परमेश्वर का वचन “चमत्कार” करता है
तेरॆज़ एओन् द्वारा बताया गया
वर्ष १९६५ में एक दिन, मैंने एक कम्पनी में प्रवेश किया और व्यापारियों को प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! पत्रिकाओं की प्रतियाँ पेश कीं। जैसे ही मैं जाने के लिए मुड़ी, मैंने एक धमाका सुना। मेरे पैरों के पास फ़र्श पर एक गोली लगी। “यहोवा के साक्षियों के साथ ऐसा ही सलूक किया जाना चाहिए,” एक व्यापारी ने ताना मारा।
उस अनुभव ने मुझे डरा दिया—लेकिन इतना नहीं कि मैं अपनी पूर्ण-समय की सेवकाई को त्याग दूँ। जो बाइबल सच्चाइयाँ मैंने सीखी थीं, वे इतनी मूल्यवान थीं कि मैं किसी भी चीज़ को अपनी सेवकाई त्यागने का कारण बनने नहीं देती। मुझे समझाने दीजिए कि मैं ऐसा क्यों कहती हूँ।
जुलाई १९१८ में मेरे जन्म के बाद, मेरे माता-पिता कैप-डे-लॉ-मैडलेन, क्वीबॆक, कनाडा के एक छोटे-से गाँव में बस गए, जो चमत्कारों की जगह के नाम से जाना जाता है। कुँवारी मरियम के तीर्थ-स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए दर्शनार्थी यहाँ भीड़ लगाते थे। हालाँकि मरियम के तथाकथित चमत्कार साबित नहीं किए जा सकते, परमेश्वर के वचन ने ऐसा कार्य किया है जो बीसियों लोगों के जीवन में वस्तुतः चमत्कारिक है, जैसे-जैसे वह गाँव ३०,००० से भी ज़्यादा निवासियोंवाले एक नगर में बढ़ता गया।
जब मैं तक़रीबन २० वर्ष की थी, मेरे पिताजी ने धार्मिक विषयों में मेरी दिलचस्पी देखी और मुझे अपनी बाइबल दी। जब मैं उसे पढ़ने लगी, तो निर्गमन अध्याय २० से यह जानकर मुझे धक्का लगा कि मूर्तिपूजा की स्पष्ट रूप से निन्दा की गयी है। कैथोलिक चर्च के शिक्षणों से मेरा भरोसा तुरन्त उठ गया और मैंने मिस्सा जाना बन्द कर दिया। मैं मूर्तियों की उपासना करना नहीं चाहती थी। मैं अब भी पिताजी की आवाज़ यह कहते हुए सुन सकती हूँ, “तेरॆज़, क्या तुम गिरजा नहीं जा रही हो?” “जी नहीं,” मैंने जवाब दिया, “मैं बाइबल पढ़ रही हूँ।”
१९३८ के सितम्बर में मेरे विवाह हो जाने के बाद भी बाइबल पठन मेरी ज़िन्दगी का एक हिस्सा बना रहा। चूँकि मेरे पति, रोज़र, अकसर रात को काम किया करते थे, मैंने बाइबल को तब पढ़ने की आदत डाल ली जब वह काम पर रहते। मैं जल्द ही इस निष्कर्ष पर पहुँची कि परमेश्वर के लोग तो ज़रूर होंगे, और मैंने उन्हें ढूँढना शुरू कर दिया।
परमेश्वर के लोगों के लिए मेरी खोज
गिरजे में जो मैंने सीखा था उसकी वजह से, जब मैं छोटी थी, तब मैं यह सोचकर सोने से डरती थी कि कहीं मैं नरक में न जागूँ। ऐसे डर से संघर्ष करने के लिए, मैं अपने आप से कहा करती थी कि प्रेम का एक परमेश्वर कुछ ऐसी डरावनी बात होने नहीं देगा। पूरे भरोसे के साथ, सच्चाई को ढूँढते हुए मैंने बाइबल पढ़ना जारी रखा। मैं उस कूशी खोजे की तरह थी जिसने पढ़ा लेकिन समझा नहीं।—प्रेरितों ८:२६-३९.
