एक संयुक्त परिवार के रूप में यहोवा की सेवा करना
आनटोन्यू सान्टोलेरी द्वारा बताया गया
मेरे पिताजी १७ के थे जब उन्होंने १९१९ में इटली छोड़ा। वह एक बेहतर जीवन की खोज में ब्रज़िल में बस गए। कुछ समय बाद, साओ पाउलो राज्य के भीतरी भाग में एक छोटे-से क़सबे में उन्होंने एक नाई की दुकान खोल ली।
वर्ष १९३८ में एक दिन, जब मैं सात साल का था, पिताजी ने अपनी दुकान पर आए एक व्यक्ति से बाइबल का ब्राज़ीलेरा अनुवाद प्राप्त किया। दो साल बाद माँ बहुत बीमार हो गयीं और अपनी मृत्यु तक अपाहिज रहीं। पिताजी भी बीमार हो गए, सो हम सभी—माँ, पिताजी, मेरी बहन ऐना, और मैं—रिश्तेदारों के साथ रहने के लिए साओ पाउलो नगर चले गए।
साओ पाउलो में अपने स्कूल के दिनों में, मैं एक उत्साही पाठक बन गया, ख़ासकर ऐतिहासिक लेखों का। मैं इस बात से प्रभावित हुआ कि उनमें कभी-कभी बाइबल का ज़िक्र होता था। एक कथा-साहित्य में, जो मैं साओ पाउलो जन पुस्तकालय से लाया था, कई बार पहाड़ी उपदेश का ज़िक्र था। तब मैं ने स्वयं वह उपदेश पढ़ने के लिए एक बाइबल प्राप्त करने का फ़ैसला किया। मैं ने वह बाइबल ढूँढी जो सालों पहले पिताजी ने ली थी और अंततः मुझे वह एक बक्से की तह में मिल गयी, जहाँ वह सात साल से पड़ी थी।
हमारा परिवार कैथोलिक था, सो मुझे बाइबल पढ़ने के लिए कभी प्रोत्साहित नहीं किया गया था। अब, अपने आप, मैं ने अध्याय और आयतें निकालना सीख लिया। मैं ने बड़े आनन्द के साथ न केवल पहाड़ी उपदेश पढ़ा बल्कि मत्ती की पूरी पुस्तक साथ ही अन्य बाइबल पुस्तकें पढ़ीं। सच्चाई के जिस लहज़े से यीशु की शिक्षाएँ और चमत्कार प्रस्तुत किए गए थे उससे मैं अति प्रभावित हुआ।
यह महसूस करते हुए कि जो मैं ने बाइबल में पढ़ा कैथोलिक धर्म उससे कितना भिन्न था, मैं ने प्रॆसबिटेरियन चर्च जाना शुरू कर दिया, और ऐना मेरे साथ हो ली। परन्तु, मुझे अब भी अपने हृदय में एक खालीपन लगा। मैं सालों से परमेश्वर को उत्सुकता से खोज रहा था। (प्रेरितों १७:२७) एक तारों-भरी रात को, जब मैं विचार-मग्न था, मैं ने सोचा, ‘मैं यहाँ क्यों हूँ? जीवन का उद्देश्य क्या है?’ मैं ने पीछे के आँगन में एक एकान्त स्थान ढूँढा, घुटने टेके, और प्रार्थना की, ‘प्रभु, परमेश्वर! आप कौन हैं? मैं आपको कैसे जान सकता हूँ?’ उसके कुछ ही समय बाद उत्तर मिल गया।
बाइबल सत्य सीखना
वर्ष १९४९ में एक दिन, जब पिताजी एक सड़क-रेल से उतरे तब एक युवा स्त्री उनके पास आयी। उसने उन्हें प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! पत्रिकाएँ प्रस्तुत कीं। उन्होंने प्रहरीदुर्ग का अभिदान कर लिया और उससे कहा कि हमारे घर आए, उन्होंने समझाया कि उनके दो बच्चे हैं जो प्रॆसबिटेरियन चर्च जाते हैं। जब वह स्त्री आयी, तब उसने ऐना के पास पुस्तक बच्चे (अंग्रेज़ी) छोड़ी और उसके साथ एक बाइबल अध्ययन शुरू कर दिया। बाद में मैं भी अध्ययन में शामिल हो गया।
नवम्बर १९५० में हम पहली बार यहोवा के साक्षियों के अधिवेशन में उपस्थित हुए। वहाँ पुस्तक “परमेश्वर सच्चा ठहरे” (अंग्रेज़ी) रिलीज़ की गयी, और हमने उस पुस्तक को अपनी परिदर्शिका के रूप में प्रयोग करते हुए अपना बाइबल अध्ययन जारी रखा। उसके कुछ ही समय बाद हम समझ गए कि हमें सत्य मिल गया है, और अप्रैल १९५१ में यहोवा को अपने समर्पण के प्रतीक के रूप में हमारा बपतिस्मा हुआ। पिताजी ने कुछ सालों बाद अपना समर्पण किया और परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य रहकर १९८२ में मरे।
पूर्ण-समय सेवा में आनन्दित
जनवरी १९५४ में, जब मैं २२ साल का ही था, मुझे यहोवा के साक्षियों के शाखा दत्नतर में, जिसे बॆथॆल कहा जाता है, सेवा के लिए स्वीकार कर लिया गया। वहाँ पहुँचने पर, मैं यह जानकर चकित हो गया कि एक पुरुष जो मुझसे केवल दो साल बड़ा था, रिचर्ड मूके, शाखा ओवरसियर था। वर्ष १९५५ में, जब सर्किट सेवकों की ज़रूरत पड़ी, उस समय सफ़री ओवरसियरों को यही कहते थे, तब मैं उन पाँच पुरुषों में था जिन्हें इस सेवा में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया।
मेरी कार्य-नियुक्ति थी रीओ ग्रैन्डी ड सूल राज्य। जब मैं ने कार्य शुरू किया तब वहाँ यहोवा के साक्षियों की केवल ८ कलीसियाएँ थीं, लेकिन १८ महीनों के अन्दर २ नयी कलीसियाएँ और २० पृथक समूह स्थापित किए गए। आज इस क्षेत्र में, यहोवा के साक्षियों की १५ सर्किटें हैं, और हरेक में लगभग २० कलीसियाएँ हैं! वर्ष १९५६ के अन्त में, मुझे बताया गया कि मेरी सर्किट को चार छोटी सर्किटों में बाँट दिया गया था जिनकी देखरेख चार सर्किट सेवक करते। उस समय मुझे एक नयी कार्य-नियुक्ति के लिए बॆथॆल लौटने का निर्देश दिया गया।
मैं यह जानकर चकित और प्रसन्न हुआ कि मुझे ज़िला सेवक के रूप में, एक सफ़री सेवक जो कई सर्किटों की देखरेख करता है, उत्तरी ब्रज़िल में नियुक्त किया गया था। उस समय ब्रज़िल में यहोवा के साक्षियों के १२,००० सेवक थे, और देश में दो ज़िले थे। रिकार्ट वुटके ने दक्षिण की देखरेख की, और मेरे पास उत्तर का ज़िला था। बॆथॆल में हमें यहोवा के साक्षियों द्वारा बनायी गयी फ़िल्में, नया संसार समाज कार्य करते हुए (अंग्रेज़ी) और नए संसार समाज का आनन्द (अंग्रेज़ी), दिखाने के लिए प्रोजॆक्टर चलाना सिखाया गया।
उन दिनों यात्रा करना काफ़ी अलग था। किसी भी साक्षी के पास मोटर-गाड़ी नहीं थी, सो मैं ने डोंगी, नाँव, बैलगाड़ी, घोड़ागाड़ी, मालगाड़ी, ट्रक, और एक बार विमान में यात्रा की। अमाज़ोन वन के ऊपर से उड़कर सैन्टरॆम में उतरना रोमांचक था। सैन्टरॆम शहर अमाज़ोन के सिरे पर बॆलॆम और अमाज़ोनस् राज्य की राजधानी, मनाउस के बीच आधी दूरी पर है। उस समय ज़िला सेवकों के पास संभालने के लिए थोड़े-ही सर्किट सम्मेलन होते थे, अतः मैं ने अपना काफ़ी समय संस्था की फ़िल्में दिखाने में बिताया। ज़्यादा बड़े शहरों में सैकड़ों उपस्थित होते थे।
उत्तरी ब्रज़िल में अमाज़ोन क्षेत्र से मैं अति प्रभावित हुआ। जब मैं वहाँ अप्रैल १९५७ में सेवा कर रहा था, तब अमाज़ोन नदी और उसकी उपनदियाँ अपने तटों के ऊपर से बह रही थीं। मुझे वन में दो पेड़ों के बीच एक कामचलाऊ परदा लगाकर एक फ़िल्म दिखाने का सुअवसर मिला। प्रोजॆक्टर के लिए बिजली पास की नदी पर खड़ी एक मोटरबोट से मिल गयी। अधिकांश दर्शकों के लिए यह पहली फ़िल्म थी जो उन्होंने कभी देखी थी।
उसके कुछ ही समय बाद मैं बॆथॆल सेवा के लिए लौट गया, और अगले साल, १९५८ में मुझे न्यू यॉर्क शहर में यहोवा के साक्षियों के ऐतिहासिक “ईश्वरीय इच्छा” अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में उपस्थित होने का विशेषाधिकार मिला। यैन्की स्टेडियम और पास के पोलो ग्राउन्डस् में हुए उस आठ-दिवसीय अधिवेशन के आख़िरी दिन उपस्थित २,५३,९२२ जनों में १२३ देशों के प्रतिनिधि थे।
अपने जीवन में परिवर्तनों का आनन्द लेना
बॆथॆल लौटने के कुछ ही समय बाद, मेरा परिचय क्लैरा बर्न्ट से हुआ, और मार्च १९५९ में हमारा विवाह हो गया। हमें बाहिया राज्य में सर्किट कार्य के लिए नियुक्त किया गया, जहाँ हमने लगभग एक साल सेवा की। क्लैरा और मैं अब भी वहाँ के भाइयों की नम्रता, पहुनाई, जोश और प्रेम को आनन्द के साथ याद करते हैं; वे भौतिक रूप से ग़रीब थे लेकिन राज्य फलों में धनी। फिर हमें साओ पाउलो राज्य में भेज दिया गया। वहाँ १९६० में मेरी पत्नी गर्भवती हो गयी, और हमें पूर्ण-समय की सेवकाई छोड़नी पड़ी।
हमने सान्टा कैटारीना राज्य में उस जगह बसने का फ़ैसला किया, जहाँ मेरी पत्नी का जन्म हुआ था। हमारा पुत्र, गरज़ोन, हमारे पाँच बच्चों में पहला था। उसके बाद १९६२ में गीलसन आया, १९६५ में टेलीटा, १९६९ में टारस्यो, और १९७४ में जानीसी। शुक्र है यहोवा का और उस उत्तम सलाह का जो वह प्रदान करता है, हम उन्हें “प्रभु की शिक्षा और अनुशासन” में पालने की चुनौती का सामना करने में समर्थ हुए।—इफिसियों ६:४, NHT.
हम अपने हर बच्चे को अनमोल समझते हैं। भजनहार ने हमारी भावनाओं को बड़ी अच्छी तरह व्यक्त किया: “देखो, बच्चे यहोवा के दिए हुए मीरास हैं।” (भजन १२७:३, NHT फुटनोट) समस्याओं के बावजूद, हमने परमेश्वर के वचन में दिए गए निर्देशनों को ध्यान में रखते हुए, अपने बच्चों की देखरेख वैसे की है जैसे हम ‘यहोवा की दी हुई किसी मीरास’ की करते। इसके अनेक प्रतिफल मिले हैं। हमें अत्यधिक आनन्द मिला जब एक के बाद एक सभी पाँचों ने, अलग-अलग, और स्वयं अपनी इच्छा से यहोवा को अपने समर्पण के प्रतीक के रूप में बपतिस्मा लेने की अभिलाषा व्यक्त की।—सभोपदेशक १२:१.
हमारे बच्चों के चुनाव
हम अति आनन्दित हुए जब गरज़ोन ने डाटा प्रोसॆसिंग में एक कोर्स पूरा करने के तुरन्त बाद कहा कि वह बॆथॆल में सेवा करना चाहता है, इस प्रकार उसने एक लौकिक पेशे के बजाय पूर्ण-समय की सेवकाई का चुनाव किया। लेकिन शुरू-शुरू में बॆथॆल जीवन गरज़ोन के लिए आसान नहीं था। जब उसे बॆथॆल में केवल चार महीने हुए थे, उससे मिलने के बाद जाते समय मैं उसके चेहरे पर दिखती उदासी से बहुत प्रभावित हुआ। अपनी कार के पीछे देखने के आइने से मैं ने देखा कि वह हमें तब तक देख रहा था जब तक कि हम ने सड़क पर पहला मोड़ नहीं ले लिया। मेरी आँखें आसुँओं से इतनी भर गयी थीं कि मुझे सड़क के किनारे रुकना पड़ा इससे पहले कि हम घर की ओर ७०० किलोमीटर की अपनी यात्रा पर आगे बढ़ते।
गरज़ोन सचमुच बॆथॆल का आनन्द लेने लगा। वहाँ लगभग छः साल रहने के बाद, उसने हाइडी बॆसर से विवाह किया, और एकसाथ उन्होंने बॆथॆल में और दो साल तक सेवा की। फिर हाइडी गर्भवती हो गयी, और उन्हें जाना पड़ा। उनकी बेटी, सीन्टया, जो अब छः साल की है, उनकी राज्य गतिविधियों में उनके साथ जाती है।
जब हम पहली बार गरज़ोन से बॆथॆल में मिलने गए थे उसके थोड़े ही समय बाद, गीलसन ने, जिसने हाल ही में बिज़नॆस एडमिनिस्ट्रेशन में अपना पहला साल पूरा किया था, कहा कि वह भी वहाँ सेवा करना चाहता है। उसकी योजना थी कि एक साल बॆथॆल में सेवा करने के बाद अपना बिज़नॆस कोर्स फिर से शुरू करेगा। लेकिन उसकी योजना बदल गयी, और वह बॆथॆल सेवा में ही रहा। वर्ष १९८८ में उसने वीवीआन गोंसालविस से विवाह किया, जो एक पायनियर थी, पूर्ण-समय के सेवकों को यही कहा जाता है। तब से, वे एकसाथ बॆथॆल में सेवा कर रहे हैं।
हमारा आनन्द और बढ़ा जब हमारी तीसरी बच्ची, टेलीटा ने ड्राफ्टिंग में एक कोर्स करने के बाद १९८६ में पायनियर सेवा शुरू करने का चुनाव किया। तीन साल बाद उसे भी बॆथॆल आमंत्रित किया गया। वर्ष १९९१ में, उसने ज़्हूज़े कोसी से विवाह किया, जो बॆथॆल में दस साल से सेवा कर रहा था। वे विवाहित दम्पति के रूप में अभी-भी वहाँ हैं।
मेरी पत्नी और मैं फिर प्रसन्न हुए जब हमारे अगले बच्चे, टारस्यो ने वही बात दोहरायी जो पहले ही तीन बार सुन चुके थे, “पिताजी, मैं बॆथॆल जाना चाहता हूँ।” उसका आवेदन-पत्र स्वीकार हो गया, और १९९१ में उसने भी बॆथॆल सेवा शुरू कर दी, जहाँ वह १९९५ तक रहा। हम ख़ुश हैं कि उसने अपनी जवानी की शक्ति को इस तरीक़े से यहोवा के राज्य हितों को बढ़ावा देने में तीन साल से अधिक समय तक प्रयोग किया।
हमारी सबसे छोटी, जानीसी ने यहोवा की सेवा करने का अपना फ़ैसला किया और १३ की उम्र में बपतिस्मा लिया। अपने स्कूल के दिनों में, उसने एक साल तक एक सहयोगी पायनियर के रूप में सेवा की। फिर, सितम्बर १, १९९३ में उसने यहाँ गासपार नगर में हमारी कलीसिया में एक नियमित पायनियर के रूप में सेवा शुरू की।
सफलता का मार्ग
