अपराध का अन्त अब निकट है!
जासूस अपराधों को सुलझाने का प्रयास ऐसे सूत्रों की जाँच करके करते हैं, जो अपराध करनेवालों की पहचान और प्रेरणाओं को प्रकट करते हैं। जासूस की पद्धति और कुशलताएँ संसार-भर में लोकप्रिय उपन्यासों का विषय हैं। हालाँकि वह अन्त में अपराधी का पता लगाने में सफल हो सकता है, सामान्य रूप से जासूस का काम घटना के बाद आरंभ होता है, अपराध किए जाने के बाद।
जैसे अपराध में हुई वृद्धि से देखा जा सकता है, हर पकड़े जानेवाले अपराधी की जगह, ऐसे कई अन्य लोग हैं, जो अपराध को अपना लेते हैं। तो फिर अपराध को हटाने के लिए, किए गए अपराधों को मात्र सुलझाने से बढ़कर कुछ करने की आवश्यकता है। लोगों को अपराधी बनने से क्या रोकेगा?
अपराध का संबंध नीति से है। इस बात को स्वीकार करने में हमें कोई कठिनाई नहीं होती है कि हत्या, बलात्कार और अन्य हिंसक कार्य अपराध हैं। परन्तु कर देते समय छल करने के बारे में क्या? ऐसा कार्य भी अपराधक है, क्योंकि वह ईमानदारी के नैतिक स्तरों के प्रतिकूल है। अपराध को पूरी तरह से मिटाने का अर्थ यह होना चाहिए कि मूलभूत नीति के प्रतिकूल सभी कार्यों को हटा दिया जाए।
बाइबल के तीन उदाहरणों पर ध्यान दीजिए जो मात्र अपराध के कारण को ही स्पष्ट नहीं करते, परन्तु उसे हटाने का मार्ग भी दिखाते हैं।
परमेश्वरीय भय बनाम ईर्ष्या
कृपया भजनहार आसाप के शब्दों पर ध्यान दीजिए: “जब मैं दुष्टों की शान्ति को देखता, मैं उन घमण्डियों के प्रति ईर्ष्यालु होता था।” (भजन संहिता ७३:३, न्यू.व.) हाँ, एक अपराधी की सम्पत्ति और जीवन-शैली की ईर्ष्या कई लोगों को क़ानून विरोधी मार्ग अपनाने के लिए ललचाता है। टेलीविशन पर और अख़बारों में अपराध को आकर्षक बनाकर दिखाने से बुराई के लिए घृणा बढ़ाने के बजाय यह उसे अधिक स्वीकार्य बनाता है।
तथापि, नीतिवचन के उत्प्रेरित लेखक यह उत्साह देते है: “तू पापियों के विषय मन में ईर्ष्या न करना, परन्तु दिन भर यहोवा का भय मानते रहना।” एक व्यक्ति की अपनी प्रेरणा और इच्छा इस समस्या की जड़ है। यहोवा परमेश्वर को नाखुश करने का परमेश्वरीय भय विकसित करना ही इन पर रोक लगाने का सबसे अच्छा तरीक़ा है। “तो फिर तेरा भविष्य अच्छा होगा, और तेरी आशा न टूटेगी।”—नीतिवचन २३:१७, १८, न्यू.व.
विश्वास बनाम लोभ
सामान्य युग वर्ष ३३ के बसन्त ऋतु में यीशु यरीहो के नगर से होते हुए यात्रा कर रहे थे। जक्कई उस नगर में रहता था, जिसका वर्णन सुसमाचार-पुस्तक लेखक लूका इन शब्दों में करते हैं: “कर लेनेवालों का सरदार” और वह आगे कहते हैं कि वह “धनी था।” यरीहो के आस-पास का उपजाऊ क्षेत्र कर की वसूली के लिए उत्तम स्थान था, और जैसे कि जक्कई के अपने शब्दों से प्रकट होता है, कर लेनेवालों का सरदार होने के नाते उसके कार्यकलाप ने उसे खसोट से पैसा लेने के लिए अवसर दिया। परन्तु जक्कई एक अपराधी नहीं बना रहा।—लूका १९:१-८, न्यू.व.
