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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1992
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राज्य उद्‌घोषकों की रिपोर्ट

पूर्वी यूरोप से सुसमाचार

पूर्वी यूरोप में, धर्मतन्त्रिक क्षेत्र में बहुत सी उत्तेजक घटनाएँ हो रही हैं। अगस्त १६-१८, १९९१ में, ज़ाग्रेब में हुआ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन विशिष्ट था, जब ७,३०० गवाहों ने १५ राष्ट्रों से आए अपने भाइयों का हार्दिक अभिनन्दन किया। कुल मिलाकर १४,६८४ जन उपस्थित हुए। हलचलों से हिले इस देश में यह प्रेम और एकता का अद्‌भुत प्रदर्शन था।

पूर्वी यूरोप में गवाह, यहोवा के राज्य का सुसमाचार दूसरों को बताने में व्यस्त हैं, क्योंकि इसे वे पूर्ण रूप से असली शांति की एकमात्र आशा समझते हैं। कुछ भागों में अपनी निष्पक्ष स्थिति बनाये रखना उनके लिये एक चुनौती है। फिर भी, लोग अकसर सुनते हैं, और गवाह बहुत से उत्तम अनुभवों की रिपोर्ट देते हैं।

एक शहर में एक १६ साल की लड़की ने, उस शहर में यहोवा की एकमात्र गवाह से सुसमाचार सुना। एक नियमित बाइबल अध्ययन शुरू हुआ, और सच्चाई के लिये उसका मूल्यांकन बढ़ा। जो अद्‌भुत बातें उसने सीखीं थीं उनको दूसरों को बताने की चाहत से उसने अपनी सहपाठियों से बोलने की कोशिश की, लेकिन उसका विरोध किया गया और मज़ाक उड़ाया गया। एक सहपाठी ने ख़ास कर उसका विरोध किया लेकिन उसके धीरज से अचम्भित और प्रभावित हो गई, क्योंकि यह युवा बाइबल छात्रा इतनी बेइज़्ज़ती के बावजूद भी गुस्सा नहीं हुई। बाद में, इस लड़की को विस्तृत गवाही दी गई, और उसने यह महसूस किया कि उसका रवैया ग़लत रहा है। उसके साथ एक बाइबल अध्ययन शुरू हो गया, और उसके बाद प्रारम्भिक बाइबल छात्रा और उसकी नयी सहेली ने, उनके माता-पिताओं, उनके शिक्षकों, और उनके सहपाठियों की ओर से विरोध होते हुए भी, अपने आनन्द को दूसरों के साथ बाँटने की कोशिश की।

उनकी गवाही के परिणामस्वरूप, एक और सहपाठी ने सच्चाई को स्वीकार किया। अब कक्षा में तीन जन थे और तीनों दूसरों को मदद करने की तत्परता, और अपने बीच प्रेम दिखाने के अच्छे उदाहरण थे। फिर एक और लड़की उनके साथ शामिल हो गयी।

अब स्कूल के मैदान में बेंच पर बाइबल का एक साथ विचार करनेवालों की संख्या चार हो गयी। और अनेक जन अचम्भित हुए, क्योंकि उनकी गिनती बढ़ गयी। कक्षा की एक दूसरी लड़की ने उनके उत्तम आचरण से उत्साहित होकर बाइबल अध्ययन में शामिल होने का फैसला किया। वे पाँच दूसरों को, शिक्षकों और विद्यार्थियों को, वैसा ही करने के लिये आमंत्रण देती रहीं। फिर भी, लड़कियों को उनके माता-पिताओं की ओर से लगातार बड़ा दबाव सहना पड़ा। माता-पिताओं ने उनका साहित्य बरबाद करके और उनके साथ दुर्व्यवहार करके उन्हें उनका बाइबल अध्ययन बंद करने के लिये विवश करने की सख़्त कोशिश की।

दिलचस्पी रखने वाली सिर्फ़ इस एक युवा लड़की द्वारा दी गयी गवाही का क्या परिणाम हुआ? उनमें से एक लड़की का १९९० ज़िला सम्मेलन में, और बाकी चार का १९९१ के वसन्त में एक सर्किट सभा में बपतिस्मा हुआ। यह बड़े आनन्द का कारण था! आज, पाँचों लड़कियाँ नियमित पायनियर के रूप में सेवा कर रही हैं! जिस शहर में ऐसा हुआ, वहाँ अब ११ प्रचारक हैं, जिनमें से ८ व्यक्‍ति पायनियर सेवा में हैं।

पूर्वी यूरोप में यहोवा अपने गवाहों को सहारा और आशीष दे रहा है। यह स्पष्ट है कि संसार के इस भाग में सरल हृदय वालों के बीच बड़ी बढ़ोतरी की सम्भावना है।

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