मेरे भाई ऑन्ड्रे और उसकी पत्नी ने, जो हमारे नीचे के तल्ले पर एक मकान में रहते थे, तक़रीबन १९५७ में यहोवा के साक्षियों के साथ बाइबल का अध्ययन करना शुरू किया। जब साक्षी इमारत में प्रचार करने आते तब छत में खटखटाने के द्वारा मैंने अपनी भाभी से मुझे आगाह करने को कहा। इस तरह से मुझे पता चल जाता कि मुझे दरवाज़ा नहीं खोलना है। एक दिन वह मुझे आगाह करने से चूक गयी।
उस दिन मैंने दरवाज़ा खोला और के मन्डे, एक पायनियर, जैसे यहोवा के साक्षियों के पूर्ण-समय सेवकों को कहा जाता है, से मेरी मुलाक़ात हुई। उसने मुझसे परमेश्वर के नाम के बारे में बात की, और यह समझाया कि परमेश्वर का एक व्यक्तिगत नाम है, यहोवा। उसके जाने के बाद, मैंने यह पुष्टि करने के लिए अपनी बाइबल में जाँच की कि जो उसने कहा था उसका समर्थन सचमुच बाइबल पाठ करते हैं कि नहीं। मेरे शोधन ने मुझे बहुत ख़ुश किया।—निर्गमन ६:३, डुवे वर्शन, (अंग्रेज़ी) फुटनोट; मत्ती ६:९, १०; यूहन्ना १७:६.
जब के फिर आयी, हमने त्रियेक के कैथोलिक सिद्धान्त के बारे में चर्चा की, जो दावा करता है कि परमेश्वर एक परमेश्वर में तीन व्यक्ति हैं। बाद में अपने आपको संतुष्ट करने के लिए कि यह त्रियेक नहीं सिखाती मैंने अपनी बाइबल की ध्यानपूर्वक जाँच की। (प्रेरितों १७:११) मेरे अध्ययन ने पुष्टि की कि यीशु परमेश्वर के जितना बड़ा नहीं है। उसको सृष्ट किया गया था। उसकी एक शुरूआत थी, जबकि यहोवा की नहीं है। (भजन ९०:१, २; यूहन्ना १४:२८; कुलुस्सियों १:१५-१७; प्रकाशितवाक्य ३:१४) जो मैं सीख रही थी उससे संतुष्ट, मैं बाइबल चर्चाओं को जारी रखने में ख़ुश थी।
वर्ष १९५८ में एक दिन, नवम्बर के एक बर्फ़ानी तूफ़ान के दौरान, के ने मुझे किराए के एक हॉल में उसी शाम आयोजित होनेवाले एक सर्किट सम्मेलन में उपस्थित होने के लिए आमंत्रित किया। मैंने आमंत्रण स्वीकार किया और कार्यक्रम का आनन्द उठाया। बाद में, मेरे पास आए एक साक्षी के साथ वार्तालाप में मैंने पूछा, “क्या एक सच्चे मसीह को घर-घर प्रचार करना ज़रूरी है?”
“जी हाँ,” उसने कहा, “सुसमाचार को घोषित किया जाना है, और बाइबल प्रकट करती है कि लोगों से उनके घरों में भेंट करना प्रचार कार्य का एक महत्त्वपूर्ण तरीक़ा है।”—प्रेरितों २०:२०.
मैं उसके जवाब से कितना आनन्दित थी! इसने मुझे आश्वस्त किया कि मैंने परमेश्वर के लोगों को पा लिया है। यदि उसने कहा होता, “जी नहीं, यह ज़रूरी नहीं है,” तो मैंने शक किया होता कि मुझे सच्चाई मिली है, क्योंकि घर-घर प्रचार करने के बारे में बाइबल जो कहती है, यह मुझे मालूम था। तब से, मैंने शीघ्र आध्यात्मिक प्रगति की।
उस सर्किट सम्मेलन के बाद, मैंने यहोवा के साक्षियों की सभाओं में उपस्थित होना शुरू किया जो पास के ट्रॉ-रिव्यर नगर में होती थीं। के और उसकी साथिन, फ्लोरॆन्स बोमॆन, कैप-डे-लॉ-मैडलेन में तब रहनेवाली एकमात्र साक्षी थीं। एक दिन मैंने कहा, “मैं कल आपके साथ प्रचार करने आऊँगी।” मेरे उनके साथ हो लेने पर वे ख़ुश थीं।
अपने गृह-नगर में प्रचार करना
मैंने सोचा कि सभी जन बाइबल संदेश को स्वीकारेंगे, लेकिन मैंने जल्द सीख लिया कि बात ऐसी नहीं थी। जब के और फ्लोरॆन्स को कहीं और नियुक्त किया गया, तब नगर में घर-घर बाइबल सच्चाई का प्रचार करनेवाली अकेली मैं थी। निडर, मैंने तक़रीबन दो साल तक अकेले प्रचार करना जारी रखा जब तक कि जून ८, १९६३ में मेरा बपतिस्मा नहीं हुआ। ठीक उसी दिन मैंने उसमें अपना नाम लिखवाया जिसे तब अवकाश पायनियर सेवा कहा जाता था।
मैंने एक साल तक अवकाश पायनियर के तौर पर कार्य किया। फिर, डॆलवीना साँलोराँ ने वादा किया कि यदि मैं नियमित पायनियर बन जाऊँ तो वह कैप-डे-लॉ-मैडलेन में आकर मेरे साथ सप्ताह में एक बार कार्य करेगी। सो मैंने अपना पायनियर निवेदन भर दिया। लेकिन, दुःख की बात है कि मेरे पूर्ण-समय सेवकाई को शुरू करने के ठीक दो सप्ताह पहले, डॆलवीना गुज़र गयी। मैं क्या करती? खैर, मैंने निवेदन भर दिया था और उसे वापस लेना नहीं चाहती थी। सो अक्तूबर १९६४ में, मैं ने पूर्ण-समय सेवकाई की अपनी जीवन-वृत्ति शुरू की। अगले चार सालों के लिए, मैं अकेले घर-घर गयी।
कैप-डे-लॉ-मैडलेन के भक्त कैथोलिक अकसर रूखे हुआ करते थे। कुछ लोग मुझे प्रचार करने से रोकने के प्रयत्न में पुलिस बुलाते थे। एक दिन, जैसे मैंने शुरूआत में उल्लेख किया, एक व्यापारी ने मेरे पैरों के पास गोली चलाकर मुझे डराने की कोशिश की। इससे नगर में काफ़ी हलचल मची। स्थानीय टेलिविज़न स्टेशन ने इसे यहोवा के साक्षियों के विरुद्ध एक अभियान कहा। पूरी घटना एक सकारात्मक साक्षी में परिणित हुई। संयोगवश, दस साल बाद, जिस व्यापारी ने मुझ पर गोली चलायी थी, उसका एक रिश्तेदार ख़ुद एक साक्षी बन गया।
परमेश्वर के वचन द्वारा किए गए “चमत्कार”
सालों के दौरान, मैंने बाइबल सच्चाइयों के प्रति विरोध की दीवार को कैप-डे-लॉ-मैडलेन में रत्नता-रत्नता ढहते देखा है। तक़रीबन १९६८ तक, अन्य साक्षी यहाँ स्थानांतरित हुए, और स्थानीय निवासी बाइबल सच्चाइयों के प्रति अनुक्रिया दिखाने लगे। १९७० के दशक की शुरूआत तक, असल में, बाइबल अध्ययनों की संख्या में बहुत वृद्धि हुई। वह इस हद तक पहुँची कि मुझे अन्य साक्षियों से कहना पड़ा कि वे कई बाइबल अध्ययनों को ले लें जिन्हें मैं संचालित कर रही थी ताकि मैं घर-घर सेवकाई में कुछ हिस्सा बरक़रार रख सकूँ।
