सृजनात्मकता —परमेश्वर की ओर से एक उदार देन
यहोवा अपने सृजनात्मक कामों से आनन्दित होता है। (भजन १०४:३१) जो गहरी संतुष्टि उसे सृष्टि करने से प्राप्त होती है, वह उत्पत्ति १:३१ में व्यक्त की गयी है: “परमेश्वर ने जो कुछ बनाया था, सब को देखा, तो क्या देखा, कि वह बहुत ही अच्छा है।”
यहोवा ने इस आनन्द को अपने तक ही सीमित नहीं रखा। उसने यीशु को एक अभिकर्ता या माध्यम होने का विशेषाधिकार दिया, जिसके द्वारा अन्य सभी वस्तुएँ सृजी गयी थीं। (यूहन्ना १:३; कुलुस्सियों १:१६, १७) “एक कुशल कारीगर” की नाईं, यीशु “सदा [यहोवा] के सम्मुख आनन्द” भी मनाता था।—नीतिवचन ८:३०, ३१, NHT.
लेकिन सृजनात्मक क्षमता केवल स्वर्ग में ही अस्तित्व में नहीं है। “वह मानवजाति के आन्तरिक अंग के रूप में रची गयी है,” यूजीन राउडसेप अपनी पुस्तक आप कितने सृजनात्मक हैं? (अंग्रेज़ी) में लिखता है। यह कोई संयोग नहीं है, क्योंकि मनुष्य परमेश्वर के स्वरूप में बनाया गया था। (उत्पत्ति १:२६) इस प्रकार यहोवा ने मानवजाति को संतोषप्रद सृजनात्मक क्षमताएँ प्रदान की हैं।—याकूब १:१७.
आश्चर्य की बात नहीं कि बाइबल गाना, नाचना, बुनना, खाना पकाना, कारीगरी, और अन्य सृजनात्मक कार्यों के बारे में प्रशंसनीय रीति से बात करती है। (निर्गमन ३५:२५, २६; १ शमूएल ८:१३; १८:६, ७; २ इतिहास २:१३, १४) एक कारीगर, बसलेल ने निवास-स्थान का निर्माण करने में सहायता करने के लिए ‘कलात्मक नमूने सोच सोचकर निकालने’ में अपने कौशल का प्रयोग किया। (निर्गमन ३१:३, ४) चरवाहा याबाल शायद तम्बू का आविष्कारक रहा होगा जो ख़ानाबदोश जीवन के लिए सृजनात्मक कार्यों से परिणित एक सुविधा है। (उत्पत्ति ४:२०) दाऊद न केवल एक संगीतज्ञ और संगीतकार था, बल्कि नए बाजों का एक विकासक भी था। (२ इतिहास ७:६; भजन ७:१७; आमोस ६:५) लाल समुद्र से इस्राएलियों के चमत्कारिक छुटकारे की ख़ुशी मनाते वक़्त जो आनन्दमय नृत्य किया गया, उस नृत्य का निर्देशन शायद मरियम ने किया हो।—निर्गमन १५:२०.
सच्ची उपासना को बढ़ावा देने में सृजनात्मकता अकसर मदद देती है। यीशु ने अपने संदेश का संचार करने के लिए सृजनात्मक रूप से दृष्टान्तों और व्यावहारिक उदाहरणों का प्रयोग किया। उसके अनुयायियों से भी “वचन सुनाने और सिखाने में परिश्रम” करने के लिए समान रीति से आग्रह किया जाता है। (१ तीमुथियुस ५:१७) जी हाँ, उनका प्रचार कार्य मात्र एक नित्यक्रम नहीं है। यह एक कला है जो सिखाने के सृजनात्मक तरीक़ों की माँग करती है। (कुलुस्सियों ४:६) यह अपने बच्चों को सिखाते समय विशेषकर अत्यावश्यक है।—व्यवस्थाविवरण ६:६, ७; इफिसियों ६:४.
अतः, यहोवा सृष्टि करने से प्राप्त आनन्द को दूसरों के साथ बाँटता है। क्या ही उदार देन!