एक अव्यवस्थित दुनिया में अपराध से निपटना
क्या आप रात को बाहर जाने से डरते हैं? क्या आपको अपने दरवाज़ों और खिड़कियों पर दो या तीन तालों की ज़रूरत है? क्या कभी आपकी गाड़ी या साइकिल की चोरी हुई है? क्या कभी आपकी गाड़ी में लगाया गया रेडियो चोरी में गया है? क्या आपको कुछेक इलाकों में ख़तरे का अहसास होता है?
अगर इन में से किसी एक सवाल का जवाब आप हाँ में देते हैं, तो आप एक अव्यवस्थित दुनिया में अपराध से निपटने की कोशिश कर रहे हैं। आप इसके बारे में क्या कर सकते हैं? क्या बाइबल आपको इस से निपटने की मदद कर सकती है?
अपराधी मनोवृत्ति और न्याय
अपराध की दुनिया में, तीन बुनियादी तत्त्व हैं: अपराधी, पुलिस और शिकार। आप के लिए, जो संभाव्य शिकार हैं, अपराध से निपट सकने के लिए क्या आवश्यक है? क्या आप इन तीन तत्त्वों में से किसी एक पर कोई प्रभाव डाल सकते हैं? मिसाल के तौर पर, क्या आप अपराधियों को बदल सकते हैं?
ख़ैर, अनेक अपराधियों ने अपराध को अपना पेशा बना दिया है। उन्होंने इसे एक ज़्यादा आसान ज़िन्दगी बिताने के एक तरीक़े के तौर से चुन लिया है। ऐसा प्रतीत होता है कि उनका तत्त्वज्ञान इस प्रकार है, ‘काम क्यों करें अगर दूसरों के कमाए हुए पैसों पर जी सकते हैं?’ लुटेरे जानते हैं कि आम शिकार अपना पैसा हाथा-पाई किए बिना ही दे देगा या देगी। और चूँकि पकड़े जाने और जेल भेजे जाने की संभावनाएँ इतनी ज़्यादा नहीं, उनके लिए तो अपराध फ़ायदेमंद ज़रूर है।
इसके अलावा, अदालती कार्यप्रणाली पेचीदा और समय-नाशक है। अनेक देशों में, बहुत ही कम अदालत, न्यायाधीश, और क़ैदखाने हैं। अपराधी मुकदमों का भार क़ानूनी व्यवस्था को हरा देता है। इंसाफ़ की कार्यप्रणाली इतने धीरे से चलती है कि स्थिति उसी रीति से है जैसे तीन हज़ार से ज़्यादा साल पहले बाइबल में वर्णन की गयी थी: “बुरे काम को दण्ड की आज्ञा फुर्ती से नहीं दी जाती; इस कारण मनुष्यों का मन बुरा काम करने की इच्छा से भरा रहता है।” जैसे कि यह बाइबल सिद्धान्त से सूचित होता है, अपराधियों की संख्या को कम करने या उन्हें सुधारने के ज़रिए, इसका हल पाने की बहुत कम आशा है।—सभोपदेशक ८:११.
दूसरे तत्त्व, पुलिस, का क्या? क्या कोई आशा है कि पुलिस इस स्थिति पर क़ाबू पा सकती है? वे खुद ही जवाब देंगे: चूँकि क़ानून अकसर अपराधियों के अधिकारों के पक्ष में ज़्यादा भारी हैं, चूँकि ऐसे बेईमान वकील हैं, जो क़सूरवार आदमी को बेक़सूर साबित करने के लिए क़ानून को मोड़ लेते हैं, चूँकि ऐसे समुदाय हैं, जो और भी ज़्यादा तथा अधिक बड़े क़ैदखानों के बड़े ख़र्चे का भार उठाने के लिए हिचकते हैं, और चूँकि पुलिस दलों में बहुत कम कर्मचारी हैं, अपराध की बौछार के ख़िलाफ़ वे बहुत ज़्यादा प्रगति नहीं कर सकते।
अब रहा तीसरा तत्त्व, संभाव्य शिकार: हम, आम जनता। क्या हम ऐसा कुछ कर सकते हैं जिस से इस क़रीब-क़रीब अराजकीय स्थिति के साथ ज़्यादा बेहतर रीति से निपटने के लिए अपने आप की मदद कर सकें?
व्यावहारिक बुद्धि और सहज बुद्धि
नीतिवचन की बाइबल किताब कहती है: “खरी बुद्धि और विवेक की रक्षा कर, तब इन से तुझे जीवन मिलेगा, और ये तेरे गले का हार बनेंगे। और तू अपने मार्ग पर निडर चलेगा, और तेरे पाँव में ठेस न लगेगी।” यह सलाह ऐसी परिस्थितियों में लागू हो सकती है जिन में संभवतः कोई व्यक्ति अपराध का शिकार बन सकता है। इस क्षेत्र में ऐसे कुछ तरीक़े क्या हैं, जिन से व्यावहारिक बुद्धि हमारी मदद कर सकती है?—नीतिवचन ३:२१-२३.
