जीवन के बहुमूल्य देन की क़दर करना
जीवन—क्या ही बहुमूल्य सम्पत्ति! उसके बिना हम कुछ नहीं कर सकते। एक बार खो जाने पर, यह किसी भी इंसानी तरीक़े से लौटाया नहीं जा सकता। अगर हमारी जान ख़तरे में है, इसे बचाए रखने के लिए हम हर वाजिब रूप से मुमकिन कोशिश करते हैं। अजी, मुसीबत के समय कुछ लोग तो अतिमानवीय मदद भी माँगते हैं!
हमें समुद्र पर ज़बरदस्त तूफ़ान में फँसे जहाज़ का बाइबलीय वृत्तांत याद आता है। जब जहाज़ नष्ट होने पर था, तब “मल्लाह लोग डरकर अपने अपने देवता की दोहाई देने लगे।” बाद में, वे सब के सब सच्चे परमेश्वर को पुकारने लगे: “हे यहोवा हम बिनती करते हैं, कि . . . हमारा नाश न हो।” बाइबल का वृत्तांत यह भी कहता है: “जहाज़ में जो ब्योपार की सामग्री थी उसे वे समुद्र में फेंकने लगे कि जहाज़ हल्का हो जाए।”—योना १:४-६, १४; प्रेरितों २७:१८, १९ से तुलना करें.
अपनी जानें बचाए रखने की कोशिश में वे मल्लाह क़ीमती भौतिक सम्पत्ति को त्यागने के लिए भी तैयार थे। हम भौतिक सम्पत्ति वापस ला सकते हैं—लेकिन जान नहीं। और चूँकि मूल प्रवृत्ति की वजह से हम अपनी जान से प्यार करते हैं, हम ख़तरे से पीछे हटते हैं। हम अपने बदन को खिलाते, कपड़े पहनाते, और पोषित करते हैं। बीमार होने पर हम दवाई लेते हैं।
फिर भी, जीवन-दाता हम से सिर्फ़ अपने आत्म-रक्षा की स्वभाविक प्रवृत्तियों का अनुकरण करने से कहीं ज़्यादा माँग करता है। इन सब के बावजूद भी, जीवन एक अमूल्य देन है, और यह विश्वमंडल के सबसे महत्त्वपूर्ण व्यक्ति से आता है। दोनों दाता और देन के लिए सच्ची क़दरदानी के कारण, क्या हमें जीवन प्यारा नहीं होना चाहिए? और क्या इस में दूसरों की जान का आदर करना सम्मिलित नहीं होता?
फिर, हमें इस बात से आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि यहोवा परमेश्वर द्वारा इस्राएल राष्ट्र को दिए गए नियम में ऐसे आदेश शामिल थे जो दूसरों की जान और तंदुरुस्ती की रक्षा के लिए रचे गए। (निर्गमन २१:२९; व्यवस्थाविवरण २२:८) इसी प्रकार, मसीहियों को आज शारीरिक सुरक्षा के बारे में चिंतित होना चाहिए। मिसाल के तौर पर, अगर आपके घर में छोटे बच्चे हैं, तो क्या आप लापरवाही से उनकी पहुँच के क़रीब मनका, पिन जैसी चीज़ें, या नोकदार वस्तुएँ छोड़ते हैं जिनके साथ अनजाने में खेलने या उनको निगलने से बच्चे को भारी नुकसान हो सकता है? क्या ख़तरनाक रसायन और दवाएँ आपके बच्चों की पहुँच से दूर रखे जाते हैं? अगर फ़र्श पर पानी गिर गया है, तो क्या आप उसे फ़ौरन साफ़ कर देते हैं ताकि कोई हादसा न हो? क्या आप दोषपूर्ण उपकरणों की जल्द से जल्द मरम्मत करते हैं? क्या आपके वाहन को नियमित रखरखाव दिया जाता है? क्या आप एक सुरक्षित चालक हैं? अगर आप असल में जीवन की अनमोलता की क़दर करते हैं, तो आप इन क्षेत्रों में और समरूप क्षेत्रों में पर्याप्त सावधानी बरतने के लिए प्रेरित होंगे।