परिवार को यहोवा की उपासना में संयुक्त रखने का रहस्य क्या है? मैं नहीं मानता कि कोई चमत्कारी सूत्र है। यहोवा ने अपने वचन में मसीही माता-पिताओं के अनुकरण के लिए सलाह दी है, सो जिन उत्तम परिणामों का आनन्द हमने लिया है उसका सारा श्रेय उसे मिलना चाहिए। हमने सिर्फ़ उसके मार्गदर्शन पर चलने की कोशिश की है। (नीतिवचन २२:६) हमारे सभी बच्चों ने विरासत में मुझसे लाटिनी भावुकता पायी और अपनी माँ से व्यावहारिक जर्मन मनोवृत्ति। लेकिन वह सबसे महत्त्वपूर्ण चीज़ जो उन्होंने हमसे पायी वह थी एक आध्यात्मिक विरासत।
हमारा घरेलू जीवन राज्य हितों पर केंद्रित था। इन हितों को सबसे आगे रखना आसान नहीं था। उदाहरण के लिए, हमें एक नियमित पारिवारिक बाइबल अध्ययन को बनाए रखने में हमेशा कठिनाई होती थी, लेकिन हमने कभी हार नहीं मानी। हर बच्चे को उसके जीवन के पहले ही दिनों से, मसीही सभाओं में साथ ही सम्मेलनों और अधिवेशनों में लाया जाता था। केवल बीमारी या किसी और आपात्-स्थिति में ही हम उपस्थित नहीं होते थे। इसके साथ-साथ, छोटी उम्र में ही बच्चे हमारे साथ मसीही सेवकाई में जाते थे।
जब बच्चे लगभग दस साल के थे, उन्होंने ईश्वरशासित सेवकाई स्कूल में भाषण देना शुरू कर दिया। हमने उनके पहले भाषण तैयार करने में उनकी मदद की, उन्हें प्रोत्साहन दिया कि पूरा भाषण लिखने के बजाय एक रूपरेखा का प्रयोग करें। बाद में, हरेक अपना अपना भाषण तैयार करता था। साथ ही, जब उनकी उम्र १० और १२ के बीच थी, तब उनमें से हरेक ने सेवकाई में नियमित रूप से भाग लेना शुरू किया। वे केवल यही जीवन-शैली जानते थे।
मेरी पत्नी, क्लैरा ने हमारे बच्चों के पालन-पोषण में एक अति-महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी। हर रात, जब वे बहुत छोटे थे—वह समय जब बच्चा उसे सिखायी गयी हर बात को स्पंज की तरह सोख लेता है—क्लैरा उनके लिए एक बाइबल कहानी पढ़ती थी और हरेक के साथ प्रार्थना करती थी। उसने इन पुस्तकों का अच्छा प्रयोग किया: परादीस विलुप्त से परादीस पुनःप्राप्त (अंग्रेज़ी), महान शिक्षक की सुनना (अंग्रेज़ी), बाइबल कहानियों की मेरी पुस्तक।a जब यहोवा के साक्षियों द्वारा प्रदान किए गए ऑडियो और दृश्य सहायक उपलब्ध हुए, तब हमने उनका भी प्रयोग किया।
मसीही माता-पिता के रूप में हमारा अनुभव पुष्टि करता है कि बच्चों को दैनिक ध्यान की ज़रूरत है। अत्यधिक प्रेम, व्यक्तिगत दिलचस्पी, और बहुतायत में समय बच्चों की मूल ज़रूरतों में से हैं। हमने अपनी भरसक क्षमता के साथ इन ज़रूरतों को पूरा करना न केवल अपनी जनकीय ज़िम्मेदारी समझा बल्कि ऐसा करने में बहुत सुख भी प्राप्त किया।
सचमुच, माता-पिताओं के लिए भजन १२७:३-५ (NHT) के शब्दों की पूर्ति का अनुभव करना संतोषदायक है: “देखो, बच्चे यहोवा के दिए हुए दान [मीरास, फुटनोट] हैं, गर्भ का फल उसकी ओर से प्रतिफल है। जैसे वीर के हाथ में तीर, वैसे ही जवानी की सन्तान होती है। क्या ही धन्य है वह पुरुष जिसका तरकश उन से भरा है!” एक संयुक्त परिवार के रूप में यहोवा की सेवा करने से सचमुच हम आनन्दित हुए हैं!
[फुटनोट]
a सभी वॉचटावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी द्वारा प्रकाशित हैं।
[पेज 26 पर तसवीरें]
अपने निकटतम परिवार सहित आनटोन्यू सान्टोलेरी