अपराधी लुटेरे जंगली जानवरों की तरह होने के प्रवृत्त हैं। वे सबसे आसान शिकार की खोज करते हैं। वे हाथा-पाई और संभावित गिरफ़्तारी का ख़तरा मोल लेना नहीं चाहते अगर वे किसी आसान शिकार से उसी तरह की प्राप्ति पा सकते हैं। इसलिए वे बूढ़ों, बीमारों, स्थितिभ्रान्त व्यक्तियों, और उन लोगों के पीछे जाते हैं जो शायद ख़तरनाक़ स्थिति के बारे में अनजान होंगे। ठग ऐसे वक़्त और जगह को चुनते हैं जो वार करने के लिए उनके लिए सबसे उपयुक्त हो। इस स्थिति में संभाव्य शिकार व्यावहारिक बुद्धि को इस्तेमाल कर सकते हैं।
जैसे बाइबल उनका वर्णन करती है, बुराई के प्रेमी अकसर अपना काम अन्धकार की आड़ में करते हैं। (रोमियों १३:१२; इफिसियों ५:११, १२) आज यह सच है कि लोगों और सम्पत्ति के ख़िलाफ़ अनेक अपराध रात को किए जाते हैं। (अय्यूब २४:१४; १ थिस्सलुनीकियों ५:२ से तुलना करें।) इसलिए, जहाँ संभव हो, अक़्लमन्द व्यक्ति रात के वक़्त ख़तरनाक़ इलाकों में बाहर रहने से बचा रहेगा। अपराध-ग्रस्त न्यू यॉर्क शहर में पुलिस के दैनिक रिकार्ड से प्रकट होता है कि अनेक लोग सूरज के डूबने के बाद और ख़ासकर दस बजे के बाद, जब वे अपने घरों को लौट रहे होते हैं, लुट जाते हैं। लुटेरे निर्जन रास्तों पर शिकारों की खोज में घूम रहे हैं। इसलिए, अगर आपको किसी बस या टैक्सी के लिए रुकने या एक ख़तरनाक़ इलाके में से चलने के बीच चुनना पड़े, तो सहनशील होकर रुकें। वरना, तजर्बा दुःखदायी हो सकता है।
एक मसीह को कठोर रूप से मारा गया और उसकी चीज़ों की चोरी की गयी जब लगभग रात के दस बजे बस के लिए रुकने के बजाय, वह अर्ध-अन्धकार में कुछ फ़ासला चलकर गया। रास्ते पर दूसरे लोग थे, लेकिन तीन ठगों ने असतर्क लोगों के लिए जाल बिछाया था। रास्ते पर जब एक संभाव्य शिकार चलने लगा तब एक ने दूसरों को इशारा किया। बिना कुछ कहे, उन्होंने शिकार को पीटा और फिर उस को लूटा। यह इतनी जल्दी ख़त्म हुआ कि पास चल रहे एक व्यक्ति को भी दख़ल देने का मौक़ा नहीं मिला। शिकार ने बाद में क़बूल किया: “अगली बार मैं बस के लिए रुकूँगा।”
आर्टफ़ुल डॉजर, डिकन्ज़ के उपन्यास, ऑलिवर ट्विस्ट, का एक तरुण पॉकेटमार, आधुनिक सड़क के बाल अपराधी का एक अपेक्षाकृत सौम्य आद्यरूप था। आर्टफ़ुल डॉजर से भिन्न, यह बहुत ही संभव है कि आज के चोर और लुटेरे, चाहे उनकी उम्र जो हो, एक पिस्तौल या छुरी साथ लेंगे, और वे इसका उपयोग करेंगे। एक ऐसे शहर में, जहाँ गहमागहमी हो, दिशाभ्रम पर्यटक, मेहमान, और लापरवाह मन बहलानेवाले ऐसे बेईमान महापराधियों के लिए आसान शिकार हैं। पलक झपकने से भी ज़्यादा तेज़ी से वे उपलब्ध हर चीज़ को चुरा लेते हैं! चोर की नब्ज़ किन बातों से तेज़ दौड़ सकती है? खुले-आम पहनी हुई सोने की ज़ंजीर या कोई और क़ीमती गहने। या पर्यटक के गले से लटकता हुआ कैमेरा। यह एक ऐसी सूचना-पट्ट पहनने के बराबर है, जिस पर लिखा गया हो, “आ बैल, मुझे मार!” इसलिए, विवेक की ज़रूरत है। जो भी गहनें हों, उन्हें छिपाएँ, और कैमेरा को कम ज़ाहिर रीति से ले जाएँ, शायद किसी शॉपिंग बैग में छिपाकर। यही व्यावहारिक बुद्धि है।
