पर चलते हैं . . . क्योंकि उनकी बुद्धि अन्धेरी हो गयी है और उस अज्ञानता के कारण जो उन में है, और उनके मन की कठोरता के कारण, वे परमेश्‍वर के जीवन से अलग किए हुए हैं। और वे सुन्‍न होकर, लुचपन में लग गए हैं।”—इफिसियों ४:१७-१९.

क्या ये सभी बातें, परपीड़न-कामुकता दिखानेवाले विडियो टेप रिकॉर्डिंग, युद्ध का यशोगान और अवैध भोग-विलास का स्वार्थी अनुसरण, कुछ लोगों को अपराधी बनाने जबकि निर्दोष लोगों को उनका निशाना बनाने में सहायक नहीं होतीं? परन्तु इन अपराधक साज़िश के जाल में एक और अंश है। यह क्या है?

यह शैतान इब्लीस है। उसके क्रोध से बुद्धिहीन हिंसा और अपराध की आग सुलगती है, जो कि इस मौजूदा दुनिया की विशेषता है। (१ यूहन्‍ना ५:१९; प्रकाशितवाक्य १२:१२) उसका लक्ष्य सभी लोगों को सच्चे परमेश्‍वर, यहोवा के ख़िलाफ़ बना देना है। हालाँकि वह कई लोगों के संबंध में सफल होगा, बाइबल भविष्यसूचक रूप से बताती है कि वह परमेश्‍वर के सच्चे सेवकों की ख़राई तोड़ देने में विफल होगा। अन्त में, शैतान को निकाल दिया जाएगा। फिर भी, क्या शैतान का रास्ते से हटा दिए जाने का मतलब अपराध का अन्त होगा? और क्या अपराध का अन्त अब निकट है?

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें