अपने बच्चे का जीवन बचाइए!
माइकल और ऎलफ़ीना दक्षिण अफ्रीका में क्वाज़ूलू-नटाल की हरी-भरी पहाड़ियों के बीच एक ग्रामीण घाटी में रहते हैं। सात बच्चों का लालन-पालन करने में उन्होंने अनेक चुनौतियों का सामना किया। अपनी पत्नी के पूरे समर्थन के साथ, माइकल ने पिताओं को दी गयी बाइबल की आज्ञा का पालन करने की भरसक कोशिश की: “प्रभु की शिक्षा और अनुशासन में [अपने बच्चों का] पालन-पोषण करो।” (इफिसियों ६:४, NHT) लेकिन कभी-कभी समस्याएँ खड़ी हो जाती हैं।
उदाहरण के लिए, अफ्रीकी चरवाहे-लड़कों के लिए यह आम बात है कि अपने माता-पिताओं के मवेशियों को एकसाथ कर दें ताकि उन्हें इकट्ठे खेलने के लिए ज़्यादा समय मिले। कभी-कभी वे बदमाशी करने लगते हैं और ऐसी बातों पर चर्चा करते हैं जो उन्हें नहीं करनी चाहिए। जब माइकल के बेटे परिवार के मवेशी चराने जाते थे, तब वह उन्हें सख़्त हिदायतें देता कि अमुक बच्चों के साथ संगति न करें। (याकूब ४:४) फिर भी, काम से घर लौटते समय, वह कभी-कभी उन्हें उन्हीं की संगति में पाता। फलस्वरूप, उसे उन्हें अनुशासन देना पड़ता।—नीतिवचन २३:१३, १४.
क्या आप सोचते हैं कि माइकल अपने बच्चों के साथ बहुत सख़्त था? कुछ लोग ऐसा सोच सकते हैं, लेकिन यीशु मसीह ने कहा कि ‘ज्ञान अपने कामों से सच्चा ठहराया जाता है।’ (मत्ती ११:१९) माइकल और ऎलफ़ीना ने अपने घर में प्रेममय वातावरण बनाया, वे अपने बच्चों के साथ समय बिताते और उन्हें बाइबल वृत्तांत और सच्चाइयाँ सिखाते थे।
माइकल और ऎलफ़ीना की चार बेटियाँ हैं—टिमबकीली, सफ़ीवा, टॉलकॆली, और टिमबकानी। ये चारों ही परमेश्वर के राज्य के सुसमाचार की पूर्ण-समय प्रचारक हैं। उनके दो बेटे यहोवा के साक्षियों की कलीसियाओं में प्रिसाइडिंग ओवरसियरों के रूप में सेवा करते हैं। उनका तीसरा बेटा सहायक सेवक के रूप में सेवा करता है और उसकी पत्नी भी पूर्ण-समय की सुसमाचारक है।
बड़े परिवार वाले अनेक मसीही माता-पिताओं ने सफलता के साथ अपने बच्चों का पालन-पोषण किया है। लेकिन, ऐसे कुछ बच्चे जिन्हें माता-पिता ने अच्छी तरह पाला-पोसा होता है, सच्चाई को छोड़ देते हैं। इसमें संदेह नहीं कि उनके माता-पिता उड़ाऊ पुत्र के बारे में यीशु के दृष्टांत को मन में रखते हैं और इस आशा में जीते हैं कि उनका बेटा या बेटी पश्चाताप करेगा और अंततः उद्धार पाएगा।—लूका १५:२१-२४.
लेकिन, दुःख की बात है कि कुछ मसीही माता-पिता अपने सभी बच्चों को संसार के हाथों खो रहे हैं। यह अफ्रीका के कुछ भागों में ख़ासकर चिंता का विषय है जहाँ लगता है कि बच्चे किशोरावस्था में पहुँचने तक तो ठीक चलते हैं। फिर, जवानी में, वे शैतान के संसार के अनैतिक रास्तों में फँस जाते हैं। (१ यूहन्ना ५:१९) फलस्वरूप, अनेक पिता कलीसिया प्राचीन के रूप में सेवा करने के लिए योग्य नहीं ठहरते। (१ तीमुथियुस ३:१, ४, ५) स्पष्ट है, मसीही पिता को चाहिए कि अपने ख़ुद के घराने के उद्धार को बड़े महत्त्व का विषय समझे। सो, अपने बच्चों का जीवन बचाने के लिए माता-पिता क्या कर सकते हैं?
