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  • ‘प्रतिदिन बाज़ार में’
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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1998
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राज्य उद्‌घोषक रिपोर्ट करते हैं

‘प्रतिदिन बाज़ार में’

प्रेरित पौलुस ने राज्य संदेश फैलाने के हर मौके का फायदा उठाया। योग्य जनों को खोज निकालने के लिए वह “प्रतिदिन आराधनालय में यहूदियों से . . . और बाज़ार में उनसे जो वहां मिलते थे” तर्क करता था।—प्रेरितों १७:१७, NHT.

सामान्य युग पहली सदी से ही ऐसा जोश यहोवा के सच्चे उपासकों की छाप रहा है। (मत्ती २८:१९, २०) आज उसी तरह यहोवा के साक्षी जोश के साथ सच्चे दिल के लोगों को सच्चाई का सही-सही ज्ञान पाने में मदद करते वक्‍त अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। (१ तीमुथियुस २:३, ४) ऑस्ट्रेलिया का यह अनुभव इसका एक अच्छा उदाहरण है।

हर हफ्ते के पाँच दिन, सिड और हैरल्ड बारी-बारी से सिडनी के एक रेलवे स्टेशन के पास बाइबल साहित्य का एक छोटा-सा प्रदर्शन लगाते हैं। परमेश्‍वर के राज्य के सुसमाचार को इस तरह बताते हुए उन्हें अब पाँच साल हो चुके हैं। सिड जो अब ९५ साल का है, कहता है: “जब मैं ८७ का हुआ, मैं कार चलाने के काबिल न रहा। इससे मुझे निराशा हुई क्योंकि लोगों को गवाही देने का काम मुझे अच्छा लगता था। एक दिन जब मैं सैलानियों की जानी-मानी जगह, कातूम्बा के इको पॉइंट के पास था, मैंने एक कलाकार को प्राकृतिक दृश्‍यों के चित्र बेचते हुए देखा। मैंने उन चित्रों को गौर से देखा और सोचा, ‘मेरे प्रचार-बैग में इनसे अच्छे-अच्छे चित्र हैं—और उनकी कीमत इनके मुकाबले कुछ भी नहीं!’ सो मैंने ठान लिया कि प्रदर्शन के लिए एक छोटा-सा स्टैंड बनाऊँगा, किसी जानी-मानी जगह पर इसे लगाऊँगा और आने-जानेवालों को यहोवा के साक्षियों द्वारा दिए जा रहे सुंदर-सुंदर चित्रों का बाइबल साहित्य पेश करूँगा।”

“चार साल पहले, मैं अपना स्टैंड सिडनी ले गया और हैरल्ड भी मेरे साथ हो लिया। हम बारी-बारी से स्टैंड के पास रहते हैं और अपनी कलीसियाओं के साथ काम करते हैं।” हैरल्ड जो अब ८३ साल का है, कहता है: “सोमवार से शुक्रवार तक बहुत कम लोग घर पर होते हैं। सो इस तरीके से राज्य संदेश सुनाना, हमें वहाँ पहुँचा देता है जहाँ लोग हैं। कहने की ज़रूरत नहीं, हमें बेहतर परिणाम मिलते हैं। इस देश के हिसाब से हमारा साहित्य का वितरण बहुत बढ़िया है।”

सिड कहता है, “हालाँकि इन सालों में हमने चार या पाँच अलग-अलग जगहों पर स्टैंड लगाया है, फिर भी जल्द ही लोग हमें जानने-पहचानने लगते हैं। कुछ लोग हमारे पास साहित्य के लिए आते हैं। कुछ और अपने सवालों के जवाब के लिए आते हैं। और कुछ लोग सिर्फ थोड़ी देर बात करना चाहते हैं। यही ऐसा समय है जब दिलचस्पी दिखानेवालों के पास मैं नहीं जाता, वे खुद मुझसे मिलने आते हैं,” वह दबी-सी हँसी के साथ कहता है।

हैरल्ड आगे कहता है, “बहुत-से लोग बाइबल में सच्ची दिलचस्पी रखते हैं। जिन लोगों को हमने साहित्य दिया था और जिनके सवालों का जवाब हम बाइबल से दे पाए थे, उनमें से चार लोगों ने एक ही महीने में साक्षियों के साथ बाइबल का अध्ययन शुरू किया। ऐसे अनुभवों से हमारे हौसले बुलंद हो जाते हैं।”

सिड और हैरल्ड की तरह—और प्रेरित पौलुस की तरह—यहोवा के साक्षी सब जगहों पर अपने निहायत ज़रूरी संदेश को फैलाने के लिए मौजूद हर तरीके का इस्तेमाल करते हैं। इस तरह, “सुसमाचार सारे जगत में प्रचार किया” जा रहा है।—मत्ती २४:१४.

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