एक दिन एक युवती ने मुझसे बाइबल अध्ययन सहायक सत्य जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है (अंग्रेज़ी) स्वीकार किया। उस समय उसका साथी ऑन्ड्रे नामक एक युवक था, एक अस्त-व्यस्त-सा दिखनेवाला अपराधी जो वार्तालाप में शामिल हो गया। ऑन्ड्रे के साथ चर्चा ने उसकी दिलचस्पी को जगाया, और एक बाइबल अध्ययन शुरू किया गया। उसके बाद जल्द ही वह अपने दोस्तों के साथ जो वह सीख रहा था उसके बारे में बात करने लगा।
एक समय, मैं चार गुंडों के साथ बाइबल का अध्ययन कर रही थी, जिनमें से एक ज़्यादा बोलता नहीं था लेकिन ज़्यादा सुनता था। उसका नाम पेयर था। एक सुबह तक़रीबन दो बजे, मेरे पति और मैंने दरवाज़े पर एक दस्तक सुनी। इस दृश्य की कल्पना कीजिए: वहाँ चार गुंडे मेरे लिए सवालों के साथ खड़े थे। शुक्र है कि रोज़र ने ऐसी बेमौक़े की मुलाक़ातों के बारे में कभी शिकायत नहीं की।
शुरू-शुरू में वे चारों पुरुष सभाओं में उपस्थित होते थे। लेकिन, केवल ऑन्ड्रे और पेयर इसमें लगे रहे। उन्होंने परमेश्वर के स्तरों के सामंजस्य में अपना जीवन ढाला और बपतिस्मा प्राप्त किया। अब कुछ २० से अधिक साल तक, दोनों पुरुषों ने यहोवा की वफ़ादारी से सेवा की है। जब उन्होंने अध्ययन करना शुरू किया था, तब वे अपनी अपराधिक गतिविधि के लिए कुख्यात थे और पुलिस की निगरानी में थे। कभी-कभार हमारे एक बाइबल अध्ययन के बाद या कलीसिया सभा के दौरान पुलिस उन्हें ढूँढती हुई आती। मैं ख़ुश हूँ कि मैंने “सब प्रकार के लोगों” को प्रचार किया और इस प्रकार ख़ुद देखा कि कैसे परमेश्वर का वचन ऐसे परिवर्तनों को प्रभावित करता है जो सचमुच चमत्कारिक हैं।—१ तीमुथियुस २:४, NW.
यदि मेरी सेवकाई की शुरूआत में मुझसे कहा गया होता कि कैप-डे-लॉ-मैडलेन में एक राज्यगृह होगा और कि वह यहोवा के लोगों से भरा हुआ होगा, तो मैं इसे विश्वास नहीं करती। मुझे ख़ुशी है कि पास के ट्रॉ-रिव्यर शहर की एक छोटी-सी कलीसिया छः फलती-फूलती कलीसियाओं में बढ़ गयी है जो तीन राज्यगृहों में मिलती हैं, जिनमें कैप-डे-लॉ-मैडलेन की कलीसिया भी शामिल है।
व्यक्तिगत रूप से मुझे तक़रीबन ३० व्यक्तियों को समर्पण और बपतिस्मे की हद तक पहुँचने में मदद करने का आनन्द प्राप्त हुआ है। अब, ७८ वर्ष की आयु में, मैं सचमुच कह सकती हूँ कि मैं ख़ुश हूँ कि मैंने अपना जीवन यहोवा को समर्पित किया। लेकिन, मुझे यह स्वीकारना होगा कि मुझे निरुत्साह के दौरे हुए। ऐसे समयों का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए, मैं हमेशा अपनी बाइबल खोलकर कुछ ऐसे पाठों को पढ़ती हूँ जो मुझे बहुत तरोताज़ा करते हैं। परमेश्वर के वचन को पढ़े बिना एक भी दिन बीतने देना मेरे लिए असंभव है। यूहन्ना १५:७ विशेषकर प्रोत्साहक है, जहाँ यह लिखा है: “यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा।”
यह मेरी आशा है कि मैं रोज़र को नए संसार में देखूँ जो इतना निकट है। (२ पतरस ३:१३; प्रकाशितवाक्य २१:३, ४) १९७५ में उसकी मृत्यु से ठीक पहले, वो बपतिस्मे की ओर अच्छी तरह से प्रगति कर रहे थे। अभी के लिए, मैं पूर्ण-समय सेवकाई में लगे रहने और यहोवा के कार्य में आनन्दित होना जारी रखने के लिए दृढ़संकल्प हूँ।