रूपरंग कितना महत्त्व रखता है?
“मैं अपने रूपरंग के कारण बहुत ही दुःखी हुई,” बीवर फॉल्ज़, पेंसिल्वेनिया, यू.एस.ए., से एक युवती लिखती है। “मुझे लगा कि मैं बदसूरत और अनाकर्षक हूँ।” वह समझाती है: “कुछ दिनों के लिए मैं बहुत ही कम खाती, और मैं ने दो पौंड कम भी किया, लेकिन न खाने से मुझे इतनी भूख लगती कि मैं अगले दिन भकोसकर खाती और फिर से वज़न बढ़ जाता था।”
बाद में, एक मसीही सम्मेलन में, उसने कहा: “मैं ने आईने में देखकर अपनी सहेली से कहा, ‘मैं कितनी बदसूरत लगती हूँ!’
“इस बहुत ही प्यारी सहेली ने मुझ से पूछा कि क्या मैं ने क्वेस्चन्ज़ यंग पीपल् आस्क—आन्सर्ज़ दॅट वर्क, किताब में ‘अ लुक ॲट हाउ यू लुक’ हिस्से को पढ़ा था या नहीं। मैं ने कहा, नहीं। उस ने मुझ से कहा, ‘मेरी प्यारी सहेली, तुम्हें आज ही घर जाकर यह पढ़ लेना चाहिए।’ और मैं ने वही किया।
“मुझे लगा मानो मैं अपनी ही ज़िन्दगी की कहानी पढ़ रही हूँ। फिर मैं ने ऐसे सवाल को पढ़ा, जिस से मैं सोच में पड़ गयी, ‘कौन है जो इस कल्पना को प्रवर्तित करता है कि अगर हमें लोकप्रिय, सफ़ल, या खुश होना है, तो हमारा रूपरंग फ़लाना क़िस्म का होना चाहिए?’”
इस युवती ने कहा, कि उस सवाल के जवाब से उसकी ज़िन्दगी में एक आश्चर्यजनक परिवर्तन हुआ। उसने आख़िर में कहा: “यंग पीपल् आस्क किताब में दिए गए मददपूर्ण सुझावों के ज़रिए, मैं ने अपनी प्राथमिकताओं को सीधा करने की ज़रूरत देखी।”
आज नौजवानों पर कई दबाव हैं। उनसे सफ़लतापूर्वक निपटने के लिए उन्हें मदद की ज़रूरत है। क्वेस्चन्ज़ यंग पीपल् आस्क—आन्सर्ज़ दॅट वर्क में यह मदद मिलती है। कूपन को भरकर भेजने से आप इस आकर्षक रीति से सचित्र किताब की एक प्रति पा सकते हैं।
मैं 320-पृष्ठ वाली किताब क्वेस्चन्ज़ यंग पीपल् आस्क—आन्सर्ज़ दॅट वर्क उपलब्ध करना चाहता हूँ। मैं रु. 20.00 संलग्न करता हूँ।