बहरहाल, दुःख की बात यह है कि कुछ लोग अपने जीवन को भी मामूली समझते हैं। मिसाल के तौर पर, आज कौन नहीं जानता कि धूम्रपान करना अस्वास्थ्यकर है? फिर भी, करोड़ों लोग इस आदत के ग़ुलाम हैं, और जब-जब वे इस ज़हरीले धूएं का कश खींचते हैं, उनकी तंदुरुस्ती बिगड़ती जाती है। अन्य लोग नशीले पदार्थों का और कई अन्य जन शराब का दुष्प्रयोग करते हैं, और इससे उनका ही नुक़सान होता है। एड्स एक घातक रोग है, जिसका कोई ज्ञात इलाज नहीं है। लेकिन अगर अनेक लोग यौन-सम्बन्धी अनैतिकता, कई क़िस्म के नशीले पदार्थों के दुष्प्रयोग, और रक्ताधान से दूर रहे होते, तो वे यह रोग पाने से बच सकते थे। जीवन के लिए क़दरदानी की क्या ही दुःखद कमी!—रोमियों १:२६, २७; २ कुरिन्थियों ७:१.
परिवर्तन सम्भव है!
जो अपने महान् सृष्टिकर्ता, यहोवा, की क़दर करते हैं, उनके पास जीवन को बहुमूल्य समझने का एक ज़बरदस्त कारण है। जीवन उसकी पवित्र देन है। इसलिए इसे एक पवित्र देन के समान मानने के लिए वे हर ज़रूरी परिवर्तन करने के लिए राज़ी हैं। घाना देश के क्वाकू नामक शिक्षक के अनुभव पर ग़ौर करें। एक लापरवाह शराबी जो अपनी ज़िंदगी को तबाह कर रहा था।
क्वाकू याद करता है: “मैं ने अपनी पत्नी को मजबूर करने की कोशिश की कि वह मेरा आदर करे, जिसका अंजाम अक़सर गुस्से से भरे बहस और झगड़ा होता था, ख़ास तौर पर जब मैं नशे में धुत होता था। ज़्यादा शराब पीने की वजह से, मेरे पास अक़सर पैसे नहीं रहते थे, और मैं बारंबार परिवार की जीविका के लिए पैसे देने से चूक जाता था। स्वाभाविक रूप से, इससे मेरी पत्नी बहुत चिढ़ जाती। जब कभी मेरे पैसे ख़त्म हो जाते (और यह अक़सर हुआ करता था), मैं अपनी आदत को बरकरार रखने के लिए कुछ भी कर लेता। एक बार तो मैं ने उन पैसों का निजी उपयोग किया जिसे मैं ने अपने विद्यार्थियों से उन्हें एक सार्वजनिक परीक्षा में रजिस्टर करने के वास्ते इकट्ठे किए थे। मैं ने सारे पैसों को पीने में झोंक दिया और अपने पीनेवाले साथियों के लिए भी शराब ख़रीदी। जल्द ही दण्ड भुगतने का समय आ पहुँचा। अगर मेरे स्कूल के प्रधानाचार्य समय पर दख़ल नहीं देते, तो मैं अपनी नौकरी खो बैठता।
“मेरे जीवन का हाल बहुत बुरा था। मैं लज्जित हुआ, पर ज़्यादा देर के लिए नहीं। फिर मुझे ख़ुदकुशी के ख़याल आने लगे क्योंकि मैं ने महसूस किया कि मैं जीवन में नाकामयाब रहा हूँ। फिर भी, मैं शराब की लत से नहीं छुट सका। परन्तु जब एक दिन मयख़ाने में मैं एक झगड़े में उलझ गया और मुझ पर छुरे से प्रहार हुआ, तब मुझे दुःखदायी तरीक़े से एहसास हुआ कि शराब का शौक एक दिन मेरी जान लेकर रहेगा।
