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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1997
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एक छिपा ख़ज़ाना बाहर निकलता है

माकारयॉस बाइबल की कहानी

सन्‌ १९९३ में एक शोधकर्ता ने सेंट पीटर्सबर्ग की रशियन नैशनल लाइब्रेरी में पुरानी, और पीली पड़ गयीं ऑर्थोडॉक्स रिव्यू पत्रिकाओं का ढेर पाया। सन्‌ १८६० से १८६७ की पत्रिकाओं के पन्‍नों पर एक ख़ज़ाना था जिसे रूस की जनता से एक शताब्दी से भी ज़्यादा समय तक छिपाया गया था। यह बाइबल के सारे इब्रानी शास्त्र, या “पुराने नियम” का रूसी भाषा में अनुवाद था!

इस शास्त्र के अनुवादक थे मिखाइल याकोव्लियिच ग्लुखारॆफ, जिसे मठाधीश माकारयॉस के नाम से जाना जाता था और जिरास्यिम पित्रॉव्यिच पावस्की। दोनों रशियन ऑर्थोडॉक्स चर्च के प्रमुख सदस्य साथ ही भाषा के विद्वान थे। जब इन व्यक्‍तियों ने पिछली शताब्दी की शुरूआत में अपना काम शुरू किया, तब तक पूरी बाइबल रूसी भाषा में नहीं छपी थी।

हाँ, बाइबल स्लावोनिक भाषा में थी, जो भाषा आज की रूसी भाषा से पहले बोली जाती थी। लेकिन, १९वीं शताब्दी के मध्य भाग तक, लंबे अरसे से स्लावोनिक भाषा का प्रयोग बंद हो चुका था। केवल इसे धर्म-सभाओं में पादरियों द्वारा इस्तेमाल किया जाता था। ऐसी ही स्थिति पश्‍चिम में रही थी, जहाँ रोमन कैथोलिक चर्च ने लैटिन भाषा का आम प्रयोग ख़त्म होने के लंबे अरसे बाद तक बाइबल को केवल लैटिन भाषा में रखने की कोशिश की।

माकारयॉस और पावस्की ने आम लोगों तक बाइबल पहुँचाने की कोशिश की। इसीलिए, उनके भूले-बिसरे काम का पता लगने से, रूस की साहित्यिक और धार्मिक विरासत के एक महत्त्वपूर्ण भाग को बहाल करना संभव हुआ है।

लेकिन, माकारयॉस और पावस्की थे कौन? और बाइबल को लोगों की आम भाषा में अनुवादित करने की उनकी कोशिशों का इतना विरोध क्यों किया गया? उनकी कहानी बाइबल के सभी प्रेमियों के लिए आकर्षक साथ ही विश्‍वास मज़बूत करनेवाली है।

रूसी बाइबल की ज़रूरत

लोगों की आम भाषा में बाइबल होने की ज़रूरत को समझनेवाले माकारयॉस और पावस्की पहले व्यक्‍ति नहीं थे। सौ साल पहले, रूस के सम्राट पीटर प्रथम, या पीटर महान ने भी यह ज़रूरत समझी। महत्त्व की बात है कि वह पवित्र शास्त्र का आदर करता था और हवाला दिया गया है कि उसने कहा: “बाइबल ऐसी किताब है जो बाक़ी सब किताबों से श्रेष्ठ है और परमेश्‍वर तथा अपने पड़ोसी के प्रति मनुष्य के कर्त्तव्य के बारे में इसमें हर बात है।”

इसलिए, १७१६ में पीटर ने अपने राजसी दरबार को आज्ञा दी कि ऐमस्टरडैम में बाइबल छापी जाए। और इसका ख़र्च उसने ख़ुद उठाया। हर पन्‍ने पर रूसी पाठ और डच पाठ का एक-एक स्तंभ होना था। केवल एक साल बाद, १७१७ में मसीही यूनानी शास्त्र या “नया नियम” का भाग तैयार था।

सन्‌ १७२१ तक इब्रानी शास्त्र का चार खंड का अनुवाद भी छापा जा चुका था, जिसमें केवल डच भाग था। एक स्तंभ खाली रखा गया, जिसे बाद में रूसी पाठ से भर दिया जाता। पीटर ने रशियन ऑर्थोडॉक्स चर्च की सबसे बड़ी धार्मिक अधिकारी, “पवित्र धर्मसभा” को बाइबलें सौंप दीं ताकि वह छपाई को अंतिम रूप दे और वितरण का काम सँभाले। लेकिन धर्मसभा ने कुछ नहीं किया।