जक्कई यीशु के चारों ओर इकट्ठा हुई भीड़ के आगे दौड़ निकला और अपने नाटे कद के कारण यीशु को देखने के लिए एक गूलर के पेड़ पर चढ़ गया। यीशु ने उसे देखा और जक्कई को नीचे उतरने को कहा, क्योंकि जब तक यरीहो में रहते वह तब तक उसके साथ ठहरते। बाद में, जक्कई के शब्दों से एक परिवर्तित मनोभाव प्रदर्शित हुआ: “मैं अपनी आधी सम्पत्ति कंगालों को देता हूँ, और जो कुछ भी मैंने झूठे आरोप लगाकर ले लिया है, तो उसे चौगुना फेर देता हूँ।” खसोट से लिए हुए पैसों को वापस करने में बहुत ही लागत होती। ऐसा करने की प्रतिज्ञा करके, जक्कई ने यीशु में अपना विश्वास प्रदर्शित किया। हाँ, उसके परिवर्तित मनोभाव से एक ठोस नतीजा उत्पन्न हुआ, कि जो कुछ ग़ैर-क़ानूनन लिया गया था उसकी, और ऊपर से उस मूल्य के तीन गुना अधिक की वापसी थी, जिस से क्षतिपूर्ति कुल चौगुना होती थी। अतः, जक्कई ने अपनी की हुई ग़लती का शोधन किया और उस से भी अधिक किया, तथा इस तरह उसने अपनी परिवर्तित जीवन-शैली की निष्कपटता का प्रमाण दिया।—२ कुरिन्थियों ७:११.
सम्पत्ति से लोग अधिक महत्त्वपूर्ण
अभियुक्त यीशु मसीह के बारे में रोमी हाकिम पीलातुस ने कहा: “मैं इस मनुष्य में कोई अपराध नहीं पाता।” (लूका २३:४) अपनी पार्थिव सेवकाई के दौरान, सम्पत्ति प्राप्त करने के लिए अपराधिक आचार-व्यवहार का सहारा लेने के बजाय, यीशु ने लोगों में प्रेममय दिलचस्पी दिखायी। “जब उन्होंने भीड़ को देखा तब उन्हें लोगों पर तरस आया, क्योंकि वे उन भेड़ों की नाईं जिनका कोई रखवाला न हो, व्याकुल और भटके हुए से थे। तब उन्होंने अपने चेलों से कहा, ‘हाँ, पक्के खेत तो बहुत हैं पर मज़दूर थोड़े हैं। इसलिए खेत के स्वामी से बिनती करो कि वे अपने खेत काटने के लिए मज़दूर भेज दे।’” (मत्ती ९:३६-३८, न्यू.व.) स्पष्टतः यीशु ने सम्पत्ति के बजाय लोगों को प्रथम स्थान दिया, अपने आराम और सुविधा से भी आगे। उपदेश और मदद के लिए यीशु के पास जानेवाले चेलों और लोगों की भीड़ की सेवा में जिस तरह से उन्होंने अपने आप को ख़र्च करने में स्वेच्छा दिखायी, उस से भी हम इस बात को देखते हैं। (मत्ती ८:२०; १४:१३-१६) इस बात में, हमें अनुकरण करने के लिए यीशु ने एक आदर्श छोड़ा—१ पतरस २:२१.