“इस बीच, यहोवा के गवाह, बाइबल में हमारी दिलचस्पी पैदा करने के लिए, समय-समय पर हमारे घर आया करते थे। चूँकि मेरी पत्नी और मैं यह समझते थे कि यह लोग बहुत परेशान करते हैं, हम हमेशा इन्हें चकमा देते थे। एक अवसर पर, मैं ने हमदर्दी की वजह से इनकी सुनने का फ़ैसला किया। बाइबल के अध्ययन ने परमेश्वर की नई व्यवस्था में सर्वदा जीने की अद्भुत प्रत्याशा के प्रति मेरी आँखें खोलीं। यहोवा के गवाहों की मदद से मैं बाइबल के बारे में जितना ज़्यादा सीखता गया, उतना ही हमारे जीवन-दाता, यहोवा, और जीवन की उसकी देन के लिए मेरी क़दरदानी बढ़ती गयी, और मैं बाइबल की व्यावाहारिक सलाह से प्रभावित हुआ। इससे मुझे मेरे जीवन को पूरी तरह से साफ़ करने का और ज़्यादा प्रोत्साहन मिला। यह आसान नहीं था, चूँकि मुझे शराब और साथ ही मेरे पुराने साथियों का भी लगातार विरोध करना पड़ा। यहोवा, प्रार्थना के सुननेवाले, ने मेरे दिल के दृढ़ निश्चय को देखा और मेरी सुनी।a
“मेरी पत्नी, हालाँकि यहोवा की गवाह नहीं है, अब मुझे और मेरे धर्म को बड़े इज़्ज़त से देखती है क्योंकि उसने मेरे जीवन और हमारे वैवाहिक सम्बन्ध में बड़ा परिवर्तन देखा है। अब हमारे पड़ोसियों को मेरी पत्नी और मेरे बीच झगड़ों में दख़ल देने की ज़रूरत नहीं पड़ती है। जो मन की शांति मैं आज अनुभव कर रहा हूँ उसका मूल्यांकन करता हूँ। यक़ीनन, हमारे जीवन-दाता के रूप में यहोवा की क़दर करना, जीवन की बहुमूल्यता पर उसके नज़रिये को अपनाना, और कैसे जीना चाहिए इस पर उसके आदेशों का पालन करना ही एकमात्र लाभकर जीवन-चर्या है।”
परमेश्वर का अनन्त जीवन का प्रस्ताव
क्वाकू जैसे हज़ारों लोगों की यहोवा के गवाहों द्वारा ‘नये मनुष्यत्व को पहिनने’ में मदद की गई है, “जो परमेश्वर के अनुसार सत्य की धार्मिकता, और पवित्रता में सृजा गया है।” (इफिसियों ४:२४) वे अपने मौजूदा जीवन की ही नहीं, बल्कि एक पार्थिव परादीस में अनन्तकालीन जीवन की आशा की भी क़दर करने लगे। बाइबल वादा करती है कि उस परमेश्वर-कृत परादीस में पृथ्वी का कोई भी निवासी निरन्तर भूख का अनुभव नहीं करेगा, क्योंकि “सेनाओं का यहोवा . . . सब देशों के लोगों के लिये ऐसी जेवनार करेगा जिस में भांति भांति का चिकना भोजन . . . होगा।”—यशायाह २५:६.
जीवन, हालाँकि एक अद्भुत देन है, इस समय अस्थायी है। सब लोग मौत का सामना करते हैं, और मौत क्या ही सदमा देती है! बिना अत्युक्ति के कहा जाए, तो अपने किसी प्रिय को जीवतों में से क़ब्र की खामोशी में नज़र से गायब होना बहुत ही दुःखदायी होता है। लेकिन यीशु द्वारा शासित परमेश्वर के राज्य के अंतर्गत, परमेश्वर का वादा पूरा होगा: “मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं।”—प्रकाशितवाक्य २१:४.
