क्या राजा सुलैमान के धन को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है?
“जो सोना प्रति वर्ष सुलैमान के पास पहुंचा करता था, उसका तौल छः सौ छियासठ किक्कार था।”—१ राजा १०:१४.
इस बाइबल आयत के अनुसार, राजा सुलैमान ने एक साल में २५ टन से अधिक सोना प्राप्त किया! उसका मूल्य आज $२४,००,००,००० होता। वह वर्ष १८०० में संसार-भर में खोदे गए सोने से लगभग दुगुना है। क्या यह संभव है? पुरातत्त्वीय प्रमाण क्या दिखाता है? वह सूचित करता है कि सुलैमान के धन के बारे में बाइबल का अभिलेख निश्चित ही विश्वसनीय लगता है। बाइबलीय पुरातत्त्वीय सर्वेक्षण (अंग्रेज़ी) कहती है:
◻ मिस्र के राजा थूटमोस तृतीय ने (सा.यु.पू. दूसरी सहस्राब्दि) कारनक में एमॉन-रा के मंदिर में लगभग १३.५ टन सोने की वस्तुएँ चढ़ाईं—और यह तो केवल भेंट का एक भाग था।
◻ मिस्री शिलालेखों में अभिलिखित है कि राजा ओसॉरकान प्रथम ने (सा.यु.पू. पहली सहस्राब्दि के आरंभ में) देवताओं को कुल मिलाकर लगभग ३८३ टन सोने और चाँदी के उपहार चढ़ाए।
इसके अलावा, मनुष्य के महान युग (अंग्रेज़ी) श्रंखला का खंड प्राचीन यूनान रिपोर्ट करता है:
◻ थ्रेस में पान्गेअन की खानों से राजा फिलिप द्वितीय (सा.यु.पू. ३५९-३३६) के लिए हर साल ३७ टन से अधिक सोना निकाला गया।
◻ जब फिलिप के पुत्र सिकन्दर महान ने (सा.यु.पू. ३३६-३२३) फारसी साम्राज्य की राजधानी, सूज़ा पर क़ब्ज़ा किया, तब कुछ १,२०० टन सोने का ख़ज़ाना प्राप्त हुआ।
सो राजा सुलैमान के धन के बारे में बाइबल का वर्णन अतिशयोक्ति नहीं है। यह भी याद रखिए कि सुलैमान उस समय “धन और बुद्धि में पृथ्वी के सब राजाओं से बढ़कर” था।—१ राजा १०:२३.
सुलैमान ने अपने धन का प्रयोग कैसे किया? उसके सिंहासन पर “उत्तम कुन्दन” मढ़ा हुआ था, उसके पीने के पात्र “सोने के” थे, और उसके पास मिश्रित ‘सोने’ की २०० बड़ी ढालें और ३०० छोटी ढालें थीं। (१ राजा १०:१६-२१) सबसे बढ़कर, सुलैमान का सोना यरूशलेम में यहोवा के मंदिर के सम्बन्ध में प्रयोग हुआ। मंदिर की दीवटें और पवित्र पात्र, जैसे कांटे, कटोरे, प्याले, और तसले सोने और चाँदी के बने हुए थे। परमपवित्र में ४.५-मीटर-ऊँचे करूब, धूप की वेदी, और भवन का पूरा भीतरी भाग भी सोने से मढ़ा हुआ था।—१ राजा ६:२०-२२; ७:४८-५०; १ इतिहास २८:१७.
सोने से मढ़े हुए मंदिर के बारे में क्या? दिलचस्पी की बात है कि प्राचीन संसार में सोने का ऐसा प्रयोग किसी भी तरह असाधारण नहीं था। बाइबलीय पुरातत्त्वीय सर्वेक्षण नोट करती है कि मिस्र के अमीनॉफ़िस तृतीय ने “थीबस् में एक मंदिर बनाकर महान देवता अमन का सम्मान किया जो ‘पूरी तरह सोने से मढ़ा हुआ था, उसका फ़र्श चाँदी से सजा हुआ था, [और] उसके सभी द्वारों पर इलॆक्ट्रम था’”—सोने और चाँदी का एक मिश्रण। इसके अलावा, अश्शूर के इसर-हैडन ने (सा.यु.पू. सातवीं शताब्दी) अशूर की वेदी के द्वारों और दीवारों पर सोना मढ़वाया। हेरॆन में सिन के मंदिर के सम्बन्ध में, बाबुल के नेबॉनिडस ने (सा.यु.पू. छठवीं शताब्दी) लिखा: “मैं ने उसकी दीवारों पर सोना और चाँदी लगवाया, और उन्हें सूरज की तरह चमकीला बनाया।”
अतः, ऐतिहासिक अभिलेख सूचित करते हैं कि राजा सुलैमान के धन के बारे में बाइबलीय वृत्तान्त बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताया गया है।