युद्ध के चार सालों के दौरान सांत्वना
भूतपूर्व युगोस्लाविया के क्षेत्र में युद्ध के चार सालों के दौरान, अनेक लोगों ने कठिनाइयाँ और तीव्र अभाव सहन किए। इनमें सैकड़ों यहोवा के साक्षी सम्मिलित थे, जिन्होंने वफ़ादारी से ‘सब प्रकार की सांत्वना के परमेश्वर’ की उपासना करना जारी रखा।—२ कुरिन्थियों १:३.
सारायेवो में, युद्ध के सारे समय घिरे हुए एक बड़े शहर में जीने की एक और मुसीबत से लोग गुज़रे। बिजली, पानी, ईंधन की लकड़ी और भोजन का अभाव था। इन गंभीर परिस्थितियों में यहोवा के साक्षियों की सारायेवो कलीसिया ने कैसे काम किया? पड़ोसी देशों से मसीहियों ने बड़ी मात्रा में राहत सामग्री लाने के लिए अपने जीवन को जोखिम में डाला। [प्रहरीदुर्ग, नवम्बर १, १९९४ (अंग्रेज़ी), पृष्ठ २३-७ देखिए।] साथ ही, सारायेवो के भाइयों ने उनके पास जो था वह एक दूसरे के साथ बाँटा, और आध्यात्मिक बातों की सहभागिता को ज़्यादा महत्त्व दिया। घेराव के दौरान उस शहर से एक मसीही ओवरसियर ने यह रिपोर्ट दी:
“हम अपनी सभाओं को बहुत ही महत्त्वपूर्ण समझते हैं। मेरी पत्नी और मैं, ३० अन्य व्यक्तियों के साथ, सभाओं के लिए १५ किलोमीटर [९ मील] का एक-तरफ़ा रास्ता तय करते हैं। कभी-कभी यह घोषित किया जाता कि पानी उस समय दिया जाएगा जब सभाएँ आयोजित की जाती थीं। भाई क्या करते? वे घर पर ही रहते या सभाओं में उपस्थित होते? हमारे भाइयों ने सभाओं में उपस्थित होना पसन्द किया। भाई हमेशा एक दूसरे की सहायता करते हैं; उनके पास जो कुछ है वे उसे बाँटते हैं। हमारी कलीसिया में एक बहन शहर के सीमान्त में, जंगल के क़रीब रहती है; इसलिए उसके लिए कुछ ईंधन की लकड़ी प्राप्त करना थोड़ा आसान है। साथ ही वह एक बेकरी में काम करती है, और उसका वेतन आटे के रूप में दिया जाता है। जब संभव होता है, तब वह एक बड़ी डबलरोटी सेंकती है और सभा को ले आती है। सभा के बाद, बाहर निकलते समय, वह हरेक को एक टुकड़ा देती है।
“यह महत्त्वपूर्ण है कि हमारे कोई भी भाई या बहन कभी त्यागा हुआ महसूस न करें। कोई भी नहीं जानता कि अगली बार हम में से किसे एक अप्रिय स्थिति में मदद की ज़रूरत पड़ जाएगी। जब रास्तों पर बर्फ़ थी और एक बहन बीमार थी, तो युवा, हट्टे-कट्टे भाई उसे एक बर्फ़-गाड़ी पर खींचकर सभाओं में ले गए।
“हम सभी प्रचार कार्य में हिस्सा लेते हैं, और यहोवा ने हमारे प्रयासों पर आशीष दी है। उसने बॉसनीया में हमारी करुण स्थिति देखी है, लेकिन उसने हमें बढ़ोतरी की आशीष दी है—बढ़ोतरी जो हमने युद्ध से पहले नहीं देखी थी।”
उसी प्रकार, भूतपूर्व युगोस्लाविया के अन्य युद्ध-ग्रस्त भागों में, यहोवा के साक्षियों ने तीव्र कठिनाइयों के बावजूद बढ़ोतरी का आनन्द उठाया है। यहोवा के साक्षियों के क्रोएशिया कार्यालय से साक्षियों के एक समूह के बारे में यह रिपोर्ट आती है: “वॆलिका क्लाडुशा में रहनेवाले भाइयों को बहुत ही कठिन समय का सामना करना पड़ा था। उस नगर पर अनेक अवसरों पर हमला किया गया था। भाइयों को क्रोएशियाई, सरबियाई और विभिन्न मुस्लिम सेनाओं को अपनी तटस्थता समझानी पड़ती थी। यह पक्की बात है, उन्हें बहुत कुछ सहना पड़ा था—क़ैद, मारपीट, भूख, मौत का ख़तरा। फिर भी, उनमें से सभी वफ़ादार रहे और उनके पास अपनी गतिविधियों पर यहोवा की आशीष को देखने का अनोखा विशेषाधिकार है।”
इन कठिनाइयों के बावजूद, वॆलिका क्लाडुशा और पड़ोस के बीहाक में अपने पड़ोसियों के साथ परमेश्वर का सांत्वना का संदेश उत्साहपूर्वक बाँटते वक़्त, यहोवा के साक्षी बढ़ोतरी का आनन्द निरन्तर ले रहे हैं। इन दो जगहों से कुल २६ राज्य प्रकाशक ३९ गृह बाइबल अध्ययन संचालित कर रहे हैं!