सतर्क रहना अपराध से निपटने का एक और तरीक़ा है। बाइबल कहती है: “जो बुद्धिमान है, उसके सिर में आँखें रहती हैं, परन्तु मूर्ख अंधियारे में चलता है।” (सभोपदेशक २:१४) अपराध की समस्या से निपटने में इस चेतावनी को लागू करने के परिणामस्वरूप आप ऐसे लोगों को ग़ौर करने लगेंगे जो कोई ज़ाहिर उद्देश्य के बिना संदिग्ध रूप से समय बरबाद करके घूमते फिरते हैं। ऐसे चोरों के बारे में सतर्क रहें जो, जब आप सड़क की पटरी पर चल रहे होते हैं, शायद आपके पीछे से आकर आपका बैग छीन लेंगे। चूँकि कुछ चोर साइकिल चलाते हैं और, जैसे वे तेज़ी से आगे निकलते हैं, दूसरों की चीज़ें छीन जाते हैं, पटरी के किनारे पर कभी न चलें, ख़ासकर अगर आप किसी प्रकार का ब्रीफ़केस या हैंडबैग ले जा रहे हों। ट्रेन के उन डिब्बों से दूर रहें जो तक़रीबन खाली हैं। आप लोगों की भीड़ में एक ऐसी जगह में ज़्यादा सुरक्षित होंगे जहाँ ज़्यादा रोशनी हो। चोर नहीं चाहते कि लोग उन्हें देखकर उन की पहचान दे सके।
सेंधमारी एक और सामान्य अपराध है जिससे अकसर बचा जा सकता है अगर लोग अपराध के बारे में ज़्यादा अवगत रहते। बाइबल में यह तुलना सही रूप से इस्तेमाल की गयी है: “वे घरों में ऐसे घुसते हैं जैसे चोर खिड़कियों से घुसते हैं।” (योएल २:९) व्यावहारिक बुद्धि से यह आवश्यक हो जाता है कि आप दरवाज़ों और खिड़कियों को बिना ताला लगाए न छोड़ें। यह हमेशा ही सच है कि इलाज से बचाव कहीं बेहतर है। आपके घर की सुरक्षा करने के लिए ज़्यादा ख़र्च करना दरअसल चोरी और शारीरिक हानि की तैयारी में एक बीमा के बराबर है।
अगर आप को लूटा जाए, तब क्या?
जी हाँ, अगर पूरी एहतियात बरतने के बावजूद, अगर आप एक लुटेरे द्वारा रोक दिए जाते हैं, तब क्या? आतंकित न होने या जल्दबाज़ी में किसी प्रकार की क्रिया न करने की कोशिश करें। याद रखें कि चोर भी शायद घबराया हुआ है और आपकी क्रियाओं का शायद ग़लत अर्थ निकालेगा। अगर वह आदमी या औरत ऐसा करने दे तो उस व्यक्ति से बातें करने और उससे समझाने की कोशिश करें। (जी हाँ, आपका लुटेरा एक औरत भी हो सकती है।) कभी-कभी लुटेरे चोर यह जानकर नरम पड़ गए हैं कि जिस व्यक्ति पर वे हमला कर रहे हैं, वह एक निष्कपट और सच्चा मसीही है। उसकी प्रतिक्रिया चाहे जो हो, अगर वह सिर्फ़ आपका पैसा या चीज़ें ही चाहता है, तो प्रतिरोध करने की कोशिश न करें। जो भी माँगा जा रहा है, उसे दे दें। बाइबल हमें सिखाती है कि एक व्यक्ति की जान उसकी सम्पत्ति में बाक़ी किसी भी चीज़ से कहीं ज़्यादा क़ीमती है।—मरकुस ८:३६ से तुलना करें।
यह दिखाने के बग़ैर कि आप सूक्ष्म परीक्षण कर रहे हैं, आप लुटेरे की ऐसी कोई सुस्पष्ट विशेषता को नोट कर लेने की कोशिश करें, या तो कपड़ों में या शारीरिक दिखाव-बनाव में। उसका लहजा कैसा है? यह सारी तफ़सील तब उपयोगी होगी जब आप पुलिस को अपराध के बारे में बताएँगे, इसलिए कि अधिकांश अपराधी नियमित रूप से अपनी व्यक्तिगत कार्य-प्रणाली को अमल में लाते हैं और इस प्रकार ज़्यादा आसानी से पहचाने जा सकते हैं।
आत्मरक्षा के लिए हथियार साथ ले जाने के बारे में क्या? निश्चय ही किसी मसीही को हथियार साथ ले जाना अक्लमंदी न होगी। अगर ठग को लगा कि आप हथियार के लिए हाथ अन्दर डाल रहे हैं, तो वह आपको चोट पहुँचाने या मार डालने के बारे में खूब सोच-विचार नहीं करेगा। इसके अलावा, अगर आप हिंसक जवाबी हमले के लिए सशस्त्र होंगे, तो आप इस बाइबल सिद्धान्त का अनुसरण किस तरह कर सकेंगे कि “सब मनुष्यों से मेल मिलाप रखो?”—रोमियों १२:१८.