इसके बाद चार साल भी पूरे नहीं हुए कि पीटर की मृत्यु हो गयी। उसकी बाइबलों का क्या हुआ? रूसी पाठ के लिए बनाए गए खाली स्तंभ कभी भरे नहीं गए। उन ढेरों बाइबलों को तहख़ाने में रख दिया गया, जहाँ वे सड़ती रहीं—बाद में उनमें से एक भी बाइबल सही-सलामत नहीं मिल सकी! धर्मसभा का निर्णय था कि “जो कुछ बचा था वह व्यापारियों को बेच दिया जाए।”

अनुवाद की कोशिश शुरू होती है

सन्‌ १८१२ में, ब्रिटिश एण्ड फॉरॆन बाइबल सोसाइटी का एक सदस्य, जॉन पैटरसन रूस आया। पैटरसन ने एक बाइबल सोसाइटी बनाने में सेंट पीटर्सबर्ग के बुद्धिजीवियों की दिलचस्पी जगायी। दिसंबर ६, १८१२ के दिन, ज़ार अलॆक्जैंडर प्रथम ने रशियन बाइबल सोसाइटी के लिए एक घोषणापत्र को स्वीकृति दे दी। यह वही साल था जब रूस की सेना ने नेपोलियन प्रथम के चढ़ाई करने आ रहे सैनिकों को खदेड़ दिया था। सन्‌ १८१५ में उस सम्राट ने संस्था के सभापति, प्रिंस एल्यिकसांदर गल्यीतसिन को आज्ञा दी कि संचालन करनेवाली धर्मसभा को सुझाव दें कि “रूसियों को भी अपनी रूसी मातृभाषा में परमेश्‍वर का वचन पढ़ने का मौक़ा मिलना चाहिए।”

क़ाबिल-ए-तारीफ़ बात हुई, इब्रानी शास्त्र को सीधे मूल इब्रानी से रूसी भाषा में अनुवाद करने की स्वीकृति दी गयी। प्राचीन यूनानी सॆप्टुअजॆंट, स्लावोनिक भाषा में इब्रानी शास्त्र के अनुवादों का आधार रह चुका था। जो रूसी भाषा में बाइबल अनुवाद करनेवाले थे उनसे कहा गया कि इस अनुवाद के मुख्य सिद्धांत यथार्थता, स्पष्टता और शुद्धता होने थे। बाइबल को रूसी भाषा में पेश करने के लिए की गयी इन शुरूआती कोशिशों का क्या हुआ?

बाइबल अनुवाद का अंत?

चर्च और सरकार, दोनों के रूढ़िवादी तत्त्व, जल्द ही विदेशी धार्मिक और राजनीतिक प्रभाव के बारे में सतर्क हो गए। चर्च के कुछ अगुओं ने यह भी दावा किया कि जिस स्लावोनिक भाषा को चर्च में उपासना के लिए इस्तेमाल किया जाता है, वह बाइबल के संदेश को रूसी भाषा से बेहतर व्यक्‍त करती है।

इस प्रकार १८२६ में रशियन बाइबल सोसाइटी को रद्द कर दिया गया। बाइबल सोसाइटी द्वारा बनायी गयीं अनुवाद की कई हज़ार प्रतियाँ जला दी गयीं। जिसके परिणामस्वरूप, बाइबल का महत्त्व रीत-रिवाजों और परंपरा के सामने घट गया। रोमन कैथोलिक चर्च द्वारा रखे गए उदाहरण पर चलकर, इस धर्मसभा ने १८३६ में आदेश दिया: “किसी भी आम भक्‍त को शास्त्र सुनने की अनुमति है, लेकिन किसी को भी यह अनुमति नहीं है कि शास्त्र के, ख़ासकर पुराने नियम के कुछ भाग बिना किसी के मार्गदर्शन के पढ़े।” ऐसा लगा कि बाइबल के अनुवाद-कार्य का अंत हो चुका था।

पावस्की का काम

इसी दौरान, इब्रानी भाषा के प्रोफ़ॆसर, जिरास्यिम पावस्की ने इब्रानी शास्त्र को रूसी भाषा में अनुवाद करने का बीड़ा उठाया। सन्‌ १८२१ में उसने भजन संहिता का अनुवाद ख़त्म किया। सम्राट ने तुरंत उसे स्वीकृति दे दी और जनवरी १८२२ तक भजन संहिता की किताब जनता के लिए प्रकाशित की जा चुकी थी। उसे तुरंत स्वीकृति मिली और १२ बार उसे फिर से छापा गया—कुल मिलाकर १,००,००० प्रतियाँ हुईं!