घनिष्ठ मित्र बनिए
यीशु न केवल परिपूर्ण था परंतु ज्ञान और अनुभव में किसी अन्य मनुष्य से कहीं अधिक श्रेष्ठ भी था। फिर भी, उसने अपने अपरिपूर्ण शिष्यों के साथ घनिष्ठ मित्रों की तरह व्यवहार किया। (यूहन्ना १५:१५) इसी कारण वे उसकी संगति में रहना चाहते थे और उसकी उपस्थिति में फले-फूले। (यूहन्ना १:१४, १६, ३९-४२; २१:७, १५-१७) माता-पिता इससे सीख सकते हैं। छोटे पौधों की तरह जिनकी पत्तियाँ गर्म धूप की ओर तनी होती हैं, बच्चे तब फलते-फूलते हैं जब घर में प्रेम और मैत्री का वातावरण होता है।
माता-पिताओ, क्या आपके बच्चे अपनी सभी चिंताओं को लेकर आपके पास आने में खुला महसूस करते हैं? क्या आप उनकी सुनते हैं? निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले, क्या आप उनके विचारों और भावनाओं को बाहर निकालते हैं ताकि बात को ज़्यादा अच्छी तरह समझ सकें? क्या आप उनके साथ बाइबल प्रकाशनों में छानबीन करने के द्वारा अमुक प्रश्नों के उत्तर ढूँढ़ने में धीरज के साथ उन्हें मदद देते हैं?
दक्षिण अफ्रीका की एक माँ बताती है: “जिस दिन से हमारी बेटी स्कूल जाने लगी हमने उसे प्रोत्साहन दिया कि दिन-भर की बातें बताए। उदाहरण के लिए, मैं पूछती: ‘आपने भोजन-अवकाश किसके साथ बिताया? मुझे अपनी नयी शिक्षिका के बारे में बताओ। वह कैसी दिखती हैं? इस सप्ताह के लिए क्या योजनाएँ बनायी गयी हैं?’ एक बार की बात है, हमारी बेटी ने घर आकर कहा कि अंग्रेज़ी की शिक्षिका कक्षा को एक फ़िल्म दिखाने ले जा रही हैं जिसके बारे में बाद में बच्चों को एक समीक्षा लिखनी होगी। फ़िल्म का नाम संदेहास्पद था। थोड़ी छानबीन करने पर हमें पता चला कि वह एक मसीही के लिए उपयुक्त नहीं होगी। हमारे परिवार ने मिलकर इस पर चर्चा की। अगले दिन हमारी बेटी शिक्षिका के पास गयी और उसे समझाया कि वह उस फ़िल्म को नहीं देखना चाहती है, क्योंकि उसमें दिखायी गयी बातें उसके मसीही विश्वासों से मेल नहीं खातीं। शिक्षिका ने इस पर फिर से विचार किया और बाद में हमारी बेटी का आभार मानते हुए कहा कि वह कक्षा को ऐसी फ़िल्म दिखाने नहीं ले जाना चाहती जिसके बारे में उसे पछताना पड़े।” इस दंपति ने अपनी बेटी के उद्धार में निरंतर जो दिलचस्पी दिखायी उसका अच्छा फल मिला। वह हँसमुख, सकारात्मक स्वभाव की है और अभी वॉच टावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी की दक्षिण अफ्रीका शाखा में एक स्वयंसेविका के रूप में कार्य कर रही है।
यीशु ने दूसरों के बच्चों के साथ व्यवहार करने में उत्तम उदाहरण रखा। उसने उनकी संगति का आनंद लिया। (मरकुस १०:१३-१६) माता-पिता को अपने ख़ुद के बच्चों के साथ मिलकर काम करने में कितना ख़ुश होना चाहिए! अफ्रीका के कुछ भागों में, पिता इसे शर्म की बात समझते हैं कि वे अपने पुत्रों के साथ गेंद या दूसरे खेल खेलते हुए देखे जाएँ। लेकिन एक मसीही पिता को कभी ख़ुद को इतना बड़ा नहीं समझना चाहिए कि वह अपने बच्चों के साथ काम करते हुए न देखा जाए। युवाओं को ऐसे माता-पिता की ज़रूरत होती है जो उनके साथ समय बिताने का आनंद लेते हैं। यह बच्चों के लिए अपनी चिंताएँ व्यक्त करना आसान बना देता है। जब ऐसी भावात्मक ज़रूरतों को पूरा नहीं किया जाता, तब बच्चे चिढ़ जाते हैं या सिमट जाते हैं, ख़ासकर यदि उन्हें बार-बार सुधारा जाता है।
