राज्य उद्घोषक रिपोर्ट करते हैं
रूस में “पियासे” लोगों के लिए मदद
“धन्य हैं वे, जो धर्म के भूखे और पियासे हैं, क्योंकि वे तृप्त किए जाएंगे,” यीशु ने कहा। (मत्ती ५:६) निम्नलिखित अनुभव सचित्रित करते हैं कि यहोवा के साक्षी रूस में अनेक लोगों की आध्यात्मिक प्यास बुझाने में कैसे मदद दे रहे हैं, जहाँ ७० से अधिक सालों तक धार्मिक स्वतंत्रता को कम किया गया था।
▪ वैलॆनटीना नाम की एक स्त्री के पास गंभीर बाइबल प्रश्न थे जिनका कई सालों से उत्तर नहीं मिला था। उदाहरण के लिए, उसने सोचा: ‘यीशु ने किससे प्रार्थना की?’ उसने तर्क किया कि यीशु ने अपने से ऊँचे किसी व्यक्ति से प्रार्थना की होगी और उसने उस व्यक्ति के नाम के बारे में सोचा।
वह रूसी रूढ़िवादी गिरजे गयी। लेकिन, उस धर्म में उसे अपने प्रश्नों के उत्तर नहीं मिले। असंतुष्ट, वह एक प्रोटॆस्टॆंट गिरजे गयी लेकिन फिर उसे कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिला। यह न जानते हुए कि और कहाँ जाए, वैलॆनटीना ने बाइबल पढ़ना शुरू कर दिया, और स्वयं ही उत्तर ढूँढने की कोशिश की—कोई फल नहीं मिला। उसने मदद के लिए प्रार्थना की।
कुछ समय बाद यहोवा के साक्षियों ने उसका दरवाज़ा खटखटाया। उन्होंने बाइबल से उसे दिखाया कि परमेश्वर का नाम यहोवा है। अंततः, उसने जाना कि यीशु ने किससे प्रार्थना की थी! उसने साक्षियों के साथ नियमित रूप से बाइबल का अध्ययन करना शुरू कर दिया। अकसर वह सारी रात जागकर वॉच टावर सोसाइटी द्वारा प्रकाशित साहित्य पढ़ती और बाइबल पाठ खोलकर देखती। जल्द ही वैलॆनटीना ने निष्कर्ष निकाला कि उसे सत्य मिल गया है। तीन महीने के अन्दर उसने प्रचार कार्य में भाग लेना शुरू कर दिया, और उसके दो महीने बाद उसका बपतिस्मा हो गया। सत्य के लिए उसकी प्रार्थनापूर्ण खोज का प्रतिफल मिला।
▪ एक साक्षी ने किसी दूरस्थ क्षेत्र में प्रचार करने के लिए बस से यात्रा की। यात्रा के दौरान उसने एक युवा स्त्री से बाइबल की प्रतिज्ञाओं के बारे में बात की, लेकिन उस युवा स्त्री को दिलचस्पी नहीं थी। दो महीने बाद उस साक्षी ने उसी क्षेत्र में एक जन भाषण देने के लिए दुबारा यात्रा की। भाषण के बाद वह एक श्रोता के पास गया और उससे पूछा: “क्या इससे पहले किसी ने सुसमाचार के बारे में बाइबल से आपके साथ बात की है?” उस पुरुष ने उत्तर दिया, “जी हाँ, आपने की है।” साक्षी ने सोचा कि वह मज़ाक कर रहा है। लेकिन उस युवा पुरुष ने समझाया कि दो महीने पहले बस यात्रा के दौरान, उसने उस साक्षी और युवा स्त्री के बीच हुई बातचीत सुनी थी। “मैं और जानना चाहता था, लेकिन आप बस से उतर गए, और मैं ने सोचा कि मैं यहोवा के साक्षियों को फिर कभी नहीं देख पाऊँगा। फिर अपने कार्यस्थल पर मैं एक पुरुष से मिला जो साक्षियों के साथ बाइबल का अध्ययन कर रहा है। और इस प्रकार मैं यहाँ हूँ!”
उस पुरुष और उसकी पत्नी ने बाइबल का अध्ययन करना शुरू कर दिया। बहुत-ही थोड़े समय बाद, वह देख सका कि उसकी नौकरी बाइबल सिद्धान्तों के विरोध में है। वह परमेश्वर के सम्मुख एक अच्छा अंतःकरण रखना चाहता था, सो उसने अपना व्यवसाय बदल लिया। अब वह हर अवसर पर दूसरों को परमेश्वर के राज्य के बारे में बताता है। उसकी पत्नी भी अपने बाइबल अध्ययन में प्रगति कर रही है।
रूस के विशाल क्षेत्र में यहोवा के साक्षी सभी निष्कपट लोगों को यह कहने के लिए भाग लेने में ख़ुश हैं: “आ; और जो प्यासा हो, वह आए, और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंतमेंत ले।”—प्रकाशितवाक्य २२:१७.