उस समय जीवन की देन अद्भुत तरीक़े से बढ़ायी जाएगी। इस पृथ्वी पर हुए अंतिम क्लेश के बचनेवालों को जीवन की पूर्णता में प्रवेश करने का सुअवसर प्राप्त होगा। और फिर, पुनरुत्थान के ज़रिये, जो कि फिर से जीवित करना है, यहोवा परमेश्वर उन लोगों को यह अनमोल देन फिर से देगा जो मृत्यु में सो रहे हैं। (यूहन्ना ५:२४, २८, २९) इसका अर्थ है मृत प्रिय जनों और प्राचीन समय में परमेश्वर का भय माननेवालों की वापसी!
क्या यह सब नामुमकिन है? नहीं, क्योंकि “परमेश्वर के लिए कुछ भी असम्भव नहीं है।”—लूका १:३७, NW; अय्यूब ४२:२ से तुलना करें.
इसके अतिरिक्त, यहोवा परमेश्वर ने मनुष्यजाति को ख़ुद यह गारंटी दी है कि यह सब होगा। कैसे? पाप और मृत्यु से हमें छुड़ौती देने के लिए अपने दिल को सबसे प्यारे, अपने प्यारे बेटे, यीशु मसीह, का बलिदान देने के द्वारा। रोमियों ८:३२ हमें आश्वासन देता है: “जिस ने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्योंकर न देगा?” बाइबल हमें बताती है कि इस में मानवजाति को नैतिक क्षति और हर क़िस्म की बेइंसाफ़ी, जुर्म, और हिंसा से साफ़ करना शामिल होगा। (यशायाह ११:९) फिर कभी जीवन मामूली नहीं समझा जाएगा।
अब भी, अपरिपूर्ण परिस्थितियों में, जीवन बहुत आनन्ददायक हो सकता है। भोजन की ललचानेवाली महक, गरम दिन में मंद समीर का स्पर्श, प्रतापी पर्वत का दृश्य, सुन्दर सुर्यास्त, शांति से बहती हुई सरिता, विस्मयकारी ढंग से रंग-बिरंगे फूल, मधुर संगीत का नाद, या परिंदों का संगीत, इन चीज़ों से किसे आनन्द नहीं मिलता? एक पल के लिए रुकिए। सोचिए, ऐसी चीज़ों का आनन्द अनन्तकाल तक लेना कैसा लगेगा?
तो फिर, क्या यह बुद्धिमत्ता की बात है कि हम नासमझ, असंयमी जीवन-चर्या के अस्थायी विलास के लिए सर्वदा जीने का बहुमूल्य ख़ास अनुग्रह ठुकरा दें? (इब्रानियों ११:२५ से तुलना करें.) बुद्धिमत्तापूर्वक, बाइबल हमें प्रेरित करती है कि ‘अपना शेष शारीरिक जीवन मनुष्यों की अभिलाषाओं के अनुसार नहीं बरन परमेश्वर की इच्छा के अनुसार व्यतीत करो।’ (१ पतरस ४:२) हम हार्दिक रूप से आपको प्रोत्साहित करते हैं, हाँ, आग्रह करते हैं, कि आप परमेश्वर के वचन, बाइबल, का अध्ययन करने के द्वारा ऐसा करें, और सीखी हुई बातों को अमल में लाएँ। (यूहन्ना १३:१७) इस प्रकार आप यहोवा, भलाई और दया से भरे परमेश्वर, के साथ एक अच्छे रिश्ते में आ सकेंगे जो आपको अनन्तकालीन जीवन का इनाम दे सकता है!
[फुटनोट]
a शराबीपन से चंगा हो जाना एक कठिन कार्य है, जिस के लिए अक़सर पेशेवर मदद की ज़रूरत होती है। इस विषय पर उपयोगी जानकारी के लिए हमारी अंग्रेज़ी साथी पत्रिका, अवेक! के मई २२, १९९२ का अंक देखें।
[पेज 5 पर तसवीरें]
क्या आपकी जीवन-चर्या जीवन के लिए क़दरदानी दिखाती है?
[पेज 7 पर तसवीरें]
परमेश्वर का नया संसार हमें अनन्तकाल तक जीवन का आनन्द लेने देगा!