पावस्की ने अपनी विद्वत्तापूर्ण कोशिशों से अनेक भाषा के विद्वानों और धर्मविज्ञानियों का आदर जीता। उसे एक सीधा-सच्चा इंसान बताया जाता है जिस पर उन साज़िशों का कोई असर नहीं हुआ जिनसे वह घिरा हुआ था। रशियन बाइबल सोसाइटी के प्रति चर्च का विरोध और कुछ लोगों का यह महसूस करना कि यह सोसाइटी विदेशियों के हित में है, इस सब के बावजूद प्रोफ़ॆसर पावस्की ने अपने लेक्चरों में बाइबल आयतों का रूसी भाषा में अनुवाद जारी रखा। उसकी क़दर करनेवाले विद्यार्थियों ने हाथ से उसके अनुवाद लिखे और कुछ समय बाद वे उसकी रचना का संकलन कर सके। सन्‌ १८३९ में उन्होंने अकादमी प्रॆस में १५० प्रतियाँ प्रकाशित करने का साहस किया, और यह उन्होंने सेंसर अधिकारियों की अनुमति के बिना किया।

पावस्की के अनुवाद ने पाठकों पर बहुत गहरा प्रभाव डाला, और उसकी माँग बढ़ती गयी। लेकिन १८४१ में धर्मसभा को इस अनुवाद के “ख़तरे” के बारे में एक अनजान शिकायत की गयी और दावा किया गया कि यह अनुवाद ऑर्थोडॉक्स मत से भटक गया था। दो साल बाद इस धर्मसभा ने एक आदेश जारी किया: “पुराने नियम के जी. पावस्की के अनुवाद की सभी मौजूदा हस्तलिखित और अश्‍ममुद्रित प्रतियों को ज़ब्त किया जाए और नष्ट किया जाए।”

परमेश्‍वर के नाम की महिमा करना

इस सब के बावजूद, पावस्की ने बाइबल अनुवाद-कार्य में दिलचस्पी फिर से जगा दी थी। उसने एक और महत्त्वपूर्ण मसले पर भावी अनुवादकों के लिए एक ज़रूरी मिसाल भी रखी, वह मसला था—परमेश्‍वर का नाम।

रूस के शोधकर्ता कॉरसूनस्की ने बताया: ‘परमेश्‍वर का अपना नाम, उसके सब नामों में सबसे पवित्र, चार इब्रानी अक्षरों יהוה से बना है और अब इसे यहोवा उच्चारित किया जाता है।’ बाइबल की पुरानी प्रतियों में परमेश्‍वर का यह विशिष्ट नाम इब्रानी शास्त्र में ही हज़ारों बार आता है। लेकिन, यहूदियों ने यह मानने की ग़लती की कि परमेश्‍वर का नाम इतना पवित्र है कि उसे लिखा या उच्चारित नहीं किया जाना चाहिए। इस बारे में कॉरसूनस्की ने कहा: ‘बोली या लेखन में, इसकी जगह आम तौर पर अदोनाइ का प्रयोग होता था, जिस शब्द का आम तौर पर अनुवाद “प्रभु” किया जाता है।’

यह बात स्पष्ट है कि परमेश्‍वर का नाम इस्तेमाल करना छोड़ देने के पीछे अंधविश्‍वास भरा भय था—न कि परमेश्‍वर के लिए श्रद्धा। बाइबल खुद कहीं भी परमेश्‍वर के नाम को इस्तेमाल करने से निरुत्साहित नहीं करती। परमेश्‍वर ने खुद मूसा से कहा: “तू इस्राएलियों से यह कहना, कि तुम्हारे पितरों का परमेश्‍वर, . . . यहोवा, उसी ने मुझ को तुम्हारे पास भेजा है। देख, सदा तक मेरा नाम यही रहेगा, और पीढ़ी पीढ़ी में मेरा स्मरण इसी से हुआ करेगा।” (निर्गमन ३:१५) बार-बार, शास्त्र उपासना करनेवालों से आग्रह करता है: “यहोवा की स्तुति करो, उस से प्रार्थना करो।” (यशायाह १२:४) फिर भी, अधिकांश बाइबल अनुवादकों ने यहूदी परंपरा पर चलने और परमेश्‍वर के नाम का इस्तेमाल न करने का चुनाव किया।