आप चाहे जो भी एहतियात बरतेंगे, इस बात की कोई गारंटी नहीं कि आप किसी दिन एक शिकार न बनेंगे। ऐसे शहरों में जहाँ भरपूर अपराध होते हैं, आपको सिर्फ़ ग़लत वक़्त पर किसी ग़लत जगह में होना है। कुछ ही समय पहले न्यू यॉर्क में, एक वकील अपना दफ़्तर छोड़कर एक प्याली कॉफी ख़रीदने गया। जैसे ही वह दुकान में प्रवेश कर रहा था, कुछ नौजवानों ने गाड़ी में आकर उस जगह में अन्धाधुन्ध रूप से गोलियाँ मारीं। सिर में एक गोली के लगने से वकील मारा गया। “समय और संयोग” की वजह से, उसकी जान चली गयी। कैसी दुःखद घटना! क्या इस दुनिया में फैल रही अपराध की मौजूदा बौछार के लिए स्थायी हल की कोई आशा है?—सभोपदेशक ९:११.
जब अपराध समाप्त हो जाएगा
तक़रीबन दो हज़ार साल पहले, यीशु ने पूर्वबतलाया कि एक ऐसी पीढ़ी आती जिस में पिछली किसी भी पीढ़ी से ज़्यादा डरावनी घटनाएँ घटतीं। टेलिविशन और तात्कालिक संचार के कारण, लाखों, नहीं, लाखों करोड़ों लोग अपने स्थानीय समाचार चैनलों पर नृशंसता देख सकते हैं जैसे इन्हें वास्तव में किया जा रहा है। यह दुनिया एक गाँव बन गयी है, और विश्व ख़बरें फ़ौरन ही स्थानीय ख़बरें बन जाती हैं। इसके परिणामस्वरूप, हमें असलियत दिन पर दिन समझा दी जाती है, और जैसे यीशु ने भविष्यद्वाणी की, ‘भय के कारण और संसार पर आनेवाली घटनाओं की बाट देखते देखते’ अनेक ‘लोगों के जी में जी नहीं रहता।’—लूका २१:२६.
यीशु ने उन घटनाओं का पूर्वदर्शन किया जा १९१४ से घटी हैं, ऐसी घटनाएँ जो “जगत के अन्त” का पूर्वरंग होतीं। (मत्ती २४:३-१४) लेकिन उसने यह भी कहा: “इसी रीति से जब तुम ये बातें होते देखो, तब जान लो कि परमेश्वर का राज्य निकट है।” (लूका २१:३१) इसका मतलब है कि परमेश्वर की धार्मिक हुक़ूमत जल्दी ही इस पृथ्वी पर प्रभावशाली रूप से असर करेगी।—मत्ती ६:९, १०; प्रकाशितवाक्य २१:१-४.
उस हुक़ूमत के अधीन, सिर्फ़ विनम्र, शान्तिप्रिय, और वे जो परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारी हैं, पृथ्वी के परादीसीय परिस्थितियों में हिस्सा लेंगे। अपराधियों और बुराई करनेवालों का क्या होगा? “वे घास की नाईं झट कट जाएँगे, और हरी घास की नाईं मुर्झा जाएँगे। कुकर्मी लोग काट डाले जाएँगे; और जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वही पृथ्वी के अधिकारी होंगे।” उस धार्मिक हुक़ूमत के अधीन, न अव्यवस्था रहेगी और न अपराध।—भजन ३७:२, ९.
अगर आप एक शान्तिमय और स्थायी विश्व सरकार की इस बाइबल-आधारित आशा के बारे में ज़्यादा जानना चाहेंगे, तो यहोवा के गवाहों से संपर्क करें, अपने पड़ोस में, या फिर उनके स्थानीय किंग्डम हॉल में। वे खुशी-खुशी आपको बाइबल समझने की मदद करेंगे, और वह भी मुफ़्त में।
[पेज 6 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
“कुकर्मी लोग काट डाले जाएँगे, और जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वही पृथ्वी के अधिकारी होंगे”
[पेज 7 पर तसवीरें]
चार्लस् डिकन्ज़ का पॉकेटमार, आर्टफ़ुल डॉजर, आज-कल के लुटेरों की तुलना में एक नौसिखिया था
[चित्र का श्रेय]
Graphic Works of GEORGE CRUIKSHANK, by Richard A. Vogler, Dover Publications, Inc.