पाठकों से प्रश्न
जबकि मसीही लोग पैसे को दाँव पर नहीं लगाते हैं, क्या वे ऐसी टिकटें ले सकते हैं या ऐसी लाटरी निकालने में भाग ले सकते हैं जिसमें शायद उन्हें इनाम मिले?
यह एक ऐसा प्रश्न है जो समय-समय पर उठा है, इसलिए हमारे प्रकाशनों में इसके विषय में पहले से ही चर्चा की जा चुकी है। कई भाषाओं में, हमने अपने साहित्य की तालिका उपलब्ध करवाई है, जैसे वॉच टावर पब्लिकेशनस् इंडेक्स् १९३०-१९८५ (और एक समान तालिका जो १९८६-१९९० तक है)। यदि एक मसीही के पास अपनी भाषा में ऐसी तालिकाएँ हैं, तो ये शीघ्र संतोषजनक उत्तर ढूँढ़ने में बहुत उपयोगी साबित हो सकती हैं।
ऊपर पूछा गया प्रश्न एक उदाहरण है। तालिका १९३०-१९८५ में “पाठकों से प्रश्न” शीर्षक के नीचे देखते हुए, हम उपशीर्षक “‘लाटरी निकालना,’ क्या मसीही इसके लिए टिकट स्वीकार करे?” पाते हैं। पाठक के लिए फरवरी १५, १९७३, की द वॉचटावर के पृष्ठ १२७ पर “पाठकों से प्रश्न” के भाग का उल्लेख दिया गया है।a अनेक यहोवा के गवाहों के पास १९७३ की द वॉचटावर का जिल्दबद्ध खंड (या एकल अंक) हैं, या तो यह अनेक राज्य गृहों के पुस्तकालय में पाया जा सकता है।
उन्नीस सौ तिहत्तर में प्रकाशित चर्चा ने बताया कि मसीही उचित रीति से किसी प्रकार के जुए या लाटरी निकालने से दूर रहते हैं जिसमें संयोग ख़रीदना (जैसे कि लाटरी टिकट) या कुछ इनाम पाने के संयोग पर पैसा लगाना शामिल होता है। सरल रीति से कहें तो, हम जुएबाज़ी से दूर रहते हैं, जो निश्चय ही लालच की अभिव्यक्ति है।—१ कुरिन्थियों ५:११; ६:१०; इफिसियों ४:१९; ५:३, ५.
लेकिन, एक दुकान या एक व्यवसाय शायद लाटरी निकालने को विज्ञापन देने के ज़रिये के तौर पर इस्तेमाल करे। एक व्यक्ति को सिर्फ़ इतना करना है कि बिना कुछ ख़रीदे, अपना नाम या एक फार्म या एक टिकट भेज दे। लाटरी निकालना विज्ञापन योजना का ही भाग है; इसका उद्देश्य है निष्पक्ष रीति से निर्णय करना कि इनाम किसे दिया जाएगा या दिए जाएँगे। कुछ मसीही शायद महसूस करें कि यदि जुआबाज़ी सम्मिलित न हो, तो वे लाटरी निकालने से निकले इनाम को स्वीकार कर सकते हैं, वैसे ही जैसे वे उन मुफ़्त बानगियों या अन्य उपहारों को स्वीकार कर सकते हैं जो शायद एक व्यवसाय या दुकान अपने विज्ञापन कार्यक्रम में इस्तेमाल करे।
फिर भी, कुछ मसीही लोग इस प्रकार की किसी भी चीज़ से बचेंगे, क्योंकि वे दूसरों के लिए ठोकर का कारण बनना या उन्हें उलझाना नहीं चाहते। साथ ही, वे तथाकथित भाग्य-लक्ष्मी में विश्वास करने के किसी भी प्रलोभन से दूर रहने की कोशिश करते हैं। जैसे यशायाह ६५:११ दिखाता है, परमेश्वर के सेवक “भाग्य देवता,” या “भावी देवता” के साथ अपना संबंध नहीं जोड़ते हैं। शायद वे ऐसा भी महसूस करें कि वे किसी ऐसे विख्यापन में भाग लेना नहीं चाहते हैं, जिन में शायद जीतनेवालों को भाग लेने की माँग हो। जो इस प्रकार महसूस करते हैं, उन्हें निश्चय ही उस मसीही या उन मसीहियों के बारे में निन्दक नहीं होना चाहिए जिनके अंतःकरण उन्हें लाटरी निकालने के ऐसे कामों में भाग लेने देते हैं।—रोमियों १४:१-४ से तुलना कीजिए.
[फुटनोट]
a यही जानकारी “विज्ञापन देना,” “व्यवसाय,” और “जुआबाज़ी,” के शीर्षकों के अंतर्गत सूचीबद्ध है, इसलिए इंडेक्स् में दिए अनेक सम्बन्धित विषय हमें जानकारी ढूँढ़ने में मदद करती हैं।