लेकिन, पावस्की इन परंपराओं पर नहीं चला। उसके भजन संहिता के अनुवाद में ही, यहोवा नाम ३५ से ज़्यादा बार आता है। उसके साहस का उसी के समय में जीनेवाले एक व्यक्‍ति पर बड़ा प्रभाव होनेवाला था।

मठाधीश माकारयॉस

यह व्यक्‍ति था मठाधीश माकारयॉस, एक रशियन ऑर्थोडॉक्स मिशनरी जिसके पास भाषा-संबंधी आश्‍चर्यजनक कला थी। सात साल की छोटी उम्र में, वह रूसी भाषा के छोटे-छोटे पाठों को लैटिन में अनुवाद कर सकता था। बीस साल की उम्र तक उसने इब्रानी, जर्मन और फ्राँसीसी भाषाएँ सीख ली थीं। लेकिन, नम्र मनोवृत्ति और परमेश्‍वर के सामने अपनी ज़िम्मेदारी के तीव्र एहसास ने उसे अति विश्‍वास के फँदे से दूर रहने में मदद की। उसने निरंतर अन्य भाषाज्ञानियों और विद्वानों से सलाह माँगी।

माकारयॉस रूस में मिशनरी कार्य को नया रूप देना चाहता था। वह महसूस करता था कि रूस में मसीहियत मुसलमानों और यहूदियों तक पहुँचायी जाने से पहले, चर्च के लिए “रूसी भाषा में बाइबल बाँटना और स्कूल स्थापित करके जनता में प्रकाश फैलाना” ज़रूरी था। मार्च १८३९ में, माकारयॉस सेंट पीटर्सबर्ग में इस आशा के साथ आया कि उसे रूसी भाषा में इब्रानी शास्त्र का अनुवाद करने की अनुमति मिलेगी।

माकारयॉस बाइबल की यशायाह और अय्यूब की किताबें पहले ही अनुवादित कर चुका था। लेकिन, धर्मसभा ने उसे इब्रानी शास्त्र का अनुवाद रूसी भाषा में करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। असल में, माकारयॉस से कहा गया कि वह इब्रानी शास्त्र को रूसी भाषा में अनुवाद करने के विचार को ही अपने दिमाग़ से निकाल दे। धर्मसभा ने अप्रैल ११, १८४१ की तारीख़ को आदेश जारी किया, और माकारयॉस को आदेश दिया कि “तोमस्क के बिशप के घर में तीन-से-छः हफ़्ते का प्रायश्‍चित करे ताकि प्रार्थना और श्रद्धापूर्ण नमन से अपने अंतःकरण को शुद्ध करे।”

माकारयॉस की साहसी स्थिति

दिसंबर १८४१ से जनवरी १८४२ तक, माकारयॉस ने अपना प्रायश्‍चित पूरा किया। लेकिन एक बार जब वह पूरा हो गया, तो उसने तुरंत बाक़ी के इब्रानी शास्त्र का अनुवाद करना शुरू कर दिया। उसने इब्रानी शास्त्र के पावस्की के अनुवाद की एक प्रति हासिल की थी और उसे अपना अनुवाद जाँचने के लिए इस्तेमाल किया। पावस्की की तरह उसने भी परमेश्‍वर का नाम छिपाया नहीं। असल में, माकारयॉस अनुवाद में यहोवा नाम ३,५०० से भी ज़्यादा बार आता है!

माकारयॉस ने अपनी रचना की प्रतियाँ हमदर्द दोस्तों को भेजीं। हालाँकि कुछ हस्तलिखित प्रतियों का वितरण हुआ, चर्च ने उसकी रचना के प्रकाशित होने पर रोक लगाए रखी। माकारयॉस ने विदेश में अपनी बाइबल को बढ़ावा देने की योजना बनायी। उसकी रवानगी की पिछली शाम को वह बीमार पड़ गया और फिर कुछ ही समय बाद, १८४७ के साल में उसकी मौत हो गयी। उसका बाइबल अनुवाद उसके जीवनकाल में कभी प्रकाशित नहीं हुआ।

आख़िरकार प्रकाशित!

आख़िरकार, राजनीतिक और धार्मिक हवाओं की दिशा बदली। एक नया उदारवाद सारे देश में फैल गया, और १८५६ में धर्मसभा ने एक बार फिर रूसी भाषा में बाइबल के अनुवाद की स्वीकृति दी। इस बेहतर माहौल में, १८६० और १८६७ के बीच ऑर्थोडॉक्स रिव्यू में माकारयॉस बाइबल को भागों में प्रकाशित किया गया। और इसका शीर्षक था रूसी भाषा में अनुवाद का एक परीक्षण।

चर्नीगफ़ के आर्चबिशप फीलारे ने, जो रूस के धार्मिक साहित्य का विद्वान था, माकारयॉस बाइबल के बारे में यह राय दी: “उसका अनुवाद इब्रानी पाठ के अनुसार है, और अनुवाद की भाषा शुद्ध है और विषय पर ठीक बैठती है।”

लेकिन, माकारयॉस बाइबल कभी-भी आम जनता के लिए प्रकाशित नहीं की गयी। असल में, इसे लगभग पूरी तरह भुला दिया गया। सन्‌ १८७६ में, इब्रानी शास्त्र और यूनानी शास्त्र के साथ पूरी बाइबल को धर्मसभा की स्वीकृति से आख़िरकार रूसी भाषा में अनुवादित किया गया। इस संपूर्ण बाइबल को अकसर धर्मसभा का अनुवाद कहा जाता है। विडंबना यह है कि माकारयॉस अनुवाद, साथ ही पावस्की अनुवाद इस “स्वीकृत” रशियन ऑर्थोडॉक्स चर्च अनुवाद का मुख्य आधार बना। लेकिन परमेश्‍वर का नाम इब्रानी भाषा में जिन जगहों पर आता है, उनमें से कुछ ही जगहों पर इसे इस्तेमाल किया गया था।

आज की माकारयॉस बाइबल

सन्‌ १९९३ तक माकारयॉस बाइबल छिपी रही। जैसे शुरूआत के शब्दों में बताया गया है, उस समय पुरानी ऑर्थोडॉक्स रिव्यू पत्रिकाओं में इसकी एक प्रति पायी गयी जो रशियन नैशनल लाइब्रेरी के दुर्लभ किताबों के विभाग में थीं। यहोवा के साक्षियों ने इस बाइबल को जनता तक पहुँचाने के महत्त्व को समझा। इस लाइब्रेरी ने रूस में यहोवा के साक्षियों के धार्मिक संगठन को अनुमति दी ताकि माकारयॉस बाइबल की प्रति को ऐसा बनाएँ जिससे इसे प्रकाशन के लिए तैयार किया जा सके।

यहोवा के साक्षियों ने उसके बाद प्रबंध किया कि इस बाइबल की लगभग ३,००,००० प्रतियाँ इटली में छापी जाएँ और सारे रूस और अनेक अन्य देशों में भेजी जाएँ जहाँ रूसी भाषा बोली जाती है। अधिकांश इब्रानी शास्त्र के माकारयॉस अनुवाद के अलावा, बाइबल के इस संस्करण में भजन संहिता का पावस्की अनुवाद साथ ही ऑर्थोडॉक्स चर्च द्वारा अधिकार-प्राप्त धर्मसभा का यूनानी शास्त्र का अनुवाद है।

इस साल जनवरी में, इसे सेंट पीटर्सबर्ग, रूस में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान प्रकाशित किया गया। (पृष्ठ २६ देखिए।) रूसी पाठक इस नयी बाइबल से निश्‍चय ही प्रकाश पाएँगे और आध्यात्मिक व नैतिक रूप से विकसित होंगे।

इस प्रकार इस बाइबल का प्रकाशन एक धार्मिक और साहित्यिक विजय है! यह यशायाह ४०:८ के इन शब्दों की सच्चाई की याद दिलाता है, जिससे हमारा विश्‍वास भी मज़बूत होता है: “घास तो सूख जाती, और फूल मुर्झा जाता है; परन्तु हमारे परमेश्‍वर का वचन सदैव अटल रहेगा।”

[पेज 26 पर बक्स]

बाइबल को समीक्षकों की सराहना मिलती है

“एक और यादगार साहित्य प्रकाशित किया गया है: माकारयॉस बाइबल।” इस भूमिका के साथ, कॉमसॉमॉल्सकॉया प्रावदा समाचार-पत्र ने माकारयॉस बाइबल के प्रकाशन की घोषणा की।

यह कहने के बाद कि कुछ “१२० साल पहले,” पहली बार बाइबल रूसी भाषा में प्रकाशित हुई, इस पत्र ने यह शोचनीय बात कही: “कई सालों तक चर्च पवित्र किताबों का सरल भाषा में अनुवाद करने का विरोध करता था। अनेक अनुवादों को ठुकराने के बाद, चर्च आख़िरकार १८७६ में एक अनुवाद से सहमत हुआ, और वह धर्मसभा के अनुवाद के नाम से प्रसिद्ध हुआ। लेकिन, चर्च के अंदर इसकी अनुमति नहीं दी गयी। आज के दिन तक, वहाँ केवल स्लावोनिक भाषा की बाइबल स्वीकार की जाती है।”

समाचार-पत्र सेंट पीटर्सबर्ग इको ने भी माकारयॉस बाइबल प्रकाशित करने के महत्त्व को स्पष्ट किया, और कहा: “सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी, हर्त्सन पॆडागॉजिकल यूनिवर्सिटी, और स्टेट म्यूज़ियम ऑफ़ रिलिजीयस हिस्ट्री के जाने-माने विद्वानों ने बाइबल के इस नए संस्करण की बहुत तारीफ़ की है।” पिछली शताब्दी के पहले भाग में माकारयॉस और पावस्की द्वारा रूसी भाषा में बाइबल के अनुवाद की ओर इशारा करते हुए, समाचार-पत्र ने कहा: “उस समय तक, रूस में बाइबल केवल स्लावोनिक भाषा में ही पढ़ी जा सकती थी, जिसे केवल पादरीवर्ग के सदस्य ही समझ सकते थे।”

यहोवा के साक्षियों द्वारा माकारयॉस बाइबल के प्रकाशन की रिपोर्ट, इस साल की शुरूआत में सेंट पीटर्सबर्ग के एक संवाददाता सम्मेलन में दी गयी थी। वहाँ के दैनिक पत्र न्यॆफ़स्कॉये रॆमया ने कहा: “जाने-माने विद्वानों ने . . . इस बात पर ज़ोर दिया कि इस संस्करण को, रूस और सेंट पीटर्सबर्ग के सांस्कृतिक जीवन की अत्यधिक सार्थकता के सबूत के रूप में आँका जाना चाहिए। चाहे एक व्यक्‍ति इस धार्मिक संगठन के कार्य के बारे में कुछ भी सोचे, अब से पहले गुमनाम रहे इस बाइबल अनुवाद का प्रकाशित होना बेशक बहुत ज़्यादा फ़ायदा पहुँचाएगा।”

निश्‍चय ही, परमेश्‍वर के सभी प्रेमियों को ख़ुशी होती है जब उसके लिखित वचन को ऐसी भाषा में उपलब्ध कराया जाता है जिसे आम लोग पढ़ और समझ सकते हैं। सब जगहों पर बाइबल के प्रेमी ख़ुश हैं कि एक और बाइबल अनुवाद, संसार भर में करोड़ों रूसी भाषी लोगों के लिए उपलब्ध कराया गया है।

[तसवीर]

माकारयॉस बाइबल के प्रकाशन की घोषणा इस संवाददाता सम्मेलन में की गयी थी

[पेज 23 पर तसवीर]

रशियन नैशनल लाइब्रेरी जहाँ यह छिपा ख़ज़ाना पाया गया था

[पेज 23 पर तसवीर]

पीटर महान ने बाइबल को रूसी भाषा में प्रकाशित करवाने की कोशिश की

[चित्र का श्रेय]

Corbis-Bettmann

[पेज 24 पर तसवीर]

जिरास्यिम पावस्की, जिसने रूसी भाषा की बाइबल के अनुवाद में योगदान दिया

[पेज 25 पर तसवीर]

मठाधीश माकारयॉस, जिसके नाम पर नयी रूसी बाइबल का नाम रखा गया है

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