राज्य उद्धोषकों की रिपोर्ट
प्रेम परिवारों को एक कर देता है
◻ पारिवारिक एकता तभी हासिल हो सकती है जब विवाह निःस्वार्थ की भावना से संचालित प्रेम पर आधारित होता है। ऐसा प्रेम, प्रेम के परमेश्वर, यहोवा से आता है, इसलिए यह परमेश्वर की आत्मा का एक फल है। (गलतियों ५:२२, २३; १ यूहन्ना ४:८) निम्नलिखित अनुभव दर्शाते हैं कि किस तरह बाइबल के ज्ञान पर आधारित प्रेम ने परिवारों को एक कर दिया है।
हॉन्ग कॉन्ग
◻ हॉन्ग कॉन्ग में एक पायनियर ने किसी गृहणी और उसकी दो बेटियों के साथ गृह बाइबल अध्ययन शुरु किया। उसके पति ने चिन्ता व्यक्त की कि शायद वह किसी उग्रवादी धार्मिक गुट में उलझ रही है। पायनियर ने सुझाव दिया कि पत्नी अपने पति को अध्ययन के समय उनके साथ बैठने का आमंत्रण दें कि खुद देखकर निश्चय कर सकें, जो कि उसने किया। इसी बीच, पत्नी ने सभाओं में आना शुरु किया, लेकिन बच्चों को प्रशिक्षित करने में वह कठिनाई का सामना कर रही थी। वह सतत बड़ी वाली को डाँट देती और छोटी को दुलारकर उसकी आदतों को बिगाड़ देती। फिर यह भी पता चला कि उसके पति और उसके बीच काफ़ी अनबन थी। उनके झगड़ों के दौरान वे अक़सर हाथापाई पर उतर आते थे, और कई बार पुलिस को भी बुलाना पड़ा। पायनियर ने परमेश्वर के प्रभावशाली वचन से उन्हें सिखाया कि वे किस तरह अपने विवाह में ईश्वरीय प्रेम दिखा सकते हैं। जल्द ही पुराने तौर-तरीक़े और आदतें बदलने लगीं। दोनों ही सभाओं में नियमित रूप से आनेवाले व्यक्ति बन गए, और अब घर में एक अधिक आनन्दित वातावरण बना रहा। पति ने सिग्रेट पीना छोड़ दिया और वह अब थिओक्रॅटिक मिनिस्ट्री स्कूल में भरती हो गया है। पत्नी अब एक बपतिस्मा-प्राप्त प्रचारक है।
प्रेम दिखाकर, जो कि परमेश्वर की आत्मा का एक फल है, पारिवारिक एकता हासिल हुई।
ब्रिटेन
◻ ब्रिटेन से यह अनुभव दिखाता है कि यहोवा किस तरह से एक ऐसे पति को आशीर्वाद देते हैं, जो अपनी पत्नी के साथ किए व्यवहार में प्रेम, सहनशीलता और सहिष्णुता प्रकट करता है। जब १२ साल पहले पति सच्चाई में आ रहा था, तब उसकी पत्नी ने ऐसा कड़ा विरोध किया कि उसने पति से एक क़ानूनी तलाक़ ले लिया। यद्यपि, उसका पति उस से कृपालु बरताव करता रहा। उसने यह भी प्रबंध किया कि पत्नी को आर्थिक रूप से कोई कमी न हो और वह नियमित रूप से उस के लिए छोटे-मोटे काम करता रहा। चार साल बाद और उसके भूतपूर्व विरोध कि बावजूद, उसने एक बार फिर पत्नी से सच्चाई का ज़िक्र करने का निश्चय लिया। जब उसने सुझाया कि एक बहन उसके साथ बाइबल का अभ्यास करे, तो उसके आश्चर्य की कोई सीमा न थी जब उसने पाया कि पत्नी ने इस सुझाव को स्वीकार कर लिया है। आख़िरकार, उसने सच्चाई के लिए अपना पक्ष लेकर बपतिस्मा लिया। पति का प्रेम उसके लिए नहीं मरा था, और जब उसने साबित किया कि उसने सच्चाई को पूर्ण रूप से अपनाया है, पति ने उसके सामने उससे दोबारा शादी करने का प्रस्ताव रखा। वह बेहद खुश हुई, क्योंकि उसके पहले के बुरे आचरण का विचार करके उसे कोई उम्मीद न थी कि वह ऐसा क़दम उठाएगा। अब क़रीब आठ साल से वे पुनर्विवाहित हैं, और सच्चाई में दोनों अच्छी रीति से प्रगति कर रहे हैं।
दक्षिण पॅसिफिक
◻ लगभग २० साल पहले, दक्षिण पॅसिफिक में टुवालु नाम द्वीप पर एक नौजवान ने वॉचटावर सोसाइटी को लिखकर प्रकाशन मँगवाए। उस समय द्वीप पर कोई गवाह नहीं रहते थे। फिर भी, उसने अपने आप प्रकाशनों को पढ़ा और पहचान लिया कि यही सच्चाई है। बहरहाल, उसकी पत्नी ने उसके नए विश्वास का कड़ा विरोध किया, इसलिए उसने इस को त्याग दिया।
हाल में जब प्रकाशन टुवालुअन भाषा में उपलब्ध हुए, तब कुछ प्रकाशन पत्नी के हाथों लग गए और वह खुद उन्हें पढ़ सकी। उसने अब सच्चाई को पहचाना और अपने पति से शिकायत की: “इतने सालों से तुम्हारे पास सत्य की ज्योति रही है, लेकिन तुमने उसे ऊँचा नहीं किया। कम से कम तुम ने मुझे क्यों नहीं समझाया कि तुम किस कारण से विश्वास करते थे कि गवाह सही हैं?” अब बाइबल की सच्चाई में एक होकर, इस दंपत्ति ने गवाहों के साथ संग-साथ करना शुरु किया।
जब उनकी दो बेटियाँ, जो फिजि द्वीप में पाठशाला जाती थीं, घर आयीं, तब माता-पिता ने उन्हें यहोवा के गवाह बनने का अपना निश्चय बता दिया। उन्होंने लड़कियों को अपने साथ बाइबल अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित किया, किन्तु उन्हें कितना आश्चर्य हुआ जब पता चला कि लड़कियाँ पहले से ही फिजि में सभाओं में उपस्थित हो रही थीं। उस परिवार ने खुशी से एक साथ मिलकर सच्चाई को स्वीकार किया, और पिता, माता और एक बेटी राज्य प्रचारक बन गए हैं।
बाइबल सच्चाई और प्रेम को दुनिया भर में परिवारों को एक करते देखकर कितनी खुशी होती है।