एक मुखिया अपने भविष्य पर विचार करता है
वह पश्चिम अफ्रीकी मुखिया अपने समुदाय में अत्यधिक प्रेम और उच्च सम्मान प्राप्त था। उसके ७८वें जन्मदिन पर उसके मित्र, परिवार, और अन्य शुभ-चिन्तक उसे मुबारकबाद देने के लिए इकट्ठे हुए। भाषण में, उस मुखिया ने ऐसे अवसर के लिए एक असाधारण विषय चुना। उसने मृत्यु के बाद के जीवन के बारे में अपने विचारों पर बात की।
उसने कहा कि इस दुनिया से परे “धोखे, ईर्ष्या, और लोभ से मुक्त एक नयी दुनिया है।” उसने उसका वर्णन एक ऐसी दुनिया के तौर पर किया जो “बहुत ही रहस्यमयी है,” जहाँ केवल धर्मी लोग ही रहते हैं, जो परमेश्वर के साथ मिलते।
ऐसे विश्वास पूरे अफ्रीका के लोगों में सर्वसामान्य हैं। अफ्रीकी परम्परागत धर्म के अनुसार, मृत्यु जीवन का अन्त नहीं है परन्तु आत्मिक क्षेत्रों में जीते रहने के लिए केवल एक परिवर्तन है। कहा जाता है कि मृत्यु पर एक व्यक्ति दृश्य से अदृश्य दुनिया में चला जाता है। आत्मा के तौर पर वह व्यक्ति फिर एक ऐसे क्षेत्र में प्रवेश करता है जहाँ उसके पूर्वज रहते हैं।
अनेक पश्चिम अफ्रीकी लोग विश्वास करते हैं कि पूर्वज या पूर्वजों की आत्माएँ, पृथ्वी पर अपने परिवारों के कल्याण को निश्चित करती हैं। किताब पश्चिम अफ्रीका के पारम्परिक धर्म (अंग्रेज़ी) कहती है: “समुदाय के सदस्य जो अब भी पृथ्वी पर हैं और जो उस पार की दुनिया में हैं, उनके प्रभाव में कोई स्पष्ट भिन्नता नहीं है। इस पृथ्वी पर रहते वक़्त, [पूर्वज] अपने परिवारों के मुखिया थे। अब भी जब वे हमारे लिए अदृश्य हैं, वे आत्माओं की दुनिया में मुखिया हैं। वे अपने परिवारों के सामान्य कुशल-क्षेम के बारे में दिलचस्पी लेना नहीं छोड़ते।”
इसके परिणामस्वरूप शुरू में बताए गए वयोवृद्ध मुखिया ने अपेक्षा की कि वह अपने पूर्वजों से मिलेगा और उनके साथ आत्मिक क्षेत्र में कार्य करेगा। उसने कहा: “मृत्यु के बाद के जीवन में और मुखिया के तौर पर मृत्यु के बाद भी कार्य करते रहने की संभावना के बारे में मुझे दृढ़ विश्वास है।”
लेकिन, मुखिया ने उसके बाद जो कहा उसके कारण, समाचार पत्र सन्डे टाइम्स ने सुझाया कि मृत्यु के बाद के जीवन के बारे में वह “पूर्णतः विश्वस्त नहीं प्रतीत हुआ।” उसने इकट्ठी हुई भीड़ को बताया कि उसने एक ऐसी पुस्तक के बारे में सुना है जो मृत्यु के बाद के जीवन के बारे में चर्चा करती है। वह मुखिया उस पुस्तक को पाँच साल से ढूँढ़ रहा था। उसे पढ़ने के लिए वह इतना उत्सुक था कि कोई भी व्यक्ति जो उसे एक प्रति ला देता उसके लिए उसने लगभग $१,५०० (अमरीकी) के बराबर रक़म देने की प्रस्तावना रखी।
वह मुखिया ढूँढ़ने की असुविधा से बच सकता था एक ऐसी पुस्तक को पढ़ने के द्वारा जिसे पाना बिलकुल भी मुश्किल नहीं है। यह सहज ही उपलब्ध किताब किसी मनुष्य द्वारा नहीं परन्तु सभी मनुष्यों के सृष्टिकर्ता द्वारा निर्मित है। (१ थिस्सलुनीकियों २:१३) वह पुस्तक बाइबल है। वह मृत्यु के बाद के जीवन के बारे में क्या कहती है?