एक ४०३-वर्षीय विवाह संकट में है
चर्च और राज्य ने, स्वीडन में, ४०० से भी अधिक वर्षों से निकट संबंध का आनंद उठाया है। अब धर्म तथा सरकार के बीच विवाह कमज़ोर होता जा रहा है।
वर्ष १५९३ में लूथरवाद एक राष्ट्र-धर्म के तौर पर स्थापित हुआ था, और सभी स्वीडन वासियों को बपतिस्मा-प्राप्त सदस्य होना था। वर्षों बाद, १८५० के दशक के दौरान, कुछ समायोजन किए गए। अब स्वीडन वासियों को बपतिस्मा लेने की कोई ज़रूरत नहीं थी; लेकिन, तब भी वे लूथरन चर्च के सदस्य माने जाते थे। वैसे तो, चर्च का ख़र्च चलाने और चर्च द्वारा की जानेवाली कुछ लोक सेवाओं का आर्थिक भार उठाने के लिए उनसे अपनी करदेय आमदनी का १ प्रतिशत देने की माँग की गई थी। हाल ही में एक और परिवर्तन हुआ। १९५२ के आरंभ में, स्वीडन वासी कानूनी तौर पर चर्च से निकल सकते थे और फलस्वरूप चर्च के कर का अधिकांश भाग देने से मुक्त होते थे।
हाल के वर्षों में लूथरन चर्च स्वीडन में अपनी पकड़ लगातार खोता जा रहा है। यह तो होना ही था, चूँकि स्वीडन के रहवासियों में से १० प्रतिशत लोग आप्रवासी हैं जो कि लूथरन नहीं हैं, और जिनमें यहूदी, कैथोलिक, और मुसलमान शामिल हैं। इस प्रकार, १९९६ के आरंभ में, केवल ८६ प्रतिशत स्वीडन वासी लूथरन चर्च के सदस्य थे, और यह संख्या लगातार घटती जा रही है।
यह बढ़ती उदासीनता चर्च और राष्ट्र के बीच दरार पैदा कर रही है। पहले ही, यह घोषणा की जा चुकी है कि राजा का लूथरन होना ज़रूरी नहीं, और लूथरन माँ-बाप के जन्में बच्चे अपने-आप ही लूथरन स्टेट चर्च के सदस्य नहीं माने जाते। इसके अलावा, द डैलस मॉर्निंग न्यूज़, के अनुसार सन् २००० तक, “स्थानीय पादरी के इलाके के लोगों को तथा राज्य को अत्यधिक मात्रा में जो संपत्ति है, उसका मूल्य निर्धारित कर विभाजित कर देना चाहिए। चर्च को अपना $१६८ करोड़ का सालाना बजट घटाना चाहिए, जो कि अधिकांशतः कर द्वारा वसूला जाता है।” इस शताब्दी की समाप्ति के बाद, चर्च स्वयं अपने बिशपों को नियुक्त करेगा।
जबकि उदासीनता तथा घटती सदस्यता मसीहीजगत पर आफ़त डाल रही है, यहोवा के साक्षी स्वीडन में लगातार बढ़ रहे हैं। १९९७ यहोवा के साक्षियों की वार्षिकी (अंग्रेज़ी) रिपोर्ट करती है कि उस देश में परमेश्वर के राज्य के २४,४८७ प्रकाशक हैं, और क़रीबन १० प्रतिशत लोग पूर्ण-समय के पायनियर सेवकों के तौर पर प्रचार कर रहे हैं। इनमें से कई सेवा के बड़े विशेषाधिकारों के लिए आगे बढ़ रहे हैं। उदाहरण के लिए, यहोवा के साक्षियों के १९९५ जिला अधिवेशनों के दौरान, २० विवाहित जोड़ों ने मिशनरी प्रशिक्षण के लिए वॉचटावर बाइबल स्कूल ऑफ़ गिलियड के लिए अर्ज़ी दी। उस समय स्वीडन के क़रीबन ७५ स्नातक पिछली कक्षाओं से थे जो संसार के विभिन्न भागों में मिशनरी सेवा कर रहे थे। निस्संदेह, उनके अच्छे उदाहरण और प्रोत्साहक पत्रों तथा भेंटों ने इन पर प्रेरक प्रभाव डाला है जो अभी इस बड़े विशेषाधिकार के बारे में विचार कर रहे हैं।
इस प्रकार, जहाँ मसीहीजगत के लाखों लोग टूटे हुए मनोबल से पीड़ित हो रहे हैं, वहीं यहोवा के साक्षी “हर्ष के मारे जयजयकार” कर रहे हैं।—यशायाह ६५:१३, १४.
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