पारिवारिक संबंधों के बारे में कुलुस्सियों को लिखते समय, पौलुस ने कहा: “हे बच्चेवालो, अपने बालकों को तंग न करो, न हो कि उन का साहस टूट जाए।” (कुलुस्सियों ३:२१) यह दिखा सकता है कि कभी-कभी संतुलन नहीं होता, बहुत अधिक अनुशासन और बहुत कम मित्रता होती है। इसकी संभावना अधिक है कि जिन बच्चों और किशोरों को प्रेम मिलता है और उनकी क़दर की जाती है वे ज़रूरी अनुशासन को स्वीकार करेंगे।
परमेश्वर के प्रति प्रेम
स्वयं प्रेम दिखाने का उदाहरण वह सबसे मूल्यवान विरासत है जो माता-पिता अपने बच्चों को दे सकते हैं। बच्चों को यह देखने और सुनने की ज़रूरत है कि उनके माता-पिता परमेश्वर के प्रति सच्चा प्रेम व्यक्त करते और दिखाते हैं। एक युवक जो वॉच टावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी की दक्षिण अफ्रीका शाखा में सेवा करता है, यह बताता है: “जब मैं छोटा था, मैं घर के काम में अपने पिता का हाथ बँटाता था। मुझे उनकी मदद करने में मज़ा आता था, क्योंकि मैं जो थोड़ा-बहुत करता था उसकी पापा बड़ी क़दर करते थे। वह उस समय का लाभ उठाकर मुझे यहोवा के बारे में कई बातें बताते थे। उदाहरण के लिए, मुझे याद है वह शनिवार जब हम बड़ी मेहनत से बाग़ीचे की घास काट रहे थे। बहुत गर्मी थी। पापा को पसीना आ रहा था, सो मैं भागकर गया और दो ग्लास पानी में बर्फ़ डालकर ले आया। पापा ने कहा: ‘बेटे, क्या आप देख सकते हो कि यहोवा कितना बुद्धिमान है? बर्फ़ पानी पर तैरती है। यदि यह डूब जाए, तो झीलों और तालाबों की तह के सारे जीव मर जाएँ। इसके विपरीत, बर्फ़ रोधक आवरण के रूप में काम करती है! क्या यह हमें यहोवा को और अच्छी तरह जानने में मदद नहीं देता?’a बाद में, जब मुझे तटस्थता बनाए रखने के लिए क़ैद हुई, तब मेरे पास सोचने के लिए समय था। अपनी क़ैद कोठरी में एक रात हताश अवस्था में, मैंने पापा के उन शब्दों को याद किया। वे कितने अर्थपूर्ण थे! कर सकूँ तो मैं हमेशा तक यहोवा की उपासना करूँगा।”
जी हाँ, बच्चों को अपने माता-पिता के हर काम में परमेश्वर के प्रति प्रेम झलकता हुआ दिखना चाहिए। परमेश्वर के प्रति प्रेम और स्वैच्छिक आज्ञाकारिता को ख़ासकर मसीही सभाओं में उपस्थिति, क्षेत्र सेवकाई में सहभागिता, और पारिवारिक बाइबल पठन और अध्ययन के पीछे प्रेरक बल के रूप में दिखना चाहिए। (१ कुरिन्थियों १३:३) सबसे महत्त्वपूर्ण, परमेश्वर के प्रति प्रेम हार्दिक पारिवारिक प्रार्थनाओं में झलकना चाहिए। अपने बच्चों को ऐसी विरासत देना बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। इसी कारण इस्राएलियों को आज्ञा दी गयी थी: “तू अपने परमेश्वर यहोवा से अपने सारे मन, और सारे जीव, और सारी शक्ति के साथ प्रेम रखना। और ये आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं वे तेरे मन में बनी रहें; और तू इन्हें अपने बालबच्चों को समझाकर सिखाया करना, और घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते, उठते, इनकी चर्चा किया करना।”—व्यवस्थाविवरण ६:५-७. मत्ती २२:३७-४० से तुलना कीजिए।
परमेश्वर से प्रेम करने और उसकी आज्ञा मानने में एक बड़ी बाधा है हमारा जन्मजात पापमय स्वभाव। (रोमियों ५:१२) इसलिए, बाइबल यह आज्ञा भी देती है: “हे यहोवा के प्रेमियो, बुराई से घृणा करो।” (भजन ९७:१०) बुरे विचार प्रायः बुरे कार्यों की ओर ले जाते हैं। इनसे बचने के लिए, बच्चे को एक और अत्यावश्यक गुण विकसित करने की भी ज़रूरत है।
परमेश्वर का भय
प्रेम साथ ही यहोवा को अप्रसन्न करने का श्रद्धामय भय बहुत चाहनीय है। स्वयं यीशु मसीह ने हमारे लिए उस व्यक्ति के रूप में परिपूर्ण उदाहरण रखा जिसने ‘यहोवा के भय’ में आनंद मनाया। (यशायाह ११:१-३) ऐसा भय अत्यावश्यक है जब बच्चा जवान होने लगता है और उसमें प्रबल लैंगिक कामनाएँ उठने लगती हैं। परमेश्वर का भय युवा को ऐसे सांसारिक दबावों का विरोध करने में मदद दे सकता है जो अनैतिक आचरण की ओर ले जा सकते हैं। (नीतिवचन ८:१३) कुछ समुदायों में, माता-पिता अपने बच्चों को यह सिखाने से कतराते हैं कि लैंगिक प्रलोभनों का सामना कैसे करें। असल में, कई लोग यह महसूस करते हैं कि इन बातों पर चर्चा करना ग़लत है। लेकिन माता-पिता की ओर से ऐसी लापरवाही का क्या परिणाम निकला है?
बूगा, आमॉको, और ट्सायीयाना नाम के तीन चिकित्सा विशेषज्ञों ने दक्षिण अफ्रीका, ट्रान्सके में ग्रामीण इलाक़ों से १,७०२ लड़कियों और ९०३ लड़कों का सर्वेक्षण किया। दक्षिण अफ्रीका चिकित्सा पत्रिका (अंग्रेज़ी) ने रिपोर्ट किया कि “इस सर्वेक्षण में ७६% लड़कियाँ और ९०.१% लड़के लैंगिक संबंध रख चुके थे।” लड़कियों की औसत आयु १५ वर्ष थी, और बहुतों के साथ ज़बरदस्ती संभोग किया गया था। उनमें से २५० से अधिक लड़कियाँ एक या अधिक बार गर्भधारण कर चुकी थीं। एक और परिणाम था लैंगिक रूप से फैलनेवाली बीमारियों की ऊँची दर।
प्रत्यक्षतः, अनेक माता-पिता अपने बच्चों को यह सिखाने की ज़रूरत नहीं देखते कि विवाहपूर्व सॆक्स से कैसे दूर रहें। इसके बजाय, उक्त पत्रिका बताती है: “ग्रामीण ट्रान्सके समाज में जनन और मातृत्व नारीत्व के अति मूल्यवान गुण हैं, और यौवनारंभ के बाद लड़कियाँ इसे जल्द ही समझ लेती हैं।” यही समस्या संसार के अन्य भागों में भी बतायी जाती है।
अफ्रीका में अनेक युवा अपने माता-पिता पर इसका दोष लगा रहे हैं कि वे उन्हें अपनी लैंगिकता को समझने में मदद नहीं देते। कुछ मसीही माता-पिताओं ने शर्म के कारण पुस्तक आपकी युवावस्था—इसका पूरा लाभ उठाना (अंग्रेज़ी) का प्रयोग नहीं किया है।b पृष्ठ २०-३ पर, यह सॆक्स अंगों के आदरणीय प्रयोग और यौवनारंभ के समय होनेवाले बदलावों के बारे में बताती है।
जो मसीही माता-पिता अपने बच्चों के साथ सॆक्स के बारे में परमेश्वर के दृष्टिकोण पर चर्चा करने का प्रयास करते हैं उनकी सराहना की जानी चाहिए। बातों को समझने की बच्चे की क्षमता के अनुसार, इस विषय को धीरे-धीरे बताना सबसे अच्छा तरीक़ा है। बच्चे की उम्र जैसी बात को ध्यान में रखते हुए, माता-पिता को शरीर के अंगों और उनके कार्यों के बारे में बताते समय स्पष्ट होने की ज़रूरत हो सकती है। नहीं तो, अनुभवहीन युवा को शायद समझ न आए कि क्या कहा जा रहा है।—१ कुरिन्थियों १४:८, ९.
दक्षिण अफ्रीका का एक पिता, जिसकी दो बेटियाँ और एक बेटा है, यह बताता है: “कई बार, मुझे लैंगिक बातों के नाज़ुक विषय पर बेटियों से भी बात करने के अवसर मिले। लेकिन, मेरी पत्नी ने हमारी बेटियों पर ख़ास ध्यान दिया, और आपकी युवावस्था—इसका पूरा लाभ उठाना पुस्तक को प्रयोग किया। [पृष्ठ २६-३१ देखिए।] जब मेरा बेटा १२ साल का था, तब मैंने उसे पहाड़ों पर एक लंबी सैर के लिए ले जाने का फ़ैसला किया। उस अवसर पर, हमने लड़के के शरीर के विकास पर और आगे चलकर विवाह में इसके ख़ास उद्देश्य पर विस्तार से बात की। मैंने हस्तमैथुन की गंदी आदत से दूर रहने की ज़रूरत के बारे में भी उसके साथ चर्चा की और उसे बताया कि लड़कियों को सम्मान और आदर से देखे—जैसे वह अपनी माँ और बहनों को देखता है।”
आनंदकर प्रतिफल
उक्त माता-पिता ने बड़ी मेहनत की और ख़ुश हैं कि उन्हें अपने तीन बच्चों का पालन-पोषण करने में अच्छे फल मिले। अब वे तीनों सयाने हो चुके हैं और विश्वासी मसीहियों से विवाहित हैं। उनका बेटा और दोनों दामाद मसीही कलीसिया में प्राचीनों के रूप में सेवा करते हैं, और उनमें से दो दंपति कई सालों से पूर्ण-समय सुसमाचार प्रचार का काम कर रहे हैं।
जी हाँ, जो माता-पिता अपने घराने के उद्धार के लिए मेहनत करते हैं वे उन बच्चों की ओर से आनंदकर प्रतिफल की अपेक्षा कर सकते हैं जो ऐसी बाइबल शिक्षा को अपनाने का चुनाव करते हैं, क्योंकि नीतिवचन २३:२४, २५ (NHT) कहता है: “जो बुद्धिमान पुत्र को जन्म देता है, वह उसके कारण मग्न होगा। तेरे माता-पिता तेरे कारण प्रसन्न हों।” इस लेख की शुरूआत में उल्लिखित बड़े परिवार पर विचार कीजिए। “मेरे बच्चों ने जो आध्यात्मिक प्रगति की है जब मैं उसके बारे में सोचती हूँ,” ऎलफ़ीना कहती है, “मेरा दिल ख़ुशी से झूम उठता है।” ऐसा हो कि सभी मसीही माता-पिता इस सुखद प्रतिफल को पाने के लिए मेहनत करें।
[फुटनोट]
a जैसे-जैसे पानी हिमांक पर पहुँचता है, वैसे-वैसे उसका घनत्व कम होता जाता है और वह सतह पर उठने लगता है। वॉचटावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी द्वारा प्रकाशित, जीवन—यह यहाँ कैसे आया? क्रमविकास से या सृष्टि से?, (अंग्रेज़ी) पुस्तक के पृष्ठ १३७-८ देखिए।
b वॉचटावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी द्वारा प्रकाशित, युवाओं के प्रश्न—व्यावहारिक उत्तर (अंग्रेज़ी) भी देखिए।
[पेज 23 पर तसवीर]
पिता जीवन की सच्चाइयाँ समझाने के लिए सही समय-स्थान का प्रबंध कर सकता है