“यहोवा की ओर से एक शानदार उपहार”
मई १, १९९६ की प्रहरीदुर्ग में, मसीही तटस्थता और यहोवा और “कैसर” के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियों को कैसे संतुलित करें, इस पर गहरी चर्चा की गई थी। (मत्ती २२:२१) प्रदान की गई नई जानकारी के लिए मूल्यांकन की अनेक अभिव्यक्तियाँ सुनी गई हैं। उनमें से एक यह निम्नलिखित पत्र है, जो यूनान के एक साक्षी द्वारा लिखा गया और यहोवा के साक्षियों के शासी निकाय को सम्बोधित है:
“आप सभी प्रिय भाइयों को आध्यात्मिक रूप से हमारी इतनी अच्छी तरह परवाह करने के लिए मैं अपनी सबसे गहरी कृतज्ञता व्यक्त करना चाहता हूँ। अपने मसीही विश्वास के कारण जेल में क़रीब नौ वर्ष बिताने पर, मैं मई १, १९९६ की प्रहरीदुर्ग के अंक के शानदार विचारों का सचमुच मुल्यांकन करता हूँ। (यशायाह २:४) यह यहोवा की ओर से एक शानदार उपहार था।—याकूब १:१७.
“जब मैं इन लेखों का आनन्द ले रहा था, मैंने प्रहरीदुर्ग (अगस्त १, १९९४, पृष्ठ १३) में पहले की टिप्पणी को याद किया: ‘स्पष्टतया, कोमलता एक अनमोल गुण है, ऐसा गुण जो हमें यहोवा से और अधिक प्रेम करने के लिए प्रेरित करता है।’ जी हाँ भाइयों, मैं यहोवा का धन्यवाद करता हूँ कि मैं उसके कृपालु और प्रेममय संगठन का एक हिस्सा हूँ, जो स्पष्ट रूप से उसकी बुद्धि को प्रतिबिम्बित करता है।—याकूब ३:१७.
“मई १ की प्रहरीदुर्ग में बढ़े हुए प्रकाश का यहाँ यूनान में अच्छी तरह स्वागत हुआ है, ख़ासकर उन लोगों द्वारा जिन्होंने अपने विश्वास के कारण अनेक वर्ष जेल में काटे हैं या जो अब भी जेल में हैं। एक बार फिर आपका धन्यवाद। ऐसा हो कि यहोवा इन कठिन समयों में हमें मूल्यवान आध्यात्मिक भोजन देना जारी रखने के लिए अपनी आत्मा द्वारा आपको दृढ़ करे।”