स्पैनिश बाइबल के लिए कॉसयोदोरो दे रेनॉ की लड़ाई
सोलहवीं शताब्दी में स्पेन बाइबल पढ़ने के लिए एक ख़तरनाक स्थान था। कैथोलिक चर्च ने धर्माधिकरण को निर्देश दिया था कि रूढ़ि-विरोध की हल्की-सी चिनगारी उठते ही उसे बुझा दिया जाए। लेकिन दक्षिणी स्पेन में एक युवक था जिसने शास्त्र को न केवल पढ़ा बल्कि प्रांतीय भाषा में उसका अनुवाद करने की भी सौगन्ध खायी जिससे कि हर स्पेनवासी उसे पढ़ सके। उसका नाम था कॉसयोदोरो दे रेनॉ।
बाइबल में रेनॉ की दिलचस्पी उन सालों के दौरान जागी जो उसने स्पेन में सॆविल के सीमान्त पर, सॉन ईसीद्रो दॆल कॉमपो के मठ में बिताए। दशक १५५० के दौरान, इस असाधारण मठ के अधिकांश मठवासियों ने अपने धर्मवैधानिक कार्य करने से अधिक समय शास्त्र पढ़ने में बिताया। और बाइबल के संदेश ने उनका सोच-विचार बदल दिया। उन्होंने प्रतिमाओं के प्रयोग और शोधन-स्थान में विश्वास के सम्बन्ध में कैथोलिक धर्म-सिद्धान्त को अस्वीकार किया। यह तो होना ही था, उस क्षेत्र में उनके विचारों का पता चल गया, और स्पैनिश धर्माधिकरण द्वारा गिरत्नतारी के डर से उन्होंने देश से भागने का फ़ैसला कर लिया। रेनॉ उन १२ जनों में से एक था जो जेनीवा, स्विट्ज़रलैंड भागने में सफल हुए।
बाल-बाल बचकर भाग निकलने के बाद, उसने यूरोप के एक शहर से दूसरे शहर यात्रा की, हमेशा किसी-न-किसी तरह से अपने उत्पीड़कों से बचने में समर्थ हुआ। वर्ष १५६२ में हताश धर्म-परीक्षकों ने सॆविल में उसका पुतला जलाया, लेकिन उस क्रूर धमकी से भी रेनॉ शास्त्र का अनुवाद करने के अपने कार्य से नहीं डगमगाया। उसकी गिरत्नतारी पर इनाम रखे जाने और हर दम गिरत्नतारी के डर में जीने के बावजूद, उसने लगातार अपने स्पैनिश अनुवाद का काम किया। “उस समय को छोड़ जब मैं बीमार था या यात्रा कर रहा था, . . . मेरे हाथ से कलम नहीं छूटी,” उसने समझाया।
दस साल के अन्दर रेनॉ ने काम पूरा कर लिया। वर्ष १५६९ में संपूर्ण बाइबल का उसका अनुवाद बॉज़ॆल, स्विट्ज़रलैंड में प्रकाशित हुआ। यह उत्कृष्ट कार्य मौलिक भाषाओं से किया गया प्रथम संपूर्ण स्पैनिश अनुवाद था। शताब्दियों से लैटिन बाइबलें उपलब्ध थीं, परन्तु लैटिन कुलीनों की भाषा थी। रेनॉ का विश्वास था कि बाइबल सभी को समझ आनी चाहिए, और उसने इस लक्ष्य की प्राप्ति में अपनी जान जोख़िम में डाली।
अपने अनुवाद की प्रस्तावना में, उसने अपने कारण समझाए। “पवित्र शास्त्र को आम भाषा में वर्जित करना अनिवार्यतः परमेश्वर का घोर अपमान करता और मनुष्य के हित को हानि पहुँचाता है। यह शैतान का और जो उसके वश में हैं उनका प्रत्यक्ष काम है। . . . यह देखते हुए कि परमेश्वर ने अपना वचन मनुष्यों को दिया, और चाहा कि सभी इसे समझें और इस पर अमल करें, उस व्यक्ति का अभिप्राय अच्छा नहीं हो सकता जो इसे किसी भी भाषा में वर्जित करता।”
यह एक निर्भीक कथन था, चूँकि यह स्पैनिश धर्माधिकरण की निषिद्ध-पुस्तक सूची द्वारा बाइबल को “कैसटीलियन भाषा [स्पैनिश] में या किसी अन्य प्रांतीय बोली में” विशेष रूप से ग़ैरकानूनी करार देने के मात्र १८ साल बाद छपा। स्पष्टतया, रेनॉ ने मनुष्य के भय के कारण सत्य के लिए अपने प्रेम को नहीं घटने दिया।
सभी स्पैनिश-भाषी लोगों को बाइबल सुलभ कराने की तीव्र इच्छा होने के अलावा, रेनॉ यथासंभव यथार्थ अनुवाद भी करना चाहता था। अपनी प्रस्तावना में, उसने सीधे मौलिक भाषाओं से अनुवाद करने के लाभों का वर्णन किया। वलगेट के लैटिन पाठ में कुछ त्रुटियाँ घुस आयी थीं, रेनॉ ने समझाया। इनमें से एक सबसे बड़ी त्रुटि थी परमेश्वरीय नाम का हटाया जाना।
स्पैनिश अनुवादों में परमेश्वरीय नाम
रेनॉ को एहसास हुआ कि परमेश्वर का नाम, यहोवा, बाइबल के किसी भी खरे अनुवाद में आना चाहिए, जैसे यह मौलिक पाठ में आता है। उसने “परमेश्वर” या “प्रभु” जैसी उपाधियों से परमेश्वरीय नाम को प्रतिस्थापित करने की प्रथा पर चलने से इनकार कर दिया। अपने अनुवाद के प्राक्कथन में, उसने अपने कारण ठेठ स्पष्टता से समझाए।
“हमने नाम (Iehoua) को सुरक्षित रखा है, और इसके लिए बहुत ठोस कारण हैं। पहले, क्योंकि यह हमारे अनुवाद में जहाँ कहीं मिलता है, वह उसी प्रकार इब्रानी पाठ में मिलता है, और हमें यह प्रतीत हुआ कि हम परमेश्वर की व्यवस्था के साथ बेईमानी और उसका घोर उल्लंघन किए बिना इसे हटा या बदल नहीं सकते थे, जो आज्ञा देती है कि कुछ भी निकाला या जोड़ा न जाए। . . . [नाम हटाने की] यह प्रथा जो इब्लीस द्वारा प्रचलित की गयी, आधुनिक रब्बियों के अन्धविश्वास से आयी जो, हालाँकि इसके प्रति श्रद्धा रखने का दावा करते थे, असल में उसके पवित्र नाम को दबा रहे थे, परमेश्वर के लोगों को वह नाम भुलवा रहे थे जिसके द्वारा वह सभी अन्य . . . ईश्वरों से अलग किए जाने की इच्छा रखता था।”
परमेश्वर के नाम को महिमान्वित करने की रेनॉ की प्रशंसनीय इच्छा के दीर्घकालिक परिणाम हुए। हमारे समय तक, अधिकांश स्पैनिश अनुवाद—कैथोलिक और प्रोटॆस्टॆंट, दोनों—इस पूर्वोदाहरण पर चले हैं, और सब जगह परमेश्वरीय नाम प्रयोग किया है। मुख्यतः रेनॉ के कारण, बाइबल के लगभग किसी भी स्पैनिश अनुवाद के पाठक आसानी से समझ सकते हैं कि परमेश्वर का एक व्यक्तिगत नाम है जो उसे अन्य सभी ईश्वरों से अलग करता है।
यह तथ्य उल्लेखनीय है कि इब्रानी में यहोवा का नाम रेनॉ की बाइबल के शीर्षक-पृष्ठ पर स्पष्ट रूप से दिखता है। रेनॉ ने परमेश्वर के वचन को सुरक्षित रखने के महान उद्देश्य के लिए अपना जीवन अर्पित कर दिया, उसे ऐसी भाषा में उपलब्ध कराया जिसे करोड़ों लोग पढ़ सकते थे।