उसने नम्रतापूर्वक यहोवा की सेवा की
“यह इतना महत्त्वपूर्ण नहीं है कि आप कहाँ काम करते हैं बल्कि यह सचमुच महत्त्वपूर्ण है कि आप किसके लिए काम करते हैं।” जॉन बूथ इन शब्दों को कहने के शौकीन थे, और वो इनके अनुसार जीए। पृथ्वी पर उनके जीवन ने, जो सोमवार, जनवरी ८, १९९६ को समाप्त हो गया, इस बारे में कोई सवाल नहीं छोड़ा कि उन्होंने किसके लिए काम करने का चुनाव किया।
एक युवक के तौर पर १९२१ में, जॉन बूथ जीवन में उद्देश्य की तलाश कर रहे थे। उन्होंने डच रिफॉर्मड् चर्च में सन्डे स्कूल में पढ़ाया, लेकिन उन्होंने सेवक बनने के लिए प्रशिक्षण लेने के विचार का प्रतिरोध किया क्योंकि उन्होंने महसूस किया कि पादरीवर्ग स्वार्थी जीवन जीते थे। जब उन्होंने एक भाषण जिसका शीर्षक था “अभी लाखों जीवित कभी नहीं मरेंगे” का विज्ञापन-पत्र देखा, उन्होंने उसमें विज्ञापित साहित्य के लिए तुरन्त लिखा। जो उन्होंने पढ़ा था उससे मुग्ध होकर, जल्द ही वो २४ किलोमीटर साईकिल चलाकर बाइबल विद्यार्थियों की सभाओं में जाने लगे, जिस नाम से यहोवा के साक्षी उस समय जाने जाते थे। उन्होंने १९२३ में बपतिस्मा प्राप्त किया और वालकिल, न्यू यॉर्क के क्षेत्र में, घर-घर प्रचार करने लगे, जहाँ उनके परिवार का एक डेयरी फ़ार्म था।
भाई बूथ ने अप्रैल १९२८ में पूर्ण-समय सेवकाई में प्रवेश किया। उन्होंने अपने गृह क्षेत्र और ग्रामीण दक्षिण में प्रचार किया, बाइबल साहित्य के बदले में भोजन और आवास की अदला-बदली की। उन्हें बन्दूक रखनेवाले अवैध शराब की भट्टियों के मालिकों के जोख़िम का सामना करना पड़ा, जिनमें से एक ने जॉन बूथ के पायनियर साथी पर गोली चलाई और उसे ज़ख़्मी कर दिया। १९३५ में, भाई जॉन बूथ को सफ़री ओवरसियर नियुक्त किया गया और उन्होंने कलीसियाओं में और देश-भर के छोटे समूहों में भेंट करना शुरू कर दिया। उन्होंने सम्मेलनों की व्यवस्था की और भाइयों और बहनों को विरोध के बावजूद लगे रहने में मदद की। क्रुद्ध भीड़ का सामना करना, कोर्ट में एक स्थिति लेना, और क़ैद की तकलीफ़ उठाना सब भाई बूथ के लिए आम घटनाएँ बन गईं थीं। “उस उत्तेजक समय का विवरण देने के लिए एक पुस्तक लग जाएगी,” उन्होंने एक बार लिखा।
१९४१ में, जोसॆफ़ एफ़. रदरफ़र्ड ने, जो उस समय वॉच टावर संस्था के अध्यक्ष थे, भाई बूथ को इथाइका, न्यू यॉर्क के पास, किंग्डम फ़ार्म में काम करने के लिए नियुक्त किया। वहाँ उन्होंने वफ़ादारी से २८ साल सेवा की। सेवकाई के लिए उनका प्रेम कभी कम नहीं हुआ, मिशनरियों को प्रशिक्षण देने के लिए गिलियड नामक वॉचटावर बाइबल स्कूल के हज़ारों विद्यार्थियों के साथ संगति करके वो ख़ुश थे, जो १९६१ तक किंगडम फ़ार्म पर स्थित था। १९७० में, भाई बूथ को वालकिल, न्यू यॉर्क में, वॉचटावर फ़ार्मस् पर काम करने के लिए कहा गया, और उन्होंने ख़ुद को उसी क्षेत्र में पाया जहाँ उन्होंने लगभग ४५ साल पहले पायनियर कार्य शुरू किया था।
१९७४ में, भाई बूथ को ब्रुकलिन, न्यू यॉर्क में यहोवा के साक्षियों के शासी निकाय का एक सदस्य नियुक्त किया गया। उन्होंने उस स्थान पर वफ़ादारी से ९३ साल की उम्र में अपनी मृत्यु तक सेवा की। जॉन बूथ अपने अत्यधिक नम्र और कृपालु मसीही व्यक्तित्व के लिए प्रिय थे। जब तक उनके स्वास्थ्य और बल ने जवाब न दे दिया, वो दर-दर और शहर की सड़कों पर वफ़ादारी से प्रचार करते रहे।
हालाँकि उनके साथ जिन्होंने काम किया वे उनकी मृत्यु पर शोकित हुए, उन्हें ऐसे अभिषिक्त मसीहियों के लिए बाइबल की प्रतिज्ञा से सांत्वना मिलती है कि वे स्वर्गीय जीवन के लिए पुनरुत्थान प्राप्त करते हैं और कि “उन के कार्य्य उन के साथ हो लेते हैं।” (प्रकाशितवाक्य १४:१३; १ कुरिन्थियों १५:५१-५४) निश्चित ही एक नया वातावरण, लेकिन ऐसा जिसमें जॉन बूथ सर्वदा यहोवा की सेवा कर सकेंगे!
[पेज 32 पर तसवीरें]
जॉन बूथ १९०३-१९९६
[पेज 32 पर तसवीर]
HERALD-AMERICAN, ANDOVER 1234
76 Jehovites Jailed in Joliet
[चित्र का श्रेय]
Chicago Herald-American