वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • w93 9/1 पेज 20
  • पाठकों के प्रश्‍न

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • पाठकों के प्रश्‍न
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1993
  • मिलते-जुलते लेख
  • अपने “उद्धार की आशा” को बरकरार रखिए!
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2000
  • यह उद्धार का दिन है!
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1998
  • मसीही और मनुष्यजगत
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1997
  • आज यहोवा हमसे क्या माँग करता है?
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1999
और देखिए
प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1993
w93 9/1 पेज 20

पाठकों के प्रश्‍न

रोमियों ९:३ में, प्रेरित पौलुस ने लिखा: “मैं यहां तक चाहता था, कि अपने भाइयों के लिये जो शरीर के भाव से मेरे कुटुम्बी हैं, आप ही मसीह से शापित हो जाता।” क्या उसका यह अर्थ था कि वह संगी यहूदियों को बचाने के लिए अपने जीवन को बलिदान कर देगा?

यीशु ने प्रेम का अत्युत्तम उदाहरण रखा। वह पापी मानवजाति के लिए अपना प्राण, या जीवन, अर्पित करने को तैयार था। अपनी सार्वजनिक सेवकाई के दौरान, उसने अपने समदेशियों—यहूदियों—के लिए स्वयं को लगा दिया जिससे कि ज़्यादा से ज़्यादा लोग उनमें हो सकें जो उसके छुटकारे के बलिदान से फायदा उठाएँगे। (मरकुस ६:३०-३४) उद्धार के संदेश के प्रति उनकी अनुक्रियाहीनता और विरोध ने यहूदी लोगों के लिए उसकी प्रेममय चिन्ता को कभी भी कम नहीं किया। (मत्ती २३:३७) और वह ‘एक आदर्श दे गया है, कि हम भी उसके चिन्ह पर चलें।’—१ पतरस २:२१.

क्या अपरिपूर्ण मनुष्यों के लिए यीशु के प्रेम के उदाहरण का अनुसरण करना संभव है? जी हाँ, और हम इसका एक उदाहरण प्रेरित पौलुस में देख सकते हैं। वह संगी यहूदियों के बारे में इतना चिन्तित था कि, उनके लिए प्रेम की वजह से, उसने कहा कि वह उनके लिए ‘आप ही मसीह से शापित हो जाना चाहता था।’

पौलुस ने वहाँ अपने मुद्दे को बताने के लिए अत्युक्‍ति, या अतिशयोक्‍ति का प्रयोग किया। यीशु ने समान अतिशयोक्‍ति का मत्ती ५:१८ में प्रयोग किया, जब उसने कहा: “जब तक आकाश और पृथ्वी टल न जाएं, तब तक व्यवस्था से एक मात्रा या एक बिन्दु भी बिना पूरा हुए नहीं टलेगा।” यीशु जानता था कि आकाश और पृथ्वी नहीं टलेंगे। न ही पौलुस अभिशप्त होगा, न ही सारे यहूदी मसीहियत को स्वीकार करेंगे। लेकिन पौलुस का मुद्दा था कि वह यीशु मसीह द्वारा परमेश्‍वर के उद्धार के साधन से लाभ उठाने में यहूदियों की मदद करने के लिए असल में कुछ भी करेगा। इसमें कुछ अचम्भे की बात नहीं कि पौलुस संगी मसीहियों को प्रोत्साहित कर सका: “तुम मेरी सी चाल चलो जैसा मैं मसीह की सी चाल चलता हूं।”—१ कुरिन्थियों ११:१.

आज, मसीहियों को अविश्‍वासियों के लिए समान चिन्ता होनी चाहिए जैसे यीशु और पौलुस को थी। दिलचस्पी की कमी या हमारे गवाही क्षेत्र में लोगों द्वारा खुले विरोध को हमें कभी भी अपने पड़ौसियों के प्रति हमारे प्रेम को और उन्हें उद्धार के मार्ग को सीखने में मदद करने के अपने जोश को हम कभी भी कम न होने दें।—मत्ती २२:३९.

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें