राज्य उद्घोषक रिपोर्ट करते हैं
यहोवा के ईश्वरशासित संगठन की ओर भागना
बहुत पहले भविष्यवक्ता यशायाह को यह घोषणा करने की प्रेरणा मिली: ‘समुद्र के द्वीपों में यहोवा की महिमा करो।’ (यशायाह २४:१५) यहोवा के साक्षी समुद्र के द्वीपों को उस “जगत” का भाग समझते हैं जिसमें यीशु ने कहा ‘सुसमाचार प्रचार किया जाना’ था।—मत्ती २४:१४; मरकुस १३:१०.
मार्केज़ज द्वीप-समूह तहीती की उत्तरपूर्व दिशा में कुछ १,४०० किलोमीटर की दूरी पर है। वह दक्षिण प्रशांत में फ्रेंच पॉलीनेशिया नामक एक दूरवर्ती द्वीप-समूह का भाग है। उपजाऊ ज्वालामुखीय मिट्टी, और गर्म तथा आर्द्र मौसम के रहते, इन द्वीपों में वनस्पति फलती-फूलती है। लेकिन मॉर्केज़ज में एक अन्य क़िस्म का फल भी आ रहा है। हीवा ओआ द्वीप पर राज्य संदेश के प्रति प्रतिक्रिया दिखानेवाले एक परिवार का किस्सा लीजिए।
ज़ाँ और उसकी पत्नी, नाडीन पश्चिम यूरोप के तथाकथित सभ्य समाज से, जिसमें वे रहते थे, दुःखी थे। सो उन्होंने उस भाग-दौड़ के जीवन को अलविदा करने का और अपने बच्चे सहित मार्केज़ज द्वीप-समूह पर जाने का निर्णय किया। उनका नया घर, बाँस का बना था और एक दूरवर्ती घाटी के बीच था। सबसे पास रहनेवाले अपने पड़ोसियों तक पहुँचने के लिए, उन्हें एक ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी रास्ते पर दो घंटे चलना पड़ता था। सबसे पास का गाँव, जहाँ डॉक्टर, स्कूल और परचून की दुकान थी, जीप से तीन घंटे की दूरी पर था।
ज़ाँ और नाडीन को धर्म में दिलचस्पी नहीं थी। लेकिन, वे जीवन के उद्गम के बारे में चर्चाओं में भाग ज़रूर लेते थे। अकसर, वे विकासवाद के जटिल सिद्धांतों की लंबी-चौड़ी व्याख्या देते। लेकिन इनमें से किसी भी सिद्धांत से उन्हें संतुष्टि नहीं मिली।
छः साल अकेले रहने के बाद, जब दो यहोवा के साक्षी उनसे मिलने आए तो उन्हें आश्चर्य हुआ। साक्षियों को ज़ाँ और नाडीन का अता-पता पास के गाँववालों से मिला था। स्वाभाविक रूप से, बातचीत विकासवाद की चर्चा की ओर ले गयी। उस दंपति को ख़ुशी हुई, क्योंकि साक्षियों के पास यहोवा के साक्षियों द्वारा प्रकाशित किताब जीवन—यह यहाँ कैसे आया? क्रमविकास से या सृष्टि से? थी। ज़ाँ और नाडीन एक ऐसी किताब पाकर ख़ुश थे जो जीवन यहाँ कैसे आया इस पर एक विस्तृत जाँच प्रस्तुत करती है।
कुछ समय बाद एक बाइबल अध्ययन शुरू किया गया। क़रीब तीन वर्षों तक, ज़ाँ और नाडीन ने लगातार प्रगति की। उन्हें विश्वास हो गया कि जल्द ही पूरी पृथ्वी को एक परादीस बनाया जाएगा। उनके दो बच्चे और हुए, जिसके बाद राज्यगृह में मसीही सभाओं में उपस्थित होने के लिए चार घंटे यात्रा करना एक बड़ी चुनौती बन गयी। लेकिन, इस बात ने उन्हें उपस्थित होने से नहीं रोका। आख़िरकार, ज़ाँ और नाडीन ने पानी के बपतिस्मे से यहोवा के प्रति अपने समर्पण को चिन्हित किया। ऐसा उन्होंने एक अधिवेशन में किया जो मुख्य गाँव में आयोजित किया गया था, जहाँ की शिखर उपस्थिति थी ३८ लोग!
राज्य प्रकाशकों के इस छोटे समूह की मदद करने के लिए, उस परिवार ने अपने अलग-थलग घर को छोड़ने का निर्णय किया। वे क़रीब एक हज़ार की आबादीवाले एक गाँव में गए, जहाँ यहोवा के साक्षियों की स्थानीय कलीसिया में ज़ाँ अब एक सहायक सेवक के तौर पर सेवा करता है। यह परिवार, जो पहले लोगों की बस्ती से जी चुराकर द्वीपों की ओर भागा था, अब एकमात्र सच्चे आश्रय, यहोवा के ईश्वरशासित संगठन को पाना विशेषाधिकार समझता है।