क्या आज लोगों के लिए यह संभव है कि वे उस आदर्श पर चलें, कि वे सह-मनुष्यों को भौतिक वस्तुओं से ज़्यादा बहुमूल्य समझें? हम हाँ में जवाब दे सकते हैं। यहोवा के गवाहों की ओर ध्यान दीजिए, जिनकी गिनती अब पैंतीस लाख से बढ़कर है। वे यीशु के मन को अपनाने और उसे व्यावहारिक अभिव्यक्ति देने का प्रयास करते हैं। वे अपने हृदय से उन दुष्ट इच्छाओं को हटाने के लिए निरंतर परिश्रम कर रहे हैं, जो कई अन्य लोगों को अपराध करने की ओर ले जाती हैं। गवाह बनने से पहले, जैसे जैसे उन्होंने बाइबल का अध्ययन किया और परमेश्वर के लिए प्रेम विकसित किया, उन में से कुछेक भूतपूर्व अपराधियों के हृदय छू गए; इस से उन में से अनेक उकसाए गए कि वे अपने पहले किए हुए अपराधों के लिए क्षतिपूर्ति करें। नहीं, ऐसे लोगों ने प्रसिद्धि प्राप्त करने के लिए नहीं, परन्तु यहोवा परमेश्वर के साथ शान्तिपूर्ण संबंध स्थापित करने के लिए ऐसा किया और इस प्रकार वे यीशु मसीह की छुड़ौती रूपी बलिदान के द्वारा प्रकट की गयी उनकी कृपा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।—१ कुरिन्थियों २:१६; ६:११; २ कुरिन्थियों ५:१८-२०.
अपने पड़ोसियों के लिए प्रेम सहित, ऐसे मसीही अन्य लोगों से भेंट करने के लिए और उन्हें समझाने के लिए समय निकालते हैं, कि ऐसे परिवार कैसे परमेश्वर के राज्य के अधीन परादीस परिस्थितियों में जीवन की आशा कर सकते हैं। हर सप्ताह यहोवा के गवाह अपने किंग्डम हॉलों में नियमित सभाएँ आयोजित करते हैं। एक स्वयं-स्वीकृत चोर ने सभाओं में क्या होता है, यह देखने के हेतु से उपस्थित होने के लिए एक निमन्त्रण स्वीकार किया। वह कहता है: “यह कहना कम होगा कि मैं बहुत ही चकित हुआ। जैसे मैं ने प्रत्याशा की थी वैसे वह बिल्कुल भी उबाऊ या नीरस नहीं थी। वह उत्साह और प्रेम, जो इतना प्रत्यक्ष था, स्पष्ट रूप से असली था। और आत्मिक बातों के लिए गवाहों का जो मूल्यांकन दिखायी देता था, वह विशिष्ट था।” वह इतना प्रभावित हुआ कि उसने अपनी संगति को जारी रखा और इससे उसको सुधरने में मदद मिली। चाहे आप अपराध के कार्यों में कभी शामिल हुए होंगे या नहीं, जब आप परमेश्वर के सेवकों के साथ संघबद्ध होंगे, तब आप भी सम्पत्ति के बजाय लोगों में उसी असली दिलचस्पी को पाएँगे।—मत्ती २२:३९.
अपराध—पहले ही लुप्त?
यदि लोगों ने अपराधियों की तरह व्यवहार करना छोड़ दिया हो, तो क्या इसका अर्थ यह है कि वे सिद्ध हैं? बिल्कुल नहीं! यहोवा के गवाह, अन्य सभी लोगों की तरह, हमारे पहले मानुषिक पिता, आदम से उत्तराधिकार में प्राप्त पाप से पीड़ित हैं। (रोमियों ५:१२; १ यूहन्ना १:८) परन्तु वे अब परमेश्वर की सेवा करने में संयुक्त हैं, जैसा उनके संसार-व्यापी प्रचार और शिक्षा कार्य से प्रतिबिम्बित होता है। यह यशायाह की भविष्यद्वाणी की पूर्ति को शक्तिशाली साक्षी देती है: “अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों के ऊपर दृढ़ किया जाएगा, . . . और हर जाति के लोग धारा की नाईं उसकी ओर चलेंगे।” (यशायाह २:२) यथार्थ में, लाखों लोग यहोवा के मार्गों की र्शिंक्षा की खोज में, उनकी ऊँची उठायी गयी उपासना की ओर, धारा की नाईं आ रहे हैं। ऐसे लोगों के साथ, जो अपराध से दूर रहते हैं, संगति करके लाभ प्राप्त करनेवालों में से आप एक हो सकते हैं।
अपराध का लुप्त होना—आशाएँ
वस्तुतः, हमारे दिनों के बढ़ते हुए अपराध के काम, अपराध करनेवालों सहित सभी दुष्टों को हटाने के लिए परमेश्वरीय हस्तक्षेप का निकट होने की सूचना देते हैं। “क्योंकि कुकर्मी काट डाले जाएँगे। . . . थोड़े दिन के बीतने पर दुष्ट रहेगा ही नहीं; और तू उसके स्थान को भली भाँति देखने पर भी उसको न पाएगा।” (भजन संहिता ३७:९, १०) अपराध का अन्त अब सचमुच निकट है, क्योंकि हम उस समय के समीप पहुँच रहे हैं जब उस प्रथम अपराधी, शैतान इब्लीस, को बान्धकर अथाह कुंड में बन्द कर दिया जाएगा। (प्रकाशितवाक्य २०:१-३) यह जानना कितना ही उत्तेजक होना चाहिए कि अपराध का भय और उस से पीड़ित व्यक्तियों का दुःख शीघ्र ही बीती हुई बातें बन जाएँगी!
परन्तु, उन लाखों लोगों के बारे में क्या, जो पुनरुत्थान में पृथ्वी पर जीने के लिए वापस आएँगे? (प्रेरितों के काम २४:१५) मृत्यु से पहले जो उनके व्यक्तित्व और आदतें थीं, यदि वे उसी में बने रहेंगे तो क्या वे अपराध की एक नयी लहर का आरंभ नहीं करेंगे? इस बात की आशंका करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यीशु ने यह कहते हुए एक चोर को पुनरुत्थान की प्रतिज्ञा दी: “मैं तुझ से आज सच कहता हूँ, तू मेरे साथ परादीस में होगा।” (लूका २३:४३, न्यू.व.) यह अवश्य संकेत करता है कि पुनरुत्थान पानेवालों को परिवर्तन करने पड़ेंगे; नहीं तो नया संसार परादीस नहीं होता।
जिस तरह कट्टर अपराधियों को भी, समस्याएँ खड़ा किए बिना, समाज में बस सकने से पहले सुधार की आवश्यकता होती है, उसी तरह परमेश्वर के राज्य तले, प्रशिक्षण का एक विस्तृत कार्यक्रम नागरिकों को विधिपालक बनने की मदद करेगा। (प्रकाशितवाक्य २०:१२, १३) इस प्रत्यक्ष लाभ के साथ, कि उनकी चारों ओर परादीस के निवासी हैं, जो कि परमेश्वर के नियमों का पालन कर रहे हैं, पुनरुत्थान में उठनेवाले लोग उचित रीति से संचालित आर्थिक परिस्थितियों का अनुभव करेंगे। (यशायाह ६५:२१-२३) न्यायोचित शासक होंगे, और हठी अपराधियों को जीवन से हटाया जाएगा। (यशायाह ३२:१; ६५:२०) तो फिर इस बात पर भरोसा रखने के लिए प्रचुर कारण हैं कि अन्ततः अपराध का अन्त होगा।
हालाँकि हम अब भी एक ऐसे संसार के बीच रहते हैं जिसकी विशेषता अपराध है, आप आश्वस्त होकर यहोवा में भरोसा दिखा सकते हैं, जो अपने विश्वासयोग्य सेवकों को परादीस में सिद्ध जीवन का इनाम देने की प्रतिज्ञा करते हैं। यहोवा के गवाहों द्वारा प्रस्तुत मुफ़्त गृह बाइबल अध्ययन की व्यवस्था का लाभ उठाकर अब ऐसा कीजिए। (यूहन्ना १७:३) अगली बार जब आप उनसे मिलें, तब क्यों न आप अधिक ब्योरा माँग लें? अथवा तो आप इस पत्रिका के पृष्ठ २ पर दी गयी सूची में से अपने सबसे पासवाले पते पर लिख सकते हैं। यह निश्चय ही परिश्रम करने के योग्य काम है, क्योंकि अपराध का अन्त अब निकट है!
[पेज 5 पर तसवीरें]
जो कुछ उसने खसोट से लिया था उसे वापस करने के लिए जक्कई के विश्वास ने उसे उकसाया
[पेज 7 पर तसवीरें]
प्रशिक्षण का एक कार्यक्रम परमेश्वर के राज्य के नागरिकों को विधिपालक